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कोविड-19 से निपटने के लिए स्क्रीनिंग, सर्विलांस और व्यापक टेस्टिंग बेहद कारगर

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज अपने सरकारी आवास पर कोविड-19 मरीजों की निगरानी के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण का अवलोकन करने के उपरान्त इस संक्रमण की वर्तमान स्थिति तथा इससे निपटने की प्रभावी रणनीति के विषय में एक विस्तृत बैठक की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कोविड-19 संक्रमण को फैलने से रोकने और मरीजों की निगरानी कैसे करें, इसका एक प्रभावी माॅडल मंथन के उपरान्त तय किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बड़े जनपदों की प्रभावी निगरानी की जाए। उन्होंने कहा कि जनपदों के नोडल अधिकारी कोविड-19 के लिए जनपद में गठित टीम, जिसमें जिलाधिकारी, सी0एम0ओ0 सहित अन्य अधिकारी मौजूद हैं, से निरन्तर संवाद करें। अधिक संक्रमण वाले जनपदों में स्वच्छता और सैनिटाइजेशन का कार्य प्रभावी ढंग से किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बाजारों की बंदी शनिवार व रविवार को निर्धारित की गई है। इसका कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। साथ ही, इन 02 दिनों में स्वच्छता और सैनिटाइजेशन के कार्य प्रभावी ढंग से सुनिश्चित किए जाएं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम में मास्क का उपयोग तथा सोशल डिस्टेन्सिंग की प्रभावी भूमिका है। अतः इसका कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। जो लोग इसका अनुपालन न करें, उनसे 500 रुपए जुर्माने की वसूली की जाए। उन्होंने कहा कि टेस्टिंग की संख्या लगातार बढ़ायी जाए। साथ ही, राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए इन्फ्रारेड थर्मामीटर तथा पल्स आॅक्सीमीटर का कोरोना स्क्रीनिंग के लिए प्रभावी ढंग से इस्तेमाल किया जाए। उन्होंने एयरपोर्ट तथा रेलवे स्टेशनों पर मौजूद इन्फ्रारेड स्कैनर्स तथा पल्स आॅक्सीमीटरों को क्लाउड के माध्यम से आपस में जोड़ते हुए आॅनलाइन करने के निर्देश दिए, ताकि इस डेटा का उपयोग कोविड-19 से प्रभावी ढंग से निपटने में किया जा सके।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण के इलाज के लिए स्थापित किए गए एल-1, एल-2, एल-3 अस्पतालों को प्रभावी ढंग से संचालित किया जाए, ताकि संक्रमण को हर स्टेज पर ही उपचारित किया जा सके। उन्होंने कहा कि मरीज की स्थिति देखते हुए उसे तुरन्त सम्बन्धित कोविड अस्पताल रिफर किया जाए, ताकि उसका आवश्यक इलाज शुरू किया जा सके। इससे मरीज को सही इलाज मिलेगा और वह स्वस्थ होकर वापस जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोविड तथा नाॅन कोविड अस्पतालों में सीनियर डाॅक्टर्स, नर्सेज़, पैरामेडिकल स्टाफ इत्यादि निरन्तर राउण्ड लगाएं तथा मरीज का हौसला बढ़ाते हुए उसका प्राॅपर इलाज करें। उसे समय से पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाए। साथ ही, अस्पताल तथा शौचालयों की साफ-सफाई सुनिश्चित करते हुए निरन्तर सैनिटाइजेशन कराया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने वर्तमान में कोविड-19 के संक्रमण के फैलाव की स्थिति से निपटने के लिए पी0जी0आई0, के0जी0एम0यू0, डाॅ0 राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशकों/वरिष्ठ डाॅक्टरों की एक टीम गठित करने के निर्देश दिए, जो इस सम्बन्ध में प्रभावी रणनीति बनाएगी। उन्होंने रैपिड एन्टीजन टेस्ट किट्स ज्यादा संख्या में मंगाकर सभी जनपदों में भेजने के निर्देश दिए। साथ ही, अन्य तरीकों से भी टेस्टिंग की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन जनपदों में संक्रमण तेजी से फैल रहा है, वहां रैपिड एन्टीजन टेस्ट किट्स ज्यादा संख्या में भेजी जाएं, ताकि टेस्टिंग की संख्या बढ़ायी जा सके।
मुख्यमंत्री जी ने कोविड-19 की स्क्रीनिंग में इस्तेमाल किए जा रहे इन्फ्रारेड स्कैनर्स तथा पल्स आॅक्सीमीटर के उपयोग के सम्बन्ध में इस कार्य में लगे कर्मियों का प्रभावी प्रशिक्षण कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 संक्रमण को रोकने में काॅन्टैक्ट टेªसिंग अत्यन्त प्रभावी कदम है। अतः इस कार्य को प्रभावी ढंग से किया जाए। उन्होंने प्रभावी सर्विलांसिंग के लिए पूरे प्रदेश में 01 लाख टीम गठित करने के निर्देश दिए। प्रत्येक जनपद की टीम की माॅनीटरिंग जिलाधिकारी के नेतृत्व में की जाए। उन्होंने जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी, नगर आयुक्त तथा अन्य सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा प्रतिदिन एक समीक्षा बैठक आयोजित कर कोरोना संक्रमण तथा इलाज की स्थिति की समीक्षा करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोविड-19 को रोकने के लिए आवश्यक कदम, जिनमें सोशल डिस्टेन्सिंग, मास्क लगाना, सैनिटाइजेशन, स्वच्छता का ध्यान रखना शामिल हैं, के माध्यम से इस संक्रमण के प्रसार को रोका जा सकता है और इससे मृत्यु दर को काफी हद तक कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि संक्रमित व्यक्ति की पहचान त्वरित गति से करना तथा उसे सम्बन्धित कोविड अस्पताल पहुंचाकर उसका आवश्यक इलाज करवाने से भी मृत्यु दर में काफी कमी लायी जा सकती है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से निपटने के लिए स्क्रीनिंग, सर्विलांस और व्यापक टेस्टिंग बेहद कारगर साबित हो सकते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पब्लिक एडेªस सिस्टम के माध्यम से लोगों को कोविड-19 से निपटने के लिए आवश्यक कदमों, जैसे सोशल डिस्टेन्सिंग, मास्क लगाना, सैनिटाइजेशन, स्वच्छता का ध्यान रखना इत्यादि के विषय में निरन्तर जागरूक किया जाए।
प्रस्तुतीकरण के दौरान के0जी0एम0यू0 के पल्मोनरी एवं क्रिटिकल केयर विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ0 वेद प्रकाश ने मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया कि वर्तमान में बारिश की वजह से वायु में नमी आ बढ़ गयी है, जिसके कारण यह संक्रमण बढ़ रहा है। इससे निपटने के लिए सभी को मास्क लगाना और सोशल डिस्टेन्सिंग का अनुपालन करना आवश्यक है। सार्वजनिक स्थलों पर प्राॅपर वेण्टीलेशन आवश्यक है। उन्होंने बताया कि कोविड-19 के 80 प्रतिशत मरीज एसिम्पटोमैटिक या माइल्ड हैं, जबकि 15 प्रतिशत मरीज माॅडरेट हैं। इसके अलावा, 05 प्रतिशत मरीज ही सीवियर/क्रिटिकल हैं।
मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि इससे बचने के लिए एसिम्पटोमैटिक या माइल्ड मरीजों का होम आइसोलेशन किया जाना चाहिए। इस दौरान बुजुर्गों व बच्चों को आइसोलेट किए गए व्यक्ति से अलग रखना चाहिए। यदि ऐसे मरीज की अंतिम रिपोर्ट नेगेटिव आती है तो भी उसे 14 दिन के लिए आइसोलेशन में रखना चाहिए। कोविड-19 के लक्षणों वाले लोगों की सूचना स्वास्थ्य केन्द्रों पर यथाशीघ्र दी जानी चाहिए। टेस्टिंग की संख्या को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाया जाए। प्राइवेट स्वास्थ्य सेक्टर को कोविड-19 के मरीजों के लिए बेहतर तरीके से उपयोग में लाया जाए। साथ ही, पल्मोनरी चिकित्सा शिक्षा में उत्कृष्ट विशेषज्ञता को बढ़ाया दिया जाए। उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सेवा को जनमानस के कल्याण के लिए तैयार किया जाए। इसके अलावा, इस महामारी से जुड़े शोध को बढ़ावा दिया जाए।
प्रस्तुतीकरण के दौरान लखनऊ एस0जी0पी0जी0आई0 के निदेशक प्रो0 आर0के0 धीमान ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री सुरेश खन्ना, स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्री अतुल गर्ग, मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री अमित मोहन प्रसाद, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री रजनीश दुबे, अपर मुख्य सचिव कृषि श्री देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव वन श्री सुधीर गर्ग, सचिव मुख्यमंत्री श्री आलोक कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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