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सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश क्रमशः 80 और 85 वीडीवीके क्लस्टरों के अंतर्गत 1,250 और 1,330 वीडीवीके लॉन्च करने के लिए तैयार

देश-विदेश

ट्राइफेड, जनजातीय कार्य मंत्रालय ने हाल ही में पूर्वोत्तर के दो राज्यों, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश की टीमों और वीडीवीके के साथ मिलकर एक आउटरीच सत्र का आयोजन किया है। यह सत्र राज्य स्तरीय वेबिनारों की श्रृंखला में से एक है, जिसका आयोजन वन धन पहल के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा के लिए किया जाता है। सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश पूर्वोत्तर से शामिल होने वाले नवीनतम राज्य हैं। दोनों राज्यों की ओर से शामिल हुए (एसआईए, एसएनए, वीडीवीकेसी) सभी प्रतिभागियों को 1,250 और 1,330 वीडीवीके लॉन्च करने के लिए सहमत और तैयार कर लिया गया है, जिन्हें सिक्किम में 80 वीडीवीके क्लस्टर और अरुणाचल प्रदेश में 85 वीडीवीके क्लस्टर में शामिल किया जाएगा।

इस वेबिनार की शुरुआत श्री प्रवीर कृष्ण, एमडी, ट्राईफेड के संबोधन के साथ हुई, जिन्होंने महामारी के इस कठिन समय में सुरक्षा के पूर्ण उपायों को ध्यान में रखते हुए जनजातीय लोगों के लिए रोजगार और आय सृजन में सहायता करने वाली एमएफपी योजना, वन धन योजना और अन्य अभिसरण परियोजनाओं के लिए एमएसपी के कार्यान्वयन की आवश्यकता और महत्व की बात को दोहराया।

इसके बाद, दोनों राज्यों के प्रतिनिधियों ने एमएफपी योजना और वन धन योजना के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य के कार्यान्वयन वाली स्थिति पर त्वरित प्रगति पर अपडेट दिया। अरुणाचल प्रदेश में 85 वीडीवीकेसी की पहचान की गई है और उनपर काम किया जा रहा है, जिससे उन्हें जल्द से जल्द मंजूरी प्रदान की जा सके।

सिक्किम में वन धन योजना के लिए 1,200 लाख रुपये की राशि पहले ही स्वीकृत की जा चुकी है। सभी 80 वीडीवीकेसी को जल्द से जल्द संचालित करने के प्रयास भी शुरू किए जा चुके हैं। इस लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में तत्कालिक रूप से अगले कदमों के एक हिस्से के रूप में यह निर्णय लिया गया है कि दोनों राज्यों की राज्य एजेंसियां एमएसपी खरीद और अवसंरचना के विकास के लिए योजनाओं की तैयारियां शुरू करेंगी। प्रत्येक वीडीवीकेसी के लिए पांच-चरण वाली योजनाएं भी तैयार की जाएगी। प्रथम चरण में, प्रत्येक वीडीवीकेसी में एमएफपी की खरीद के लिए मदों की पहचान करना और खरीद शेड और गोदामों सहित अवसंरचना के सुनियोजित विकास के साथ इसे मजबूती प्रदान करना शामिल है। द्वितीय चरण में, जारी किए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रत्येक क्लस्टर के लिए स्थानीय एनजीओ या एनआरएलएम अधिकारियों की सलाहकार के रूप में नियुक्ति और प्रत्येक क्लस्टर खाते में 10 लाख रुपये स्थानांतरित करके प्रत्येक क्लस्टर को धन राशि जारी करना शामिल है। तृतीय चरण में, प्रत्येक क्लस्टर के लिए व्यवसाय योजना तैयार करने की आवश्यकता होगी, जिसमें वीडीवीके क्लस्टर और वीडीवीके की पहचान के लिए बैंक खाता खोलने, पहचान-सूचक और बोर्ड स्थापित करने सहित मूल्यवर्धन और अन्य औपचारिकताओं को पूरा करना शामिल है। चौथे चरण में, बिजनेस प्लान के अनुसार अपने चयनित उत्पादों के उत्पादन, ब्रांडिंग, पैकेजिंग और बिक्री में प्रत्येक क्लस्टर की योजना और सुविधा की परिकल्पना की गई है। और पांचवें चरण में, कार्यक्रम के दायरे का विस्तार करने के लिए ईएसडीपी, स्फूर्ति और ट्राईफूड योजनाओं को संबंधित समूहों के साथ धीरे-धीरे जोड़ा जाएगा।

बाकी वेबिनार, राज्य की टीमों या वन धन विकास केंद्रों या समूहों के प्रतिनिधियों द्वारा पूछे गए किसी भी संबंधित प्रश्नों के स्पष्टीकरण पर केंद्रित था। इस वेबिनार में यूनिसेफ के प्रतिनिधियों ने कोविड के दौरान सुरक्षित प्रथाओं का पालन करने हेतु वीडीवीके सदस्यों का मार्गदर्शन करने के लिए भाग लिया। यह अनुदान के आधार पर, उपरोक्त गतिविधियों में से प्रत्येक के लिए ज्यादा से ज्यादा जनजातीय परिवारों को स्थायी आजीविका प्रदान करेगा, जो राज्य के आकांक्षी और दूर-दराज के क्षेत्रों के लिए स्थानीय संपत्ति आधार और वहां रहने वाले लोगों के कौशल सेट के आधार पर विकास को बढ़ावा देने के लिए एक व्यवहार्य अंतर वित्त पोषण प्रदान करेगा।

इससे अनुदान के आधार पर राज्य के आकांक्षी और दूर-दराज के क्षेत्रों के लिए विजिबिलिटी गैप फंडिंग के रूप में उपरोक्त गतिविधियों में से प्रत्येक के लिए ज्यादा से ज्यादा जनजातीय परिवारों को स्थायी आजीविका प्रदान की जाएगी, जिससे वहां रहने वाले स्थानीय लोगों के परिसंपत्ति आधारित विकास और कौशल आधारित विकास को बढ़ावा दिया जा सके।

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देश भर में शेष बचे हुए भागीदार राज्यों के शीर्ष अधिकारियों के साथ और ज्यादा वेबिनारों की एक श्रृंखला का आयोजन अगले दो हफ्तों में, 28 मई, 2021 तक, करने की योजना बनाई गई है। लघु वनोपज (एमएफपी) और इसके घटक, वन धन ट्राइबल स्टार्ट-अप का विपणन करने के लिए तंत्र, जनजातीय आबादी की आय और आजीविका सृजन करने की दिशा में ट्राइफेड, जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा लागू की गई एक पहल है। जनजातीय कार्य मंत्रालय की एक प्रमुख योजना, वन अधिकार अधिनियम, 2005 से अपनी ताकत प्राप्त करते हुए, एमएफपी योजना के लिए एमएसपी का उद्देश्य जनजातीय संग्रहकर्ताओं को वन उत्पादों लिए लाभकारी और उचित मूल्य प्रदान करना है, जो बिचौलियों के माध्यम से प्राप्त होने वाली आय से लगभग तीन गुना अधिक है और उनकी आय को तिगुना करेगा।

वन धन ट्राइबल स्टार्ट-अप, वन-आधारित जनजातियों के लिए स्थायी आजीविका निर्माण सुविधा प्रदान करने के लिए वन धन केंद्रों की स्थापना करके लघु वन उत्पादों का मूल्यवर्धन, ब्रांडिंग और विपणन करने वाला एक कार्यक्रम है। एक आदर्श वन धन विकास केंद्र में 20 जनजातीय सदस्य शामिल होते हैं। ऐसे 15 वन धन विकास केंद्र मिलकर एक क्लस्टर बनाते हैं। वन धन विकास केंद्र क्लस्टर्स (वीडीवीकेसी), वन धन विकास केंद्रों को श्रेणी, आजीविका और बाजार-संपर्क के साथ-साथ उद्यमिता के अवसर प्रदान करते हैं।

दोनों योजनाएं मिलकर जनजातीय लोगों को उनकी आय और रोजगार में सुधार करने का विशाल अवसर प्रदान करती हैं। कार्यान्वयन में हुई प्रगति को निरंतर जारी रखने और इसे अगले स्तर तक लेकर जाने के लिए, एमएफपी के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य के साथ वन धन योजना को जोड़ने की परिकल्पना की गई है। ऐसा करने का एक तरीका वन धन योजना का उद्यम मॉडल के साथ अभिसरण के रूप में है: स्फूर्ति (पारंपरिक उद्योगों के उत्थान के लिए एक निधि योजना) और ट्राइफूड के अंतर्गत प्रसंस्करण से क्लस्टर विकास तक।

इस माह आयोजित किए जा रहे वेबिनार, राज्य कार्यान्वयन एजेंसियों और अन्य हितधारकों के लिए आपस में जुड़ने, समीक्षा करने और कार्रवाई को सही दिशा में लेकर जाने का एक अवसर है जिससे इन योजनाओं के कुशल कार्यान्वयन से जनजातीय आबादी को अधिकतम लाभ प्राप्त हो सके।

इन योजनाबद्ध पहलों के सफल कार्यान्वयन के साथ, ट्राइफेड जनजातीय ईको सिस्‍टम को रूपांतरित करने और पूरे देश में जनजातीय लोगों के बीच अमूल-जैसी क्रांति की शुरुआत करने की दिशा में काम कर रहा है।

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