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अपराधियों के विरूद्ध अभियान में बीते वर्ष एसटीएफ को मिली सफलताओ से प्रदेश पुलिस का गौरव बढ़ा

उत्तर प्रदेश
लखनऊः तकनीकी एवं इंटरनेट के विकास के साथ-साथ आये दिन नित नये प्रकार के साइबर अपराधों की जानकारी प्रकाश में आती रहती

है। इन अपराधों से निपटने के लिये स्पेशल टास्क फोर्स द्वारा विशेष प्रयास किये गये है। इसके फलस्वरूप बीते वर्ष 2015 में 430 साइबर अपराधों पर शिकंजा कसते हुये 115 करोड़ रूपये की धोखधड़ी का पता लगाया गया है।

    लखनऊ व गौतमबुद्धनगर में फर्जी वेबसाइट बनाकर बेरोजगार युवकों से ठगी तथा  फर्जी वेबसाइट से इंश्योरेंस, एटीएम तथा टॉवर लगाने के नाम पर अवैध धंधा करने वाले, करने वाले गिरोह के सदस्यों की गिरफ्तारी, नोएडा में बीमा एवं हॉलीडेज पैकेज के नाम पर फर्जी कम्पनिया बनाकर ठगी करने वालों की गिरफ्तारी, एनसीआर में फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज का पर्दाफाश तथा उत्तर प्रदेश पॉवर कार्पोरेशन के बिलिंग सिस्टम में साइबर हैकिंग कर बिलो में हेराफेरी करने वाले गिरोह के सदस्यों की गिरफ्तारी आदि कुछ प्रमुख उपलब्धियां रही है।
प्रमुख सचिव, गृह श्री देबाशीष पण्डा ने स्पेशल टास्क फोर्स द्वारा गत वर्ष 2015 में किये गये प्रमुख सराहनीय कार्याे का ब्यौरा देते हुये बताया है कि संगठित अपराधकर्ताओं पर शिकंजा कसते हुए ऐसे अपराधो में लिप्त 408 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा अन्य गिरफ्तार किये गये अपराधियों में 46 इनामी, 61 दुर्दांत अपराधी तथा 38 अपहरणकर्ता शामिल है। पकड़े गये इनामी अपराधियों में 50 हजार एवं उससे अधिक के इनामी 17 अपराधी शामिल है, जिनमें प्रमुख नाम मुकीम काला, मोनू चवन्नी, पंकज सिंह, फहीम, श्रीप्रकाश, सुरेन्द्र उर्फ गुड्डू कटाई, देवेन्द्र उर्फ देबू, राम कृपाल उर्फ भण्डारी यादव, सुरेन्द्र सिंह उर्फ धारा आदि है।
एसटीएफ की सर्तकता व जागरूकता की वजह से सार्वजनिक जीवन एवं कानून व्यवस्था को क्षति पहुंचाने वाली 100 से अधिक घटनाओं को घटित होने से रोकने में भी उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की गयी है। इसके अलावा हत्या, डकैती, लूट एवं अवैध वसूली आदि से जुड़ी अनेकों घटनाओं को रोकने में भी सफलता मिली है। अतिसक्रिय सुपारी किलर गिरोहों की गतिविधियों पर शिकेजा कसते हुए विशेषकर भण्डारी यादव, चंदन सिंह, श्याम बाबू पासी, उधम सिंह करनावल आदि की गिरफ्तारी कर अनेकों जघन्य अपराधों को घटित होने से रोका गया है।
श्री पण्डा ने बताया कि वर्ष 2015 में स्पेशल टास्क फोर्स द्वारा आतंकवादी गतिविधियों पर कड़ी निगाह रखते हुये 4 आइएसआई एजेंट एवं आतंकवादियों को भी गिरफ्तार किया गया है। मादक पदार्थाे की तस्करी में लिप्त 35 अपराधियों को गिरफ्तार कर उनसे 9 करोड़ 20 लाख रूपये मूल्य की चरस, गांजा, अफीम, डोंडा पोस्टा आदि मादक पदार्थ सामग्री बरामद की गयी है। साथ ही साथ 3 करोड़ रूपये मूल्य की अवैध शराब तथा लगभग 4 करोड़ रूपये मूल्य की स्प्रिट भी बरामद हुई है।
प्रमुख सचिव, गृह ने बताया कि वन्य जीव तस्करी एवं उससे जुड़े अपराधों में शामिल व्यक्तियों पर एसटीएफ ने कड़ी कार्यवाही करते हुये ऐसे 14 अपराधियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 975 वन्य जन्तु, दुर्लभ चिड़िया तथा वन्य अपराधों में प्रयोग किये जाने वाले विभिन्न प्रकार के उपकरणों को भी बरामद किया है। विभिन्न घटनाओं आदि मंे 132 शस्त्र भी बरामद हुए है, जिनमें एक एके-47 एवं दो कार्बाइन शामिल है। जाली मुद्रा के प्रचलन पर कड़ी निगाह रखते हुये 17 लाख 50 हजार रूपये की भारतीय जाली मुद्रा भी बरामद की गयी है। 16 ट्रक, 46 चार पहिया एवं 33 दो पहिया वाहन भी उक्त अवधि में बरामद किये गये है।
मैनपुरी अपहरणकाण्ड में शामिल 8 अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार कर अपहृत व्यक्ति की सकुशल बरामदगी तथा बिहार के डाक्टर दम्पत्ति अपहरण काण्ड में शामिल 9 अपराधियों को गिरफ्तारी भी एसटीएफ की प्रमुख उपलब्धि रही है। फर्रूखाबाद अपहरण काण्ड के 4 अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार कर अपहृत व्यक्ति को सकुशल छुड़ाने मे सफलता प्राप्त की गई।
एसएससी परीक्षा लीक करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया गया, पीसीएस परीक्षा के पेपर लीक मामले का 24 घण्टे में खुलासा तथा सीपीएमटी परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक करने वाले गिरोह के एक दर्जन सदस्यों की लखनऊ में गिरफ्तारी की गयी। पुलिस कांस्टेबिल भर्ती परीक्षा के मुख्य एग्जाम एवं कई अन्य भर्ती परीक्षाओं मे फर्जी परीक्षार्थी (साल्वर) की गिरफ्तारियां आदि एसटीएफ की सफलताए रही है।
मुम्बई कलाकार हेमा उपाध्याय एवं अधिवक्ता हरीश के सनसनीखेज हत्याकाण्ड में शामिल अभियुक्तों की वाराणसी में गिरफ्तारी, देवरिया में सेंट्रल बैंक में हुई चोरी के मुख्य अभियुक्त की गिरफ्तारी एवं चुराये गये धन की बरामदगी, दुर्दांत अपराधी चंदन सिंह गिरोह एवं रोहित सिंह सनी गिरोह से मुठभेड़ आदि की घटनाएं भी बीते वर्ष की सुर्खियों में रही है।
फील्ड गन फैक्ट्री कानपुर में असलहों की तस्करी करने वाले गिरोह के 3 सदस्यों की गिरफ्तारी, कानपुर में ट्रक ड्राइवरों व क्लीनरों की हत्याकर ट्रक लूटने वाले गिरोह के सदस्यों की गिरफ्तारी, इलाहाबाद में बैंक चेकों को क्लोन कर अवैध ढंग से धनराशि निकालने वाले गिरोह के सदस्यों की गिरफ्तारी, मध्य प्रदेश के इनामी अपराधी एवं गैस कटर की मदद से एटीएम एवं लॉकर्स को काटकर रूपया चोरी करने वाले गिरोह के सरगना की बंदायू में गिरफ्तारी आदि भी प्रमुख उपलब्धियां रही है।

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