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शैलश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार से पुरस्कृत शिक्षकों के साथ मुख्यमंत्री हरीश रावत व शिक्षा मंत्री मंत्रीप्रसाद नैथानी

उत्तराखंड
देहरादून : राजकीय शिक्षक प्रदेश में शैक्षिक प्रतिस्पर्धा का वातावरण तैयार कर शिक्षा के उन्नयन के लिए काम करें।

मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शनिवार को शिक्षक दिवस के अवसर पर राज्य में शिक्षा के उन्नयन एवं गुणात्मक सुधार हेतु उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों को शैलश मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार से पुरस्कृत किया। सौंडा सरोली, थानो रोड़, रायपुर स्थित धर्मा इन्टर नेशनल स्कूल परिसर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने यह पुरस्कार वर्ष 2012 एवं वर्ष 2013 में प्रारम्भिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, तकनीकि शिक्षा एवं संस्कृत शिक्षा में उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों को प्रदान किये।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने देश के पूर्व राष्ट्रपति डाॅ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को नमन करते हुए शिक्षक दिवस पर प्रदेश के सभी शिक्षक, शिक्षिकाओं को हार्दिक बधाई दी है। उन्होंनेे कहा है कि छात्रों के चरित्र निर्माण एवं उन्हे देश का योग्य नागरिक बनाने में शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान है। अच्छी शिक्षा के माध्यम से ही देश का सुनियोजित विकास एवं भविष्य निर्धारित किया जा सकता है और इसमें शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में सुधार करने के लिए बहुआयामी प्रयासों की आवश्यकता है। सरकारी के साथ ही निजी क्षेत्र को भी इन प्रयासों में शामिल करना होगा। विद्या दान सबसे बड़ा दान है। हमारी संस्कृति में इस दान की महŸाा का बताया गया है। निजी क्षेत्र को भी प्रदेश की शिक्षा संबंधी आवश्यकताओं को समझना होगा। शिक्षा में निजी निवेश को प्ररित करने के लिए ही आज का कार्यक्रम निजी स्कूल में आयोजित किया गया। परंतु सरकारी शिक्षकों को शिक्षा की गुणवŸाा में सुधार के लिए अग्रणी भूमिका निभानी होगी। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि जब सरकारी अध्यापकों योग्यता व वेतन भŸाों में प्राईवेट अध्यापकों से कहीं बेहतर स्थिति में हैं तो क्या कारण है कि सरकारी स्कूलों की शिक्षा की गुणात्मक प्राईवेट स्कूलों जितनी नहीं है। सभी शिक्षकों को इस पर विचार कर प्रदेश में स्तरीय शिक्षा के लिए रोड़मैप तैयार करना चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हालांकि हमारी प्रति व्यक्ति आय अन्य राज्यों की तुलना में अधिक है और राज्य का विकास भी हुआ है, परंतु विकास एंकांगी नहीं बल्कि समावेशी होना चाहिए। स्वस्थ राज्य के निर्माण के लिए हमें प्रदेश के उन 20 लाख लोगों को प्राथमिकता देनी होगी जिन्हें बेहतर शिक्षा, चिकित्सा, पेयजल नहीं मिल पा रहा है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि सरकारी स्कूलों में फर्नीचर व अन्य सुविधाओं के लिए यदि विधायक अपनी निधि से 5 लाख रूपए देते हैं तो राज्य सरकार अतिरिक्त 3 लाख रूपए की राशि उपलब्ध करवाएगी। उन्होंने रायपुर क्षेत्र में 2 मिनी ट्यूबवैल पेयजल हेतु व एक सीसी मार्ग निर्माण की भी स्वीकृति दी।
वर्ष 2012 के लिए 24 शिक्षकों को यह पुरस्कार दिया गया, जिसके अंतर्गत प्रारम्भिक शिक्षा के लिए जनपद पौड़ी से श्रीमती कलावती रावत, चमोली से श्रीमती उर्मिला फरस्वाण, देहरादून से विरेन्द्र सिंह कृषाली, टिहरी से राजेन्द्र प्रसाद बहुगुणा, हरिद्वार से नसीम अख्तर अंसारी, उत्तरकाशी से वीरपाल सिंह, चम्पावत से श्रमती बीना जोशी, नैनीताल से सुरेश चन्द्र सुयाल, पिथौरागढ़ से श्रीमती प्रमिला वल्दिया तथा अल्मोड़ा से श्रीमती आशा भट्ट को पुरस्कृत किया गया। माध्यमिक शिक्षा के लिए जनपद पौड़ी से रतनमणी भट्ट, चमोली से दिगपाल रावत, उत्तरकाशी से रामआसरे सिंह, देहरादून से जसपाल सिंह नेगी, टिहरी से छन्नी लाल सचान, रूद्रप्रयाग से दिनेश प्रसाद सेमवाल, बागेश्वर से गोविन्द्र प्रसाद कुनियाल, उधमसिंहनगर से प्रकाश चन्द्र पाठक, नैनीताल से डाॅ. भारती नारायण भट्ट, पिथौरागढ़ से श्रीमती नन्दा रावत तथा अल्मोड़ा से चन्द्र कान्त तिवारी को पुरस्कृत किया गया। तकनीकी शिक्षा के लिए बागेश्वर जनपद के जिला संसाधन केन्द्र के प्रवक्ता डाॅ. केवलानन्द काण्डपाल को पुरस्कृत किया गया। संस्कृत शिक्षा के लिए चम्पावत जनपद से देवीधुरा स्थित श्री वाराही संस्कृत महाविद्यालय के प्रधानाचार्य भुवन चन्द्र जोशी को पुरस्कृत किया गया।
 वर्ष 2013 के लिए 25 शिक्षकों को यह पुरस्कार दिया गया, जिसके अंतर्गत प्रारम्भिक शिक्षा के लिए जनपद पौड़ी से श्रीमती लक्ष्मी नैथानी, रूद्रप्रयाग से श्रीमती गंगा नेगी, उत्तरकाशी से श्रीमती नन्दा सिंह, देहरादून से श्रीमती स्नेहलता चमोली, चमोली से विनोद चन्द्र, टिहरी से देवीप्रसाद, अल्मोड़ा से श्रीमती इन्द्रा तेवाड़ी, बागेश्वर से दुर्गालाल, चम्पावत से डाॅ. लक्ष्मी गहतोड़ी, नैनीताल से गोपाल सिंह बिष्ट तथा पिथौरागढ़ से कुमारी मीना थापा को पुरस्कृत किया गया। माध्यमिक शिक्षा के लिए पौड़ी से श्रीमती विमला भण्डारी, रूद्रप्रयाग से शिव सिंह रावत, उत्तरकाशी डाॅ. यशोदा प्रसाद सेमल्टी, देहरादून से दिवाकर भानू प्रताप सिंह, चमोली से खुशाल सिंह गुसांई, टिहरी से परिपूर्णानन्द सकलानी, हरिद्वार से राजेन्द्र प्रसाद अग्रवाल, अल्मोड़ा से महेश चन्द्र जोशी, बागेश्वर से राजीव निगम, चम्पावत से उमेद सिंह बिष्ट, नैनीताल से बीरेन्द्र सिंह बिष्ट, पिथौरागढ़ श्रीमती बसन्ती मर्तोलिया, उधमसिंहनगर से महेन्द्र प्रताप पाण्डेय को पुरस्कृत किया गया है। तकनीकी शिक्षा के लिए टिहरी गढ़वाल जनपद के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान की प्रवक्ता श्रीमती मीनाक्षी को पुरस्कृत किया गया।
 मुख्यमंत्री श्री रावत ने धर्मा इन्टर नेशनल स्कूल का औपचारिक रूप से उद्घाटन भी किया। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री मंत्रीप्रसाद नैथानी, विधायक हीरासिंह बिष्ट, सचिव एमसी जोशी, महानिदेशक शिक्षा डी.सैंथिल पांडियन सहित अन्य उपस्थित थे।

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