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दालों का सुरक्षित भंडार 20 लाख मीट्रिक टन करना

देश-विदेश

नई दिल्ली: केन्‍द्रीय उपभोक्‍ता मामले, खाद्य तथा सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री रामविलास पासवान ने दालों की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार द्वारा उठाये गए कदमों की जानकारी मीडिया को दी।

श्री पासवान ने कहा कि दो वर्षो तक कम वर्षा होने और उसके परिणाम स्‍वरूप पूरे देश में सूखे जैसी स्थिति होने के कारण दालों की कीमतों में अप्रत्‍याशित वृद्धि हुई। परिणाम स्‍वरूप पिछले वर्षो की तुलना में दाल का उत्‍पादन कम हुआ और मांग-आपूर्ति की खाई पैदा हुई। इससे बिचौलियों और जमाखोरों को स्‍टॉक दबाकर रखने का मौका मिला और दालों की कीमत को लेकर सट्टेबाजी करने का मौका मिला।

उपभोक्‍ता मामलों के मंत्री ने आंकड़े प्रस्‍तुत करते हुए कहा कि दाल उत्‍पादन2013-14 के 192.5 लाख मीर्टिक टन (एलएमटी) से घटकर 2014-15 में 171.4 एलएमटी हो गया। यह उत्‍पादन 2015-16 में 165 एलएमटी रहा, हालांकि 2014-15 में आयात बढ़कर 45 एलएमटी और 2015-16 में 58 एलएमटी हो गया, लेकिन आपूर्ति में शुद्ध कमी रही।

श्रीपासवान ने कहा कि सौभाग्‍य से इस वर्ष अच्‍छी वर्षा हुई है और दाल उत्‍पादन का रकबा बढ़ा है। आशा है कि 2016-17 में दाल का उत्‍पादन 200 एलएमटी से अधिक होगा।

श्री रामविलास पासवान ने कहा कि सरकार ने दालों की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए अनेक कदम उठाये। निर्यात पर पाबंदी लगाई गई और शून्‍य डयूटी पर दाल आयात करने की अनुमति दी गई। पिछले दो वर्षों में दालों का न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य बढ़ा है। अरहर दाल का न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य बढ़कर 2014-15 में 4350 रुपये प्रति क्विंटल हो गया और 2015-16 में यह बढ़कर 4625 रुपये प्रति‍किंवटल हो गया। इस वर्ष अरहर दाल का न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य 425 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ा और यह 5050 रुपये प्रति क्विंटल है। इसी तरह उड़द दाल का न्‍यूनतम मूल्‍य 5000 रुपये प्रति क्विंटल है। इसमें दो वर्षों में 650 रु प्रति क्विंटल की वृद्धि हुई है। मुंग दाल का न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य 5225 रुपये प्रति क्विंटल है और इसमें पिछले दो वर्षो में 625 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि हुई है।

सुरक्षित भंडार

श्री रामविलास पासवान ने कहा कि सरकार ने 1.5 एलएमटी दाल का सुरक्षित भंडार बनाने का निर्णय लिया, लेकिन मूल्‍य प्रवृत्ति और मांग आपूर्ति के अंतर को देखते हुए सुरक्षित भंडार 5 एलएमटी और फिर 8 एलएमटी किया गया है। आज मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समि‍ति द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार सुरक्षित भंडार 20 एलएमटी का होगा।

सुरक्षित भंडार की प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:-

10 एलएमटी दाल एफसीआई, नेफेड तथा एसएफएसी द्वारा घरेलू क्षेत्र से खरीदा जाएगा।

10 एलएमटी दाल का आयात होगा। यह सरकार से सरकार के बीच सम्‍पर्क के माध्‍यम से होगा। यह विश्‍व बाजार से सीधी खरीदारी के जरिये होगा।

अभी 3 एलएमटी सुरक्षित भंडार है। इसमें से 1.81 एलएमटी आयातित दाल है और 1.19 एलएमटी घरेलू क्षेत्र से खरीदी गई है।

सुरक्षित भंडार से राज्‍यों तथा केन्‍द्रीय एजेंसियों को दाल आवंटित की जाएगी।

दाल खुले बाजार में बिक्री के जरिये जारी की जाएगी।

सुरक्षित भंडार के प्रबन्‍धन के लिए पेशेवर एजेंसी की सेवा ली जाएगी।

श्री पासवान ने कहा कि यह सब कुछ प्रधानमंत्री के निजी हस्‍तक्षेप से संभव हुआ है। प्रधानमंत्री ने मूल्‍य वृद्धि को सर्वोच्‍च प्राथमिकता दी और वित्‍तमंत्री की अध्‍यक्षता में एक उच्‍चस्‍तरीय समिति बनाई गई। समिति ने 20 लाख मीट्रिक टन सुरक्षित भंडार रखने की सिफारिश की। मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने आज इस सिफारिश को मंजूरी दे दी।

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