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भारत को विश्व की कौशल राजधानी बनाने के लिए कौशल प्रशिक्षक महत्वपूर्ण हैं: धर्मेंद्र प्रधान

देश-विदेश

केंद्रीय शिक्षा मंत्री और कौशल विकास मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने 41 कौशल प्रशिक्षकों को कौशल पारिस्थितिकी तंत्र में उनके अनुकरणीय योगदान के लिए कौशलाचार्य पुरस्कार 2021 वस्तुतः प्रदान किए। ये 41 प्रशिक्षक प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी), अप्रेंटिसशिप, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई), जन शिक्षण संस्थान (जेएसएस) और उद्यमिता  की स्किल इंडिया योजना की  कई पहलों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों से हैं।

इस अवसर पर श्री प्रधान ने कहा कि भारत को विश्व की कौशल राजधानी बनाने के हमारे प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने में हमारे कौशल प्रशिक्षकों को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। उन्होंने आग्रह किया कि हमें कौशल को और अधिक आकांक्षी बनाने की दिशा में काम करना चाहिए। उन्होंने रोजगार के लिए भविष्य में और सक्रियता से काम करने तथा भविष्य की कौशल मांग को समझने का आह्वान किया। श्री प्रधान ने प्रशिक्षकों को उन्नत करने के लिए नवीन तरीकों पर ध्यान केंद्रित करने और जमीनी स्तर पर कौशल विकास की योजना बनाने के लिए एक आमूल चूल (बॉटम-अप) दृष्टिकोण अपनाने पर बल दिया।

श्री प्रधान ने जोर देकर कहा कि नई शिक्षा नीति (एनईपी) ने शिक्षा और कौशल के अभिसरण (कन्वर्जेन्स) का आह्वान किया है और सरकार कौशल को अकादमिक समानता प्रदान करने तथा  एक मजबूत एकीकृत पारिस्थितिकी तंत्र बनाने पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि नए व्यवसाय और कौशल मॉडल विकसित हो रहे हैं जो महामारी के बाद की दुनिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि ‘पढ़ाई और कमाई’ के प्रतिमान के साथ-साथ हमें अपने युवाओं को सशक्त बनाने के इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए।

मंत्री महोदय ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि भारत की आजादी के 100 साल पूरे करने की दिशा में आगे बढ़ते हुए सभी प्रयासों में हमारी यह भावना होनी चाहिए।

विभिन्न श्रेणियों के तहत प्रशिक्षकों को उनके योगदान के लिएसम्मानित किया गया। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) प्रशिक्षक (ट्रेनर) और प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) प्रमुख प्रशिक्षक (मास्टर ट्रेनर) में उत्कृष्टता की दो श्रेणियों के तहत पांच प्रशिक्षकों को सम्मानित किया गया। जन शिक्षण संस्थान (जेएसएस) के तहत नौ प्रशिक्षकों को पुरस्कार मिला और दो प्रशिक्षकों को उद्यमिता में उनके योगदान के लिए पुरस्कृत किया गया। इसके अलावा, पांच उम्मीदवारों को प्रशिक्षु (अप्रेंटिसशिप) श्रेणी के तहत पुरस्कार प्राप्त हुए तथा दो प्रशिक्षकों को गैर-इंजीनियरिंग श्रेणी के लिए प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) से सम्मानित किया गया। अभियांत्रिकी (इंजीनियरिंग) श्रेणी में दो पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया गया। भारत के व्यावसायिक प्रशिक्षण पारिस्थितिकी तंत्र के स्तंभ औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के 11 प्रशिक्षकों को सम्मानित किया गया था।

पुरस्कार विजेताओं की सूची देखने के लिए यहां क्लिक करें- 

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