38 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने सांस्‍कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केन्‍द्र के ई-पोर्टल ‘डिजिटल भारत डिजिटल संस्कृति’ और सीसीआरटी यूट्यूब चैनल की शुरूआत की

देश-विदेश

नई दिल्ली: श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने आज नई दिल्ली में सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केन्द्र (सीसीआरटी) के ई-पोर्टल ‘डिजिटल भारत डिजिटल संस्कृति’ और सीसीआरटी यूट्यूब चैनल की शुरूआत की। इस अवसर पर सीसीआरटी की अध्यक्ष डॉ. हेमलता एस. मोहन भी उपस्थित थीं।

इस अवसर पर श्री प्रहलाद सिंह ने सीसीआरटी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि देश भर की कक्षाओं में डिजिटल संवाद माध्यम के जरिये सांस्कृतिक शिक्षा के प्रसार में सुविधा होगी। उन्होंने बताया कि इस पहल के लिए सीसीआरटी ने एक गैर-सरकारी संगठन ‘रूट्स 2 रूट्स’ के साथ समझौता किया है ताकि गुवाहाटी, उदयपुर और हैदराबाद के सीसीआरटी क्षेत्रीय केंद्रों को जोड़ा जा सके।

http://164.100.117.97/WriteReadData/userfiles/image/image001TVJM.jpg

श्री प्रहलाद सिंह पटेल और सीसीआरटी की अध्यक्ष डॉ. हेमलता एस मोहन ने सीसीआरटी क्षेत्रीय केंद्रों में चलने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रमों के प्रतिभागियों तथा देश भर के स्कूली बच्चों के साथ बातचीत की। श्री पटेल ने सुनील शुक्ला द्वारा निर्देशित फिल्म ‘रहस’ को जारी किया। यह फिल्म छत्तीसगढ़ की रासलीला पर आधारित है। इसके बाद उन्होंने श्री जीवन सिंह ठाकुर द्वारा लिखित ‘देवास की सांस्कृतिक परम्परा’ नामक पुस्तक का विमोचन भी किया।

http://164.100.117.97/WriteReadData/userfiles/image/image002B2YP.jpg

श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि हर बच्चे में स्वाभाविक प्रतिभा होती है, इसकी पहचान करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सीसीआरटी को बीच में पढ़ाई छोड़ देने वाले बच्चों को ऐसा मंच प्रदान करना चाहिए ताकि वे मुख्य धारा में शामिल हो सकें और संगीत, चित्रकारी, थियेटर, मार्शलआर्ट और अन्य कलाओं में अपना करियर बना सकें।

http://164.100.117.97/WriteReadData/userfiles/image/image0037ORX.jpg श्री पटेल ने कहा कि आगामी 3 वर्षों के दौरान हम 10 से 12 कक्षाओं में पढ़ने वाले बच्चों के लिए पूर्वोत्तर की यात्रा की योजना बनाएंगे। उन्होंने कहा कि विश्व में भारत एकमात्र ऐसा देश है जहां इतनी अधिक संख्या में भाषाएं मौजूद हैं। श्री पटेल ने कहा कि छात्रों को क्षेत्रीय भाषायें सीखने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। इस कदम से भारत के नागरिकों के बीच का जुड़ाव मजबूत होगा।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More