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तरल मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) और ऑक्सीजन सिलेंडर की ढुलाई के लिए रेलवे पूरी तरह हो रही है तैयार

देश-विदेश

रेलवे सभी मुख्य कॉरिडोर पर तरल मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) और ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचाने के लिए पूरी तरह तैयार है।

कोविड संक्रमण में कुछ स्वास्थ्य स्थितियों के उपचार में ऑक्सीजन की उपलब्धता एक मुख्य अंग है।

मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की राज्य सरकारों ने रेलवे द्वारा तरल मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) टैंकर ले जाने की संभावनाएं तलाशने के लिए रेल मंत्रालय से संपर्क किया था।

रेलवे ने तत्काल तकनीकीस्तर पर एलएमओ की ढुलाई की संभावना का पता लगाया। एलएमओ फ्लैट वैगनों पर रोड टैंकरों के साथ रोल ऑन रोल ऑफ (रो रो) सेवा के माध्यम से पहुंचाए जाने हैं।

रोड ओवर ब्रिज्स (आरओबी) की ऊंचाई की सीमाओं और चुनिंदा स्थानों पर ओवर हेड इक्विपमेंट (ओएचई) के कारण विभिन्न विशेषताओं वाले रोड टैंकरों में से 3320 मिमी ऊंचाई वाले रोड टैंकर के मॉडल टी 1618 को 1290 मिमी ऊंचाई वाले फ्लैट वैगनों (डीबीकेएम) पर रखे जाने के लिए व्यवहार्य पाया गया था।

परिवहन के मानकों का परीक्षण सुनिश्चित करने के क्रम में विभिन्न स्थानों पर परीक्षण कराए गए थे।

यह डीबीकेएम वैगन 15 अप्रैल 2021 को मुंबई में कलंबोली गुड्स शेड में खड़ा था और यहां पर एलएमओ से भरा एक टी 1618 टैंकर भी लाया गया था। उद्योग और रेलवे के प्रतिनिधियों द्वारा संयुक्त रूप से इसका लेखा-जोखा लिया गया।

इस माप के आधार पर, रूट के लिए स्वीकृतियां ली गई थीं और पाया गया कि ओवरहेड मंजूरियों के आधार पर कुछ खंडों पर गति की सीमाओं के साथ ओडीसी (ओवर डायमेंशनल कन्साइनमेंट) और रो रो के रूप में आपूर्ति करना संभव होगा।

क्रायोजेनिक टैंकरों में एलएमओ की रो रो संचालन के लिए वाणिज्यिक बुकिंग और भाड़े का भुगतान सुनिश्चित करने के क्रम में, रेलवे ने इस मसले पर हर जरूरी विवरण और मार्गदर्शन उपलब्ध कराने के लिए 16 अप्रैल 2021 को एक परिपत्र जारी किया था।

‘तरल मेडिकल ऑक्सीजन की ढुलाई से संबंधितमुद्दों’ के विषय पर 17 अप्रैल 2021 को रेलवे बोर्ड के अधिकारियों और राज्य परिवहन आयुक्तों की उद्योग जगत के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक हुई थी।

उसमें यह फैसला लिया गया था कि टैंकर की व्यवस्था परिवहन आयुक्त, महाराष्ट्र द्वारा की जाएगी। ये खाली टैंकर कलंबोली/ बोइसर, मुंबई और आसपास के रेलवे स्टेशनों से भेजे जाएंगे तथा तरल मेडिकल ऑक्सीजन के लदान के लिए उन्हें विजाग और जमशेदपुर/राउरकेला/बोकारो भेजा जाएगा।

उक्त फैसले के पालन के लिए, रेलवे मंडलों को तत्परता से ट्रेलर्स प्राप्त करने और फिर लदान सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी कर दिए गए हैं। विजाग, अंगुल और भिलाई में रैम्पों का निर्माण किया गया है तथा कलंबोली में मौजूदा रैम्प को मजबूत किया गया है। कलंबोली रैम्प 19 अप्रैल 2021 तक तैयार हो जाएगी। अन्य स्थानों पर भी टैंकरों के पहुंचने तक दो दिन के भीतर वहां रैम्प तैयार हो जाएंगे।

18 अप्रैल 2021 को बोईसर (पश्चिम रेलवे) में एक परीक्षण किया गया था, जहां एक भरे हुए टैंकर को एक फ्लैट डीबीकेएम पर रखा गया और सभी जरूरी माप की गई थी।

रेलवे ने विभिन्न स्थानों पर टैंकरों की रवानगी की संभावनाओं को देखते हुए पहले ही कलंबोली और अन्य स्थानों पर डीबीकेएम वैगन पहुंचा दिए हैं। रेलवे टैंकर भेजने के लिए महाराष्ट्र से परामर्श का इंतजार कर रही है।

अनुमानित रूप से 19 अप्रैल 2021 को 10 खाली टैंकर भेजने के लिए एक परिवहन योजना तैयार कर ली गई है।

महाराष्ट्र के परिवहन सचिव ने 19अप्रैल2021 तक टैंकर उपलब्ध कराने का भरोसा दिलाया है।

राज्य सरकारों की मांगों के संबंध में रेलवे मंडलों को सूचना दे दी गई है। सीएफटीएम और पीसीओएम उद्योग और राज्य सरकारों के साथ संपर्क में है। रेलवे बोर्ड ने संबंधित जीएम को पूरी तरह तैयार रहने और रेल द्वारा ऑक्सीजन की आपूर्ति में राज्य व केन्द्र सरकार की एजेंसियों को सक्रिय रूप से सहयोग करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही रेलवे बोर्ड में ईडी/टीटी/एफ को नोडल अधिकारी के रूप में नामित कर दिया गया है।

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