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रविदास मेहरोत्रा ने नगरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का आकस्मिक निरीक्षण किया

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: प्रदेश के मातृ, शिशु एव परिवार कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री रविदास मेहरोत्रा ने आज यहां नवल किशोर रोड स्थित नगरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का आकस्मिक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने पाया कि 30 शैय्यायुक्त इस अस्पताल में सिर्फ 20 शैय्या का ही उपयोग किया जा रहा है। अन्य 10 शैय्या वाले कमरें उ0प्र0 एड्स नियंत्रण सोसाइटी के नियंत्रण में हैं और इसका उपयोग भी नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा कुछ भाग पर मलेरिया नियंत्रण इकाई का भी कब्जा है। उन्होंने प्रमुख सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण को इस हिस्से को तत्काल खाली कराने के निर्देश दिए हैं, ताकि इस वार्ड को रोगियों के उपयोग में जाया जा सके।
श्री मेहरोत्रा ने इस अस्पताल में साफ-सफाई की बेहतर व्यवस्था एवं चिकित्सकों तथा पैरामेडिकल स्टाफ की समय से उपस्थिति सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए हैं, ताकि इस अस्पताल की सेवाओं का लाभ जारूरतमंदों तथा रोगियों को मिल सके। उन्होंने अस्पताल में पाई गई कमियों पर गम्भीर नराजगी भी जाहिर की है। उन्होंने अस्पताल को मानक के अनुसार क्रियाशील बनाये जाने के लिए हर संभव कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
राज्यमंत्री ने अस्पताल की अव्यवस्था को देख कर गहरी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने अस्पताल की कमियों को प्राथमिकता के आधार पर दूर करने के कड़े आदेश दिए। उन्होंने चिकित्सालय में स्थापित अल्ट्रासाउण्ड मशीन को क्रियाशील किए जाने हेतु आवश्यक स्टाफ की तैनाती तथा निःशुल्क अल्ट्रासाउण्ड की सुविधा उपलब्ध कराये जाने से संबंधित सूचना दीवारों पर लिखे जाने के भी आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अस्पताल के जर्जर भवन की मरम्मत करवाने के साथ ही अस्पताल परिसर में लोगों के आने-जाने पर निगरानी रखी जाए। उन्होंने अस्पताल परिसर में कुछ लोगांे द्वारा अवैध दुकान/गुमटी रख कर किए गए अतिक्रमण को तत्काल हटाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अस्पताल परिसर की साफ-सफाई पर पूरा ध्यान दिया जाए।
श्री रविदास मेहरोत्रा ने अस्पताल के अभिलेखों का भी निरीक्षण किया। रोगियों की संख्या कम पाये जाने पर उन्होंने चिकित्सा अधीक्षिका डा0 अभिलाषा मिश्रा को कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि अस्पताल में सुविधाएं बढ़ाई जांए और इनका अधिकत उपयोग रोगियों के लिए किया जाए। उन्होंने कहा कि इस अस्पताल में अधिकांश गर्भवती महिलाएं भर्ती की जाती हैं। उन्होंने अस्पताल परिसर में गंदगी तथा आपत्तिजनक वस्तुएं पाये जाने पर वाह्य लोगों के प्रवेश पर पूरी तरह पाबंदी लगाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इलाज के साथ महिलाआंे की सुरक्षा जरूरी है। किसी भी अप्रिय घटना होने पर अस्पताल प्रशासन की पूरी जिम्मेदारी होगी।
निरीक्षण के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डा0 एस0एन0एस0यादव, जिला मलेरिया अधिकारी, श्री डी0एन0 शुक्ला के अलावा चिकित्सक मौजूद थे।

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