23 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

श्रीमद्भागवत महापुराण कथा ‘ज्ञान यज्ञ’, यह मोक्ष और मुक्ति से जुड़ा हुआ है: सीएम

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी आज जनपद बागपत में श्री गुरु गोरक्षनाथ आश्रम, भगवानपुर नागल में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा महापुराण के शुभारम्भ कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। उन्होंने आश्रम परिसर में नवनिर्मित सत्संग भवन का लोकार्पण किया। इसके पूर्व, उन्होंने आश्रम में स्थित श्री गुरु गोरक्षनाथ मंदिर और नवदुर्गा मंदिर में दर्शन-पूजन किया। उन्होंने परिसर में रुद्राक्ष का पौधा भी रोपित किया।
मुख्यमंत्री जी ने श्री गुरु गोरक्षनाथ आश्रम में श्रीमद्भागवत कथा महापुराण का शुभारम्भ करने के उपरान्त अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत के पर्व और त्योहार उत्साह और उमंग की परम्परा के वाहक हैं। इसमें शोक और दुःख के लिए कोई जगह नहीं है। हमने सदैव सकारात्मक सोच के साथ भारत की परम्परा को आगे बढ़ाने का कार्य किया है। पर्व और त्योहार भारत की ऋषि परम्परा की साधना और सिद्धि का परिणाम हैं। उन्होंने कहा कि अच्छा सोचो, अच्छा करो तो परिणाम अच्छा ही आएगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बागपत की धरती का महत्व महाभारत कालीन है। श्रीकृष्ण ने जिन पांच ग्रामों को दुर्योधन से मांगा था, उसमें बागपत की धरती भी शामिल थी। उन्होंने कहा कि हाल ही में प्रदेश में विजयदशमी का पर्व सम्पन्न हुआ है। यह सत्य, धर्म और न्याय की विजय का पर्व है।
मुख्यमंत्री ने श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के शुभारंभ पर कहा कि यह महापुराण कथा ‘ज्ञान यज्ञ’ है। यह मोक्ष और मुक्ति से जुड़ा हुआ है। हम सभी मुक्ति के लिए विभिन्न धाम और तीर्थों में जाकर कामना करते हैं। हम दान और यज्ञ भी मुक्ति की कामना से करते हैं। मुक्ति या मोक्ष का अर्थ है, जिस संकल्प के साथ हम बढ़े हैं, उसमें पारंगत हो जाएं। अलग-अलग व्यक्ति के लिए मुक्ति का अर्थ अलग अलग हो सकता है। संन्यासी के लिए यह जन्म मरण के बंधन से छूटना है तो गृहस्थ के लिए उसके सत्कर्मों का सुफल मिलना है। इस महापुराण में ज्ञान, भक्ति और वैराग्य तीनों मिलता है।
मुख्यमंत्री जी ने आश्रम के महंत योगी अर्जुननाथ जी की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने यहां देश के विभिन्न हिस्सों से संतों, योगेश्वरों और श्रद्धालुओं को आमंत्रित किया है। एक योगी जंगल में भी मंगल कर सकता है। महंत योगी अर्जुननाथ ने यहां बड़े सभागार और सरोवर का निर्माण कराया है। अब इनके संरक्षण के लिए स्थानीय जनमानस को आगे आना होगा। धार्मिक स्थलों के संरक्षण से नई ऊर्जा मिलती है। कथा को लेकर लोगों में उत्साह सराहनीय है। यहां विभिन्न धार्मिक आयोजनों से जुड़ने का आप सभी को अवसर मिलेगा। इससे समाज में सकारात्मकता बढ़ेगी। खुशहाली आएगी और अव्यवस्था समाप्त होगी। यही हमारे जीवन का उद्देश्य होना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने श्रीमद्भागवत पुराण की कथा वाचिका व्यासपीठ पर विराजमान सुश्री नीरज शर्मा की प्रशंसा की। उन्होंने वेदों का उदाहरण भी दिया कि वेदों की तमाम ऋचाएं विदूषियों द्वारा रची गई हैं। मुख्यमंत्री जी ने इसके लिए नारी शक्ति का वंदन अभिनंदन किया। इस अवसर पर वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री श्री के0पी0 मलिक, जनप्रतिनिधिगण तथा नाथ संप्रदाय के प्रमुख संत उपस्थित रहे

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More