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प्रधानमंत्री गुजरात के नवासरी में सामाजिक अधिकारिता शिविर में 17 सितंबर, 2016 को दिव्‍यांगों को यंत्र और सहायक उपकरण वितरित करेंगे

देश-विदेश

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी सामाजिक अधिकारिता शिविर में दिव्‍यांगों के बीच यंत्र और सहायक उपकरणों का वितरण करेंगे। यह शिविर सामाजिक न्‍याय और अधिकारिता मंत्रालय के दिव्‍यांग सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्‍ल्‍यू डी) द्वारा गुजरात के नवासरी जिले में 17 सितंबर, 2016 को आयोजित किया जा रहा है। इस मौके पर गुजरात के राज्‍यपाल श्री ओ. पी. कोहली, मुख्‍यमंत्री श्री विजय रुपानी, केन्‍द्रीय सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री थावर चंद गहलोत तथा केन्‍द्र सरकार और राज्‍य सरकार के मंत्रालयों के वरिष्‍ठ अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। इस शिविर में 11 हजार से अधिक दिव्‍यांगों को करीब 10.7 करोड़ रुपये के नि:शुल्‍क सहायक उपकरण तथा प्रमाण पत्र आदि दिए जाएंगे। इस शिविर को गिनीज बुक के विश्‍व रिकार्ड की तीन श्रेणियों में नाम दर्ज कराने की संभावनाओं से भी देखा जा रहा है। इस कार्यक्रम के साथ ही साथ इन श्रेणियों में आठ घंटे में सबसे अधिक लोगों को सुनने में सहायक उपकरण लगाने, सबसे अधिक व्‍हील चेयर लोगो/इमेज और एक स्‍थान पर सबसे अधिक दीपक जलाने का रिकार्ड बनने की संभावना है।

दिव्‍यांग सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्‍ल्‍यू डी) का दृष्टिकोण वैसे समावेशी समाज की रचना करना है जिसमें दिव्‍यांगों को विकास के लिए समान अवसर प्रदान किया जा सके जिससे वे उत्‍पादक, सुरक्षित और प्रतिष्‍ठापूर्ण जीवन जी सकें। दिव्‍यांगों को यंत्रों/ सहायक उपकरणों को खरीदने में सहायता करने की स्‍कीम वर्ष 1981 से चलाई जा रही है। इस स्‍कीम(एडीआईपी) का मुख्‍य उद्देश्‍य विभिन्‍न क्रियान्‍वयन एजेंसियों(राष्‍ट्रीय संस्‍थान/समग्र क्षेत्रीय केंद्र, भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण कारपोरेशन(एएलआईएम सीओ/जिला दिव्‍यांग पुनर्वास केंद्र/राज्‍य दिव्‍यांग विकास कारपारेशन /अन्‍य स्‍थानीय इकाई /गैर सरकारी संस्‍थाएं) को दिव्‍यांगों को टिकाऊ, परिष्‍कृत और वैज्ञानिक तरीके से बने, आधुनिक, मानक यंत्र और उपकरण खरीदने के लिए अनुदान मंजूर करना है जिससे दिव्‍यांगों की शा‍रीरिक, सामाजिक और मानसिक पुनर्वास को विकलांगता के प्रभाव को कम करने को बढ़ावा दिया जा सके ताकि वे साथ-साथ अपनी आर्थिक संभावनाओं का विकास कर सकें। इस योजना के तहत सहायक उपकरण उपलब्‍ध कराने के पहले सुधारात्‍मक शल्‍य चिकित्‍सा कराने की भी व्‍यवस्‍था है। संशोधित योजना 1 अप्रैल 2014 से लागू है। एडीआईपी शिविर देश के विभिन्‍न भागों में नियमित रूप से आयोजित किए जाते हैं जो व्‍यापक रूप से ‘दिव्‍यांगता सशक्तिकरण’ के संदेश लोगों तक पहुंचाते हैं।

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