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फिलहाल सामाजिक दूरी ही सबसे शक्तिशाली वैक्‍सीन है: स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री डॉ. हर्षवधन

देश-विदेश

नई दिल्ली: नीति आयोग ने आज स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और गैर-सरकारी संगठनों तथा सामाजिक संगठनों के साथ एक संवादात्मक लाइव सत्र का आयोजन किया। इस सत्र का संचालन नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने किया।

नीति आयोग के दर्पण पोर्टल पर पंजीकृत सभी गैर सरकारी संगठनों ने इसमें भाग लिया। इनमें से कुछ प्रमुख गैर सरकारी संगठन हैं : बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, जिसका प्रतिनिधित्व हरि मेनन ने किया; हेल्पएज इंडिया जिसका प्रतिनिधित्व मैथ्यू चेरियन ने किया; टाटा ट्रस्ट, जिसका प्रतिनिधित्व एचएसडी श्रीनिवास ने किया; पीरामल स्वास्‍थ्‍य,जिसका प्रतिनिधित्व अश्विन देशमुख ने किया; सीवाईएसडी, जिसका प्रतिनिधित्वजगदानंद ने किया; प्रयास, जिसका प्रतिनिधित्व आमोद कंठ ने किया; रेड क्रॉस, जिसका प्रतिनिधित्व याहिया अलीबी ने किया; सेवा, जिसका प्रतिनिधित्व छाया बावरसर ने किया; माण देशी फाउंडेशन, जिसका प्रतिनिधित्वप्रभात सिन्हा ने किया; सुलभ इंटरनेशनल, जिसका प्रतिनिधित्वललित कुमार ने किया; लाल पैथलैब्स जिसका प्रतिनिधित्व अरविंद लाल ने किया; पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया, जिसका प्रतिनिधित्व के. श्रीनाथ रेड्डी ने किया; केयर इंडिया, जिसका प्रतिनिधित्व मनोज गोपालकृष्णन ने किया; वर्किंग वूमन फोरम, जिसका प्रतिनिधित्व नंदिनी आज़ाद ने किया; और अक्षय पात्र, जिसका प्रतिनिधित्व विजय शर्मा ने किया।

एनजीओ/सीएसओ ने कई मुद्दों का उल्लेख किया जिनमें अन्‍य के अलावा : कोविड-19 के रोगियों और फ्रंटलाइन कामगारों के निरादर और भेदभाव का मुकाबला करना; ग्रामीण क्षेत्रों में दवाओं की कमी; ई-पास के लिए सहायता की मांग करना; और अधिक पीपीई और एन95 मास्क का प्रावधान; संकट के लिए आंकड़ों द्वारा संचालित प्रतिक्रिया की मांग; प्रवासियों तक पहुंच बनाने और डिजिटल भुगतान को आसान बनाने में सहायता; लॉकडाउन हटाए जाने के बाद अनौपचारिक उद्यमियों को वित्तीय और नीतिगत सहायता; देश के दूरदराज के क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुओं को भेजना; ग्रीन जोन में आय-सृजन कार्यक्रम खोलने का प्रस्ताव; ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अधिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता; ग्रामीण क्षेत्रों में वर्चुअल केयर को बढ़ावा देना; आरटी-पीसीआर परीक्षणों की पूलिंग; चिकित्सा कर्मियों का क्षमता निर्माण; क्‍वारंटीन और गहन-देखभाल सुविधाओं में सुधार; अधिक विकेन्द्रीकृत सामुदायिक निगरानी तंत्र और सामुदायिक पोषण केंद्रों की आवश्यकता- जैसे मुद्दे शामिल हैं।

कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में एनजीओ और सीएसओ की ओर से किए जा रहे उत्कृष्ट, निस्वार्थ कार्यों की सराहना करते हुएस्वास्थ्य मंत्री ने लॉकडाउन जारी रखने में उनकी सहायता की अपील की। उन्होंने भारतीय नागरिकों का कल्‍याण सुनिश्चित करने की दिशा में उनके कुशल प्रयासों की सराहना की।

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि चीन में नोवल कोरोना वायरस के प्रकोप के बारे में पता चलते ही भारत ने तत्काल सक्रियता दर्शाते हुए कदम उठाए। केंद्र सरकार ने तुरंत राज्यों को परामर्श जारी किया,कठोर सामुदायिक स्वास्थ्य निगरानी की शुरुआत की तथा हवाई अड्डों, सीमाओं और साथ ही बंदरगाहों पर थर्मल स्क्रीनिंग शुरू की।

उन्होंने कोविड-पॉजिटिव रोगियों और इस युद्ध  में संलग्‍न फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं के निरादर के मुद्दे पर विस्‍तार से चर्चा की।सरकार ने कोविड-19 महामारी जैसे स्वास्थ्य संकटों के दौरान हिंसा से स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए हाल ही में महामारी रोग अधिनियम में संशोधन किया है। उन्‍होंने कहा हालांकि सब कुछ कानून की मदद से हल नहीं किया जा सकता इसलिए इन कर्मियों के निरादर के खतरे से निपटने के लिए गैर-सरकारी संगठनों और सीएसओ की सहायता की आवश्‍यकता है। उन्होंने अपने गृहनगरों और गांवों में प्रवासी कामगारों के त्रुटिहीन समावेशन में भी उनकी मदद मांगी। उन्होंने कहा कि जब वे अपने घरों को लौटेंगे, तो कुछ विरोध हो सकता है, ऐसे में गैर सरकारी संगठन सहायता कर सकते हैं। इन लोगों को फिर से व्‍यवस्थित होने, पर्याप्त परीक्षण और सही मार्गदर्शन सुनिश्चित करने के लिए समाज की मदद की आवश्यकता होगी।’

उन्होंने जिलों के वर्गीकरण के बारे में भी चर्चा की, जहां 129 जिलों की पहचान हॉटस्पॉट के रूप में, वहीं लगभग 297 की जिलों की पहचान नॉन-हॉटस्पॉट जिलों के रूप में तथा 300 से अधिक जिलों की पहचान अप्रभावित जिलों के रूप में की गई है। उन्‍होंने कहा, ‘हमारी तीन श्रेणियां हैं- रेड, ऑरेंज और ग्रीन। रेड जोन्‍स। रेड जोन्‍स में अगले चौदह दिनों में एक भी मामला सामने नहीं आने पर हम उसको ऑरेंज जोन्‍स में लाने में मदद करते हैं और ऑरेंज जोन से ग्रीन जोन में जाने के लिए भी ऐसा ही है। हमें बहुत अच्‍छे से पता है कि देश में  हमारा दुश्मन कहां है और हम जानते हैं कि इस दुश्मन से कैसे निपटना है। हम अपनी सभी ताकतों का उपयोग करते हुएइसे परास्‍त करेंगे।’

पीपीई और मास्क के बारे मेंउन्होंने कहा, ‘हमने देश में 108 विनिर्माताओं को सक्षम और हैंडहैल्‍ड किया है, जो अब प्रतिदिन 1 लाख से अधिक पीपीई का निर्माण कर रहे हैं। हम अब प्रतिदिन एक लाख से अधिक एन95 मास्क का निर्माण कर रहे हैं। इन आवश्यक वस्तुओं की पर्याप्त आपूर्ति है और हम इन्‍हें राज्यों को वितरित कर रहे  हैं।’

उन्होंने इस बात का भी उल्‍लेख किया कि आयुष मंत्रालय ने प्रतिरक्षा को बढ़ाने वाली प्राकृतिक वस्‍तुओं के बारे में दिशानिर्देश जारी किए हैं ।

सभी से आरोग्यसेतु ऐप डाउनलोड करने का अनुरोध करते हुए स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने कोविड -19 के खिलाफ लड़ाई में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह एप हमें बहुत आवश्‍यक सुरक्षा प्रदान करता है। उन्होंने इस बात भी उल्लेख किया किसरकार ने ट्विटर इंडिया के सहयोग से @CovidIndiaSevaलॉन्च किया हैऔर नागरिक ऐसी किसी भी विशिष्ट समस्या या समाधान के साथ इस तक पहुंच बना सकते हैं जिसके बारे वे हमसे बात करना चाहते हैं और मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि हम कम से कम समय में आपकी समस्‍याओं को हल करेंगे।’

अंत में, डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, ‘नियमित रूप से अपने हाथों और चेहरों को धोना और हर समय मास्क पहनना आपको और आपके प्रियजनों को इस संक्रमण से बचाएगा। ये सरल सावधानियां हैं। घर पर बड़ों की खास तौर पर देखभाल करें, क्योंकि वे ज्‍यादा असुरक्षित हैं। घर पर रहिए, घर से काम कीजिए। जब तक हम इसके लिए वैक्‍सीन नहीं तलाश लेते, तब तक सामाजिक दूरी और राष्ट्रीय लॉकडाउन हमारा सबसे शक्तिशाली सामाजिक वैक्‍सीन है।’

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