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अयोध्या में रामकथा पार्क के विस्तारीकरण कार्य के लिए रूपये 55 लाख स्वीकृत

उत्तर प्रदेश

लखनऊः प्रदेश सरकार ने जनपद अयोध्या मे स्थित रामकथा पार्क के विस्तारीकरण कार्य के लिए रूपये 55.00 लाख की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर दी है।
यह जानकारी विशेष सचिव पर्यटन श्री शिवपाल सिंह ने दी है। उन्होंने बताया कि अवमुक्त की गयी धनराशि का व्यय सुसंगत प्राविधानों एवं समय-समय पर शासन द्वारा निर्गत शासनादेशों के अनुरूप ही सुनिश्चित किया जायेगा। तथा स्वीकृति धनराशि जिस कार्य/मद में प्रदान की जा रही है उसका उपयोग नियमानुसार उसी कार्य/ मद में  किया जायेगा। कार्यपूर्ण होने पर कार्यदायी संस्था से कार्य के सम्प्रेक्षित लेखे अवश्य प्राप्त किया जाये। उन्होंने बताया कि प्रायोजना के निर्माण कार्य में वस्तु एवं सेवाकार की धनराशि कार्यदायी संस्था को वास्तविक भुगतान के अनुसार नियमानुसार अनुमन्य होगी तथा इस संम्बध में कार्यदायी संस्था द्वारा जी0एस0टी0 भुगतान के सम्बंध मंे प्रमाणिक प्रपत्र सक्षम स्तर से महानिदेशक पर्यटन के माध्यम से शासन को उपलब्ध कराया जायें।
विशेष सचिव ने बताया कि यह अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जायेगा कि कार्यो की गुणवत्ता उच्चकोटि की हो तथा समय-समय पर कार्यदायी संस्था द्वारा कराये जा रहे निर्माण कार्यो का पर्यवेक्षण महानिदेशक, पर्यटन द्वारा सुनिश्चित कराया जायें। उन्होंने बताया कि निर्माण कार्य हेतु अवमुक्त की जा रही धनराशि के सापेक्ष आहरण कर कार्यदायी संस्था को उपलब्ध करायी जायेगी। कार्यदायी संस्था द्वारा प्राप्त धनराशि का 80 प्रतिशत उपयोग करने के उपरान्त अगले दो माह के लिए पुनः आवश्यक धनराशि कोषागार से आहरित कर दी जायेगी। इसका अनुपालन महानिदेशक, पर्यटन द्वारा सुनिश्चित किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि परियोजना के निर्माण कार्य की गुणवत्ता मानक एवं विशिष्टयों की जिम्मेदारी कार्यदायी संस्था की होगी। स्वीकृत की जा रही धनराशि के सापेक्ष व्यय की धनराशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र भी निर्धारित प्रपत्र पर सक्षम स्तर से शासन एवं महालेखाकार, प्रयागराज को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि यह सुनिश्चित  किया जायेगा कि स्वीकृत योजना के कार्यो के लिए किसी अन्य स्रोत धनराशि प्राप्त नहीं कि गयी।  उन्होंने बताया कि अवमुक्त की जा रही धनराशि का आहरण एवं व्यय आवश्यकतानुसार तथा नियमानुसार किया जायेगा। स्वीकृति धनराशि को बैंक  खाते  आदि में नहीं रखा जायेगा। उन्होंने बताया कि धनराशि के स्वीकृति  कार्यदायी संस्था एवं पर्यटन निदेशालय द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना/विवरण के आधार पर प्रदान की जा रही है। यदि परियोजना के मानक के सम्बंध में कोई सूचना गलत पायी जाती है तो इसका पूर्ण उत्तदायित्व कार्यदायी संस्था एवं पर्यटन निदेशालय एवं क्षेत्रीय अधिकारियों का होगा। परियोजना हेतु अवमुक्त धनराशि के सापेक्ष वास्तविक रूप से व्यय की गयी धनराशि का उपयोगिता प्रमाण-पत्र/ कार्य की गुणवत्ता एवं फोटोग्राफ्स आदि सक्षम स्तर से प्राप्त कर शासन को उपलब्ध कराया जायेगा।

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