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सीएजी और एमडीडब्‍ल्‍यूएस में सचिव ने स्‍वच्‍छ भारत के लिए पूणे के नजदीक शौचालय गड्ढे खाली किए

देश-विदेश

नई दिल्ली: भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक श्री राजीव महर्षि और पेयजल और स्‍वच्‍छता मंत्रालय में सचिव श्री परमेश्‍वरन अय्यर ने आज सुबह महाराष्‍ट्र के ग्रामीण इलाके में दोहरे गड्ढे वाले शौचालय से एक शौचालय गड्ढा खाली किया। महाराष्‍ट्र, उत्‍तर प्रदेश, तमिलनाडु के अपर मुख्‍य सचिवों सहित देश भर के वरिष्‍ठ मुख्‍य सचिवों ने ग्रामीण भारत में दोहरे गड्ढे वाले शौचालयों के इस्‍तेमाल को प्रोत्‍साहित करने और परिवारों के बीच  शौचालय के गड्ढे स्‍वयं खाली करने को लेकर मौजूद हिचकिचाहट को खत्‍म करने के लिए इसका अनुकरण किया।

दोहरे गड्ढे के शौचालय सबसे सुरक्षित शौचालय टेक्‍नोलॉजी है, जो ग्रामीण भारत के अधिकांश हिस्‍सों के लिए उपयुक्‍त है और विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन तथा भारत सरकार ने इसकी सिफारिश की है। अनुसंधान से पता चलता है कि ग्रामीण परिवार कम लागत की इस टेक्‍नोलॉजी का इस्‍तेमाल करने में शायद इसलिए हिचकिचाते हैं कि गड्ढे को खाली करना कलंक है।

हालांकि यह वैज्ञानिक तौर पर साबित हो चुका है कि दोहरे गड्ढे वाले स्‍टैंडर्ड शौचालय का एक गड्ढा भरने में 6 सदस्‍यों वाले एक परिवार को आमतौर से 5 वर्ष लगते हैं। अवशिष्‍ट को आसानी से दूसरे गड्ढे की तरह भेजा जा सकता है और यह 6 महीने से एक वर्ष में खाद्य बन जाती है और इसमें नाइट्रोजन, फास्‍फोरस और पोटेशियम के पोषक तत्‍व होते हैं, जो खेती में इस्‍तेमाल के लिए उपयुक्‍त है। उच्‍च पोषक तत्‍व होने के कारण भारत के अनेक हिस्‍सों में यह सोना खाद के नाम से मशहूर है।

पूणे जिले के धौंद ब्‍लॉक के पंढारेवाली ग्राम पंचायत में गड्ढा साफ करने का कार्य मिथकों, पूर्वाहग्रहों और धब्‍बों को दूर करने की दिशा में एक कदम है। अनेक राज्‍य प्रमुख सचिवों (स्‍वच्‍छता), स्‍वच्‍छ भारत मिशन (ग्रामीण) के वरिष्‍ठ अधिकारी और महाराष्‍ट्र सरकार के वरिष्‍ठ अधिकारी इस कार्य में शामिल हुए।

इसके बाद सभी अधिकारियों ने अपने हाथ में खाद ली खाद से भरे स्‍मारक जार वहां मौजूद सभी लोग अपने साथ ले गए।

गड्ढे खाली करने का कार्य खुले में शौच से मुक्‍त करने की कार्यशाला का एक हिस्‍सा है। स्‍वच्‍छ भारत मिशन (ग्रामीण) ने शुरूआत के बाद से साढ़े तीन वर्षों में जबर्दस्‍त प्रगति की है। मिशन की शुरूआत की बाद से ग्रामीण स्‍वच्‍छता कवरेज 39 प्रतिशत से दोगुना बढ़कर 84 प्रतिशत हो गया है। मिाशन के अंतर्गत भारत के गांवों में 7 करोड़ शौचालय बनाए जा चुके हैं। 17 राज्‍यों और संघ शासित प्रदेशों के 385 जिले और 3.6 लाख गांवों को खुले में शौच मुक्‍त घोषित किया जा चुका है।

कार्यशाला में श्री परमेश्‍वरन अय्यर ने कहा कि देश को खुले में शौच मुक्‍त घोषित करने के साथ मिशन इस दिशा में राज्‍यों के साथ निरंतर कार्य कर रहा है। उन्‍होंने कहा कि इसके लिए सभी स्‍तरों पर व्‍यवहार संबंधी बदलाव करने होंगे।

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