26 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

आरोग्य सेतु ऐप से अलर्ट जनरेट आने पर कन्ट्रोल रूम द्वारा अब तक लगभग 3,04,635 लोगों को फोन कर जानकारी प्राप्त की गयी

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री अमित मोहन प्रसाद ने आज यहां लोक भवन में प्रेस प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि कोविड-19 से संक्रमित हुए बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक का उत्तर प्रदेश में सफल उपचार किया गया है। क्रिटिकल अवस्था के रोगियों का भी सफलतापूर्वक इलाज हुआ है। रोग मुक्त हुए ऐसे समस्त लोगों की केस हिस्ट्री के अध्ययन पर बल देते हुए उन्होंने चिकित्सकों से अपेक्षा की है कि वे इस सम्बन्ध में और अधिक शोध करें। इससे उपचार की कारगर विधि को विकसित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने रैपिड एन्टीजन टेस्ट की संख्या को बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि सर्वे की कार्यवाही के दौरान घर-घर की जाने वाली मेडिकल स्क्रीनिंग में जो लोग संक्रमण की दृष्टि से संदिग्ध मिलें उनकी रैपिड एन्टीजन टेस्टिंग द्वारा जांच की जाए। संक्रमण की पुष्टि होने पर उपचार हेतु कोविड चिकित्सालय में भर्ती कराया जाए।
श्री प्रसाद ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने समस्त जनपदों में एम्बुलेंस की संख्या में वृद्धि के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की देखरेख में इंटीग्रेटड कमाण्ड एवं कन्ट्रोल सेन्टर स्थापित करते हुए इसके माध्यम से एम्बुलेंस सेवाओं के संचालन, मेडिकल स्क्रीनिंग, सर्वे कार्य सहित कोविड-19 की रोकथाम सम्बन्धी समस्त गतिविधियों की माॅनिटरिंग की जाए। उन्होंने संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए काॅन्टैक्ट ट्रेसिंग की कार्यवाही को सुव्यवस्थित ढंग से करने के निर्देश भी दिए हैं। मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि आज व कल पूरे प्रदेश में संचालित दो-दिवसीय विशेष अभियान के दौरान स्वच्छता व सेनिटाइजेशन के सम्बन्ध में प्रभावी कार्यवाही की जाए। कोविड-19 तथा संचारी रोगों के नियंत्रण के लिए चलाए जा रहे इस अभियान को सफल बनाने में जनता की सक्रिय भागीदारी जरूरी है। इसलिए लोग अनावश्यक अपने घरों से बाहर न निकलंे। उन्होंने वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को अपने प्रभार वाले जनपद में विशेष अभियान की मुख्यालय से सघन माॅनिटरिंग करने के निर्देश भी दिए हैं।
श्री प्रसाद ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि अभियान के दौरान सेनिटाइजेशन सहित एन्टी लार्वा रसायनों के छिड़काव तथा फाॅगिंग का कार्य किया जाए। शुद्ध पेयजल आपूर्ति के सम्बन्ध में प्रभावी कार्यवाही की जाए। पेयजल की शुद्धता की जांच की जाए। पानी की टंकियों की सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए। यदि कहीं जल जमाव हो, तो उसे तत्काल दूर किया जाए। उन्होंने ग्राम्य विकास, पंचायतीराज, नगर विकास, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभागों को आपसी समन्वय से कार्य करने के निर्देश देते हुए कहा है कि इससे कोविड-19 तथा वेक्टर जनित रोगों पर प्रभावी विराम लग सकेगा। उन्होंने कोविड तथा नाॅन कोविड अस्पतालों की नियमित माॅनिटरिंग किए जाने के भी निर्देश दिए हैं।
श्री प्रसाद ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि अभी तक कोविड-19 के उपचार के लिए कोई कारगर दवा अथवा वैक्सीन विकसित नहीं हुई है, इसलिए इस रोग से बचने के लिए निरन्तर सावधानी और सतर्कता बरतना जरूरी है। इस सम्बन्ध में लोगों को सतत जागरूक किए जाने पर बल देते हुए उन्होंने कहा है कि आमजन को यह बताया जाए कि जब बहुत जरूरी हो, तभी घर से बाहर निकलें। यदि बाहर निकलना ही है, तो मास्क का उपयोग एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य रूप से करें। उन्होंने चिकित्साकर्मियों को मेडिकल इन्फेक्शन से सुरक्षित रखने के लिए प्रशिक्षण कार्यवाही को निरन्तर जारी रखने के निर्देश भी दिए हैं। मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि पुलिस बल को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रवर्तन कार्य के दौरान पुलिसकर्मी मास्क तथा ग्लव्स अनिवार्य रूप से पहनें तथा सेनिटाइजर का नियमित उपयोग भी करें।
श्री प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में टेस्टिंग का कार्य तेजी से किया जा रहा है। प्रदेश में कल एक दिन में 46,769 सैम्पल की जांच की गयी। इस प्रकार कोविड-19 की जांच में 14 लाख का आकड़ा पार करते हुए प्रदेश में अब तक कुल 14,26,303 सैम्पल की जांच की गयी है। प्रदेश में विगत 24 घंटंे में 1,986 नये मामले आये है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 17,264 कोरोना के मामले एक्टिव हैं। अब तक 28,664 मरीज पूरी तरह से उपचारित हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि पूल टेस्ट के अन्तर्गत कुल 3118 पूल की जांच की गयी, जिसमें 2815 पूल 5-5 सैम्पल के तथा 303 पूल 10-10 सैम्पल की जांच की गयी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 55 हजार से अधिक कोविड हेल्प डेस्क स्थापित हैं।

श्री प्रसाद ने बताया कि 1,73,089 सर्विलांस टीम द्वारा 1,25,47,145 घरों के 6,39,50,402 लोगों का सर्वेक्षण किया गया है। उन्होंने बताया कि आरोग्य सेतु ऐप से अलर्ट जनरेट आने पर कन्ट्रोल रूम द्वारा निरन्तर फोन किया जा रहा है। अलर्ट जनरेट होने पर अब तक लगभग 3,04,635 लोगों को कंट्रोल रूम द्वारा फोन कर जानकारी प्राप्त की गयी। उन्होंने बताया कि बारिश के मौसम में आर्द्रता बढ़ने के कारण हमेशा मुंह और नाक को मास्क से ढंककर रखने की आवश्यकता है क्योंकि इस समय संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आने पर उनसे बात करते समय भी संक्रमण हो सकता है।
श्री प्रसाद ने बताया कि नाॅन कोविड केयर के अन्तर्गत सभी 75 जनपदों में ट्रूनैट मशीनें क्रियाशील हैं जिससे किसी भी अन्य बीमारी से ग्रसित व्यक्ति का उपचार करने से पूर्व उसकी कोरोना जांच कर वास्तविक स्थिति ज्ञात कर उसका उपचार किया जा सके। उन्होंने बताया कि आज ‘जूम प्लेटफार्म’ पर प्रदेश के सभी जनपदों के चिकित्सा अधिकारियों एवं पैरामेडिकल स्टाफ को ट्रूनैट मशीन से कोरोना टेस्ट किये जाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी 75 जनपदों में एन्टीजन टेस्ट किट उपलब्ध कराई जायेगी।
श्री प्रसाद ने बताया कि ऐसे लोगो के लिए जो लोग चिकित्सा के दौरान चिकित्सीय सुविधाओं के अतिरिक्त अन्य सेवाओं को बेहतर पाना चाहते है, उनके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा एल-1$ स्तर की लखनऊ एवं गाजियाबाद में नई व्यवस्था की गयी है। इन सुविधाओं को शीघ्र ही अन्य जनपदों में भी लागू किया जायेगा। इसके तहत जिला प्रशासन द्वारा होटल का अधिग्रहण कर एसिम्टोमेटिक मरीजों को वहां रखा जायेगा, जहां पर मरीजों को राजकीय चिकित्सा सुविधा दी जायेगी। जिसके लिए डबल आॅक्युपेन्सी हेतु 2000 रूपये प्रतिदिन देय होगा।
श्री प्रसाद ने बताया कि होटल के अधिकतम 25 प्रतिशत कक्ष सिंगल आॅक्युपेंसी पर महिलाओं, छोटे बच्चों, 50 वर्ष से 65 वर्ष तक के व्यक्तियों को दिये जाएंगे। शेष 75 प्रतिशत कक्ष डबल आॅक्युपेंसी पर दिये जाएंगे। उन्होंने बताया कि 65 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं, असाध्य रोग से ग्रस्त रोगियों तथा अभिभावक रहित छोटे बच्चों को यहां भर्ती नहीं किया जायेगा। एल-1$ स्तर की इन सुविधाओं पर कोविड केयर सेन्टर के समस्त प्रोटोकाॅल का पालन सुनिश्चित किया जायेगा। किसी भी मरीज की तबियत बिगड़ने की आशंका होने पर उसे तत्काल आवश्यकतानुसार एल-2 अथवा एल-3 अस्पताल में स्थानान्तरित कर दिया जायेगा। ऐसी स्थिति में अवशेष धनराशि होटल प्रशासन द्वारा वापस कर दी जायेगी।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More