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सउदी अरब ने बंद की कोड़े मारने की सजा, मानवाधिकार की दिशा में खास कदम

देश-विदेश

सऊदी अरब के उच्चतम न्यायालय ने देश में कोड़े मारने की सजा खत्म करने की घोषणा की है। सऊदी अरब के शाह और युवराज (क्राउन प्रिंस) द्वारा मानवाधिकार की दिशा में उठाया गया यह ताजा कदम है। देश की अदालतों द्वारा दी जाने वाले कोड़े मारने की सजा का पूरी दुनिया के मानवाधिकार समूह विरोध करते हैं क्योंकि कई बार अदालतें 100 कोड़े तक मारने की सजा सुनाती हैं।

सऊदी अरब के उच्चतम न्यायालय का कहना है कि ताजा सुधार का लक्ष्य ”देश को शारीरिक दंड” के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों के मानदंडों के और करीब लाना है। फिलहाल विवाहेत्तर यौन संबंध, शांति भंग करना और हत्या तक के मामलों में अदालतें आसानी से दोषी को कोड़े मारने की सजा सुना सकती थीं। न्यायालय ने एक बयान में कहा है कि भविष्य में न्यायाधीशों को जुर्माना, जेल या फिर सामुदायिक सेवा जैसी सजाएं चुननी होंगे।

सऊदी अरब ने किया संघर्ष विराम का उल्लंघन
दूसरी ओर, यमन के हूती विद्रोहियों ने सऊदी अरब के नेतृत्व वाली सेना पर संघर्ष विराम का उल्लंघन करने और उत्तरी यमन के शहरों में हवाई हमले करने का आरोप लगाया है। स्थानीय मीडिया ने यह जानकारी शनिवार को दी। हूती विद्रोही के एक प्रवक्ता ने अल मसीरा न्यूज चैनल से कहा कि दुश्मनों के लड़ाकू विमानों ने यमन से सादा और मारीब प्रांत सहित विभिन्न इलाकों में 35 हवाई हमले किए हैं।

उल्लेखनीय है कि गठबंधन सेना ने वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए और संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक संघर्ष विराम के आह्वान के मद्देनजर आठ अप्रैल को 14 दिन के संघर्ष विराम की घोषणा की थी। हूती विद्रोही और गठबंधन सेना तभी से एक-दूसरे पर विश्वासघात करने का आरोप लगाते रहे हैं। गठबंधन सेना ने कोविड-19 के प्रकोप को देखते हुए संघर्ष विराम की अवधि को गत शुक्रवार (24 अप्रैल) को एक महीने के लिए बढ़ा दिया था। Source Live हिन्दुस्तान

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