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आरएसएम-2022 का उद्देश्य भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना, बढ़ावा देना और लोकप्रिय बनाना है: जी. किशन रेड्डी

देश-विदेश

आजादी का अमृत महोत्सव के तहत मेगा फेस्टिवल राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव 2022 का उद्घाटन आंध्र प्रदेश के राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन द्वारा केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन एवं डीओएनईआर मंत्री श्री जीके रेड्डी की उपस्थिति में कला कॉलेज ग्राउंड, राजमहेंद्रवरम, आंध्र प्रदेश में किया गया। इस अवसर पर आंध्र प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री एम. श्रीनिवास राव, राज्य मंत्री श्री वेणुगोपाल कृष्ण सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

आंध्र प्रदेश के राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव जैसे त्योहार हमारी संस्कृति एवं परंपराओं को और मजबूत करेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय देश भर में विभिन्न त्योहारों का आयोजन कर रहा है जो देश के लोगों में राष्ट्रवाद को विकसित करने में मदद करेगा। उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस का उल्‍लेख एक ऐसे राष्ट्रवादी नेताओं में से एक के रूप में किया जिन्होंने अन्य बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों के बीच देश के लोगों में राष्ट्रवाद की भावना को बढ़ावा दिया।

इस अवसर पर केंद्रीय संस्‍कृति एवं पर्यटन और उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री (डीओएनईआर) श्री जी किशन रेड्डी ने कहाकि राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव संस्कृति मंत्रालय का प्रमुख उत्‍सव है जिसका उद्देश्य भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना, बढ़ावा देना और लोकप्रिय बनाना है।

आरएसएम-2022 के 12वें संस्करण के उद्घाटन समारोह में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आरएसएम-2022 भारत की विविध सांस्कृतिक विरासत का उत्सव है जिसका आयोजन 26 मार्च से 3 अप्रैल तक आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के तेलुगु राज्यों में किया जा रहा है।

उन्होंने हमारे राष्ट्र की समृद्ध संस्कृति और तेलुगू राज्यों में विविधता का जश्न मनाने वाला एक अनूठा त्योहार प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री को भी धन्यवाद दिया क्योंकि राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव लोगों को नए सिरे से जोड़ता है विशेष रूप से हमारी स्वदेशी संस्कृति, इसकी बहुमुखी प्रकृति, भव्यता और ऐतिहासिक महत्व के संदर्भ में ‘एक राष्ट्र के रूप में भारत’ के साथ युवाओं को।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव ने एक राज्य की लोक एवं आदिवासी कला, नृत्य, संगीत, व्यंजन और संस्कृति को दूसरे राज्यों में प्रदर्शित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसने प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी जी के ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के लक्ष्य को मजबूती दी है और दक्षिणी राज्यों की समृद्ध संस्कृति से परिचित कराया है। साथ ही इसने स्थानीय आबादी को भारत के अन्य हिस्सों की विविध संस्कृतियों से भी अवगत कराया है।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने पूरे देश में कला एवं संस्कृति के विभिन्न रूपों की रक्षा करने, प्रचार करने और संरक्षण के लिए सात क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र स्थापित किए हैं। इस वर्ष सांस्कृतिक उत्सव का आयोजन राजमुंदरी, वारंगल और हैदराबाद शहरों में किया जा रहा है। यह संस्कृतियों के संगम को प्रदर्शित करेगा और भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का अनुभव करने के लिए साथी भारतीयों के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेगा।

राजमुंदरी के गवर्नमेंट आर्ट कॉलेज के मैदान में 26-27 मार्च 2022 तक दो दिवसीय राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव आयोजित किया जाएगा। पहला राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव 2015 में आयोजित किया गया था और मीडिया एवं जनता से मिली अच्छी प्रतिक्रिया ने त्योहारों की एक श्रृंखला आयोजित करने के लिए प्रेरित किया। .

राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव भारत के प्रत्येक लोक, पारंपरिक, आदिवासी, शास्त्रीय और लोकप्रिय कला रूपों को एक ही छत के नीचे देखने का एक अनूठा अवसर प्रस्तुत करता है जहां लगभग 1,000 से अधिक कलाकार अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हैं। इसके तहत स्‍थापित रंगीन आंगन क्षेत्रीय संस्कृतियों का प्रतिनिधित्व करते हैं और पारंपरिक कला एवं शिल्प का प्रदर्शन करते हैं जहां कारीगरों ने अपना माल बेचने के साथ-साथ अपनी उत्कृष्ट शिल्प कौशल का प्रदर्शन करने के लिए अपने-अपने स्टाल लगाए हैं।

लोक कलाकार पूरे दिन मंच पर या जनता के बीच अचानक प्रस्‍तुति देते हैं। मुख्य सांस्कृतिक प्रदर्शन का मंचन शाम 5.30 से 10.30 बजे के बीच किया जाता है।

लोक मंडलों के अलावा प्रतिष्ठित पद्म सम्‍मान और संगीत नाटक अकादमी से सम्मानित शास्त्रीय कलाकार हर साल इस महोत्सव में अपनी प्रस्‍तुति देते रहे हैं। जिस राज्य में राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव का आयोजन किया जाता है उस राज्य के क्षेत्रीय स्वाद को दर्शाने वाले कलाकारों के चयन पर विशेष ध्यान दिया जाता है।

राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव के तहत वारंगल में 29  एवं 30 मार्च 2022 को और हैदराबाद में 3 दिनों के लिए 1.04.22 से 3.04.22 तक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

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