27 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

Russia Ukraine War: कीव सहित बाकी शहरों में भीषण हिंसा जारी, युद्धग्रस्त क्षेत्रों से पलायन, 13 लाख लोगों ने यूक्रेन छोड़ा

देश-विदेश

कीव, रायटर। युद्ध के दसवें दिन शनिवार को यूक्रेन के दो शहरों में फंसे नागरिकों को सुरक्षित रास्ता देने के लिए रूस ने संघर्षविराम कर दिया। मास्को में रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा, मारीपोल और वोल्नोवाख में फंसे लोगों को निकलने के लिए फायरिंग रोकी गई है। लेकिन यूक्रेन ने आरोप लगाया है कि रूस की ओर से फायरिंग नहीं रुकी है, इसलिए लोगों को निकालने का काम रोक दिया गया है। इन दोनों शहरों के अतिरिक्त यूक्रेन के बाकी शहरों पर रूस के भीषण हमले जारी हैं। इन हमलों में जान-माल का भारी नुकसान हो रहा है। एक हजार से ज्यादा भारतीय विद्यार्थी भी इन शहरों में फंसे हुए हैं। इन विद्यार्थियों के संदेश आ रहे हैं कि यूक्रेन की सेना उन्हें ढाल बनाकर रूसी सैनिकों से लड़ रही है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने बयान में इस बात की पुष्टि की है। शनिवार को रूस ने फेसबुक के बाद ट्विटर पर भी रोक लगा दी। रूसी सरकार का आरोप है कि दोनों साइट उसके खिलाफ दुष्प्रचार कर रही हैं।

रूस और यूक्रेन के बीच वार्ता में शहरों में फंसे नागरिकों को सुरक्षित रास्ता देने की बनी सहमति के बाद शनिवार को मारीपोल और वोल्नोवाख में फायरिंग रोककर सेफ कारिडोर बनाया गया। कुछ घंटे सब कुछ ठीक चला लेकिन उसके बाद मारीपोल में प्रशासन ने नागरिकों को घर में रहने का निर्देश दिया। कहा कि रूसी सैनिक संघर्षविराम का उल्लंघन कर फायरिंग कर रहे हैं, इसलिए खतरा उठाना ठीक नहीं। यूक्रेन ने अब रेडक्रास और पर्यवेक्षकों की देखरेख में नागरिकों को निकालने का काम शुरू करने की बात कही है।

यूक्रेन के कई शहरों को घेरकर रूसी सेना हफ्ते भर से कर रही हमले

जबकि रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि यूक्रेन के तथाकथित राष्ट्रवादियों के हथियारबंद दस्ते नागरिकों को शहरों से निकलने नहीं दे रहे। वे नागरिकों को ढाल बनाकर रूसी सेना से लड़ना चाहते हैं और जिससे नागरिकों के हताहत होने पर रूस को बदनाम करने का मौका मिले। जिन दो शहरों में संघर्षविराम घोषित किया गया है, वे पूर्वी यूक्रेन का हिस्सा हैं और क्रीमिया के नजदीक हैं। दोनों शहरों पर हाल के दिनों में भीषण रूसी हमले हुए थे जिसके चलते वहां के लोग अब घर छोड़कर जाना चाहते हैं। राजधानी कीव, खार्कीव और कई अन्य शहरों को घेरकर रूसी सेना हफ्ते भर से हमले कर रही है। इस घेराबंदी से शहरों में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति रुक गई है और वहां के लोग परेशान हो गए हैं।

रात दिन बज रहे हैं हवाई हमलों का खतरा जताने वाले सायरन

मानवाधिकार संगठनों ने यूक्रेन में गंभीर मानवीय संकट पैदा होने की आशंका जताई है। इस बीच देश से बाहर जाने वालों की संख्या बढ़कर 13 लाख हो गई है। महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गो को सुरक्षित स्थानों में पहुंचने के लिए लंबा सफर तय करना पड़ रहा है। राजधानी कीव, खार्कीव, चार्निहीव, ओडेसा आदि पर रूसी सेना के हमले जारी हैं। इन शहरों में हवाई हमलों का खतरा जताने वाले सायरन रात-दिन बज रहे हैं। यूक्रेनी सेना के लिए इन शहरों पर कब्जा बनाए रखना मुश्किल हो रहा है। सूमी में रूसी सेना के प्रविष्ट होने की खबर है, वहां की सड़कों पर लड़ाई शुरू हो गई है।

यूक्रेन के ज्यादातर सैन्य ठिकाने नष्ट : पुतिन

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि यूक्रेन को हथियार मुक्त किए बगैर रूसी हमले नहीं रुकेंगे। नौ दिनों में यूक्रेन के ज्यादातर सैन्य ठिकाने नष्ट कर दिए गए हैं। अब शहरों में छिटपुट लड़ाई हो रही है। रूसी सेना आबादी को बचाते हुए हमले कर रही है जबकि यूक्रेनी सेना और उसके साथ लड़ रहे हथियारबंद लोग उन्हें ढाल बना रहे हैं। पुतिन ने कहा है कि यूक्रेन पर कार्रवाई का फैसला मुश्किल था। हम उसे तटस्थ भूमिका में देखना चाहते हैं।

विदेश से 66 हजार यूक्रेनी आकर हुए लड़ाई में शामिल

यूक्रेन के रक्षा मंत्री ओलेक्सी रेजनीकोव ने बताया है कि विदेश में रह रहे 66,224 यूक्रेनी लोग देश में आकर रूसी सेना से लड़ रहे हैं। ये लोग 12 ब्रिगेड बनाकर रूसी सेना से लड़ रहे हैं। यूक्रेनी रक्षा मंत्री ने कहा, रूसी सेना के सैनिक और अधिकारी हतोत्साहित हैं। इसी के चलते वे लगातार आत्मसमर्पण कर रहे हैं, युद्ध के मैदान से हथियार छोड़कर भाग रहे हैं। अभी तक की लड़ाई में रूस के 39 लड़ाकू विमान और 40 हेलीकाप्टर गिराए जा चुके हैं। जबकि रूस ने कहा है कि यूक्रेन के 82 विमान, 708 सैन्य वाहन, 74 राकेट लांचर और 56 ड्रोन नष्ट किए गए हैं।

स्टेशनों पर लोगों की भारी भीड़, कुत्तेबिल्ली के साथ लाए

यूक्रेन के युद्धग्रस्त क्षेत्रों से लोगों का पलायन जारी है। सुरक्षित रेलमार्गो पर ट्रेनों का परिचालन जारी है। इसी के कारण हजारों की संख्या में लोग रेलवे स्टेशनों पर एकत्रित हैं। स्टेशन आए लोगों में बच्चे, बुजुर्गो और महिलाओं की संख्या ज्यादा है। इनमें से कुछ व्हीलचेयर पर आए हैं। इनमें से कई अपने साथ अपने पालतू कुत्ते और बिल्ली भी लाए हैं। ये लोग जरूरी सामान ही साथ ला सके हैं। इन्हें नहीं पता कि इनकी वापसी कब संभव होगी। लवीव शहर के स्टेशन पर पोलैंड सीमा तक जाने वाले हजारों लोगों की भीड़ लगी हुई है। अभी तक करीब सात लाख लोग यूक्रेन से भागकर पोलैंड पहुंचे हैं।

सोर्स: यह जागरण ब्यूरो न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ श्रमजीवी जर्नलिस्ट टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More