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श्रद्धेय डॉ. जोसफ मार थोमा मेट्रोपोलिटन के 90वें जन्‍मदिन समारोह में प्रधानमंत्री का संबोधन

देश-विदेश

नई दिल्ली: इस विशाल सभा को संबोधित करना मेरा सौभाग्य है। हम परम श्रद्धेय डॉक्टर जोसफ मार थोमा मेट्रोपोलिटन के 90 वें जन्मदिन के विशेष अवसर को मनाने के लिए एकत्र हुए हैं। मैं उन्हें अपनी बधाई देता हूं, और मैं उनके दीर्घ जीवन और अच्‍छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं। डॉ. जोसफ मार थोमा ने हमारे समाज और राष्ट्र की बेहतरी के लिए अपना जीवन समर्पित किया है। वह गरीबी हटाने और महिला सशक्तीकरण को लेकर सबसे अधिक चिंतित रहे हैं।

मार थोमा चर्च प्रभु ईसा मसीह के देवदूत सेंट थॉमस के महान आदर्शों से करीब से जुड़ा हुआ है। भारत हमेशा से अनेक उद्भवों से आध्यात्मिक शक्तियों के लिए खुला रहा है। सेंट थॉमस के योगदान और, उनका अनुसरण करने वाले, भारतीय ईसाई समुदाय का बहुत महत्व है। सेंट थॉमस के साथ हम विनम्रता को जोड़ते हैं। उन्होंने सही कहा विनम्रता जो एक सद्गुण हैहमेशा अच्छे कार्यों में फलदायी होती है। विनम्रता की भावना के साथ मार थोमा चर्च ने हमारे साथी भारतीयों के जीवन में सकारात्मक अंतर लाने का काम किया है। उन्होंने स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में ऐसा किया है। सेंट थॉमस को अपरिमित ज्ञान था। मार थोमा चर्च ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका निभाई। चर्च राष्ट्रीय एकता की दिशा में काम करने में सबसे आगे था।

इस चर्च ने आपातकाल का मुकाबला किया। यह बेहद गर्व का विषय है कि मार थोमा चर्च की जड़ों में भारतीय मूल्य हैं। चर्च के योगदान को राष्ट्रीय स्तर पर भी मान्यता मिली है। मार थोमा चर्च के पूर्व मेट्रोपॉलिटन, फिलिपोस मार क्राइसोस्टॉम को 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। उन्होंने अनेक लोगों को प्रेरित किया।

दुनिया एक वैश्विक महामारी के खिलाफ मजबूती से लड़ रही है। कोविड-19 केवल एक शारीरिक बीमारी नहीं है जो लोगों के जीवन के लिए खतरा है। यह हमारा ध्यान अस्वस्थ जीवन-शैलियों की ओर भी ले जाता है। एक वैश्विक महामारी से तात्पर्य है कि मानवता पूर्णरूपेण उपचार की आवश्यकता है। आइए हम पृथ्‍वी में सद्भाव और खुशी को आगे बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास करें।

आपको यह जानकर खुशी होगी कि हमारे कोरोना योद्धाओं द्वारा संचालित, भारत मजबूती से कोविड-19 से लड़ रहा है। इस साल की शुरुआत में, कुछ लोगों ने भविष्यवाणी की थी कि भारत में वायरस का प्रभाव बहुत गंभीर होगा। लेकिन, लॉकडाउन और सरकार द्वारा की गई अनेक पहलों तथा साथ ही लोगों के संघर्ष के कारण, भारत कई अन्य देशों की तुलना में बेहतर स्‍थान पर है। भारत में इलाज के बाद लोगों के स्‍वस्‍थ होने की दर बढ़ रही है।

कोविड या किसी अन्य कारण से जीवन का नुकसान दुर्भाग्यपूर्ण है। हालांकि, कोविड की वजह से भारत में प्रति मिलियन मृत्यु दर 12 से कम है। इस संदर्भ में, इटली में मृत्यु दर 574 प्रति मिलियन है। अमेरिका, ब्रिटेन, स्पेन और फ्रांस के आंकड़े भी भारत की तुलना में बहुत अधिक हैं। लाखों गाँव, 85 करोड़ लोगों के घरकोरोनावायरस से लगभग अछूते हैं।

लोगों द्वारा लड़ी गई लड़ाई के अब तक अच्छे परिणाम रहे हैं लेकिन क्या हम सावधानी कम कर सकते हैं? नहीं बिलकुल नहीं। वास्तव में, हमें अब और भी सावधान रहना होगा। मास्क पहनना, दो गज की दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग), भीड़भाड़ वाली जगहों से बचना, नियमित रूप से हाथ धोना, महत्वपूर्ण रहेगा।

साथ ही, हमें 130 करोड़ भारतीयों के आर्थिक विकास और समृद्धि पर ध्यान देना होगा। व्यापार और वाणिज्य के पहियों को चलते रहना होगा। कृषि को फलना-फूलना होगा। पिछले कुछ हफ्तों में, भारत सरकार अर्थव्यवस्था से संबंधित अल्पकालिक और दीर्घकालिक दोनों मुद्दों से निपट रही है। समुद्र से अंतरिक्ष तक, खेतों से कारखानों तक, लोगों के अनुकूल और विकास के अनुकूल फैसले किए गए हैं।

आत्मनिर्भर भारत का आह्वान प्रत्येक भारतीय के लिए आर्थिक मजबूती और समृद्धि सुनिश्चित करेगा। एक महीने पहले, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री मत्‍स्‍य संपदा योजना को मंजूरी दी। यह योजना हमारे मत्स्य क्षेत्र में परिवर्तन लाने जा रही है। बीस हजार करोड़ रूपये से अधिक के निवेश के साथ, यह योजना इस क्षेत्र को बढ़ावा देना चाहती है। इसका उद्देश्य निर्यात आय में वृद्धि करना और पचपन लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करना है। हम बेहतर प्रौद्योगिकी, बुनियादी ढांचा सुनिश्चित करना चाहते हैं और मूल्य श्रृंखलाओं को मजबूत बनाना चाहते हैं। मुझे विश्वास है कि केरल में मेरी मछुआरा बहनों और भाइयों को इस योजना से लाभ होगा।

अंतरिक्ष क्षेत्र में ऐतिहासिक सुधार किए गए हैं। ये सुधार अंतरिक्ष परिसंपत्तियों और गतिविधियों का अधिक उपयोग सुनिश्चित करेंगे। डेटा और प्रौद्योगिकी तक पहुंच में सुधार होगा। मैं केरल में और विशेष रूप से दक्षिण भारत में कई युवाओं को विज्ञान और प्रौद्योगिकी में गहरी दिलचस्पी लेता हुआ देखता हूं। उन्‍हें सुधारों से लाभ मिलेगा।

हमारी सरकार ने भारत को विकास का इंजन बनाने के लिए हमेशा से संवेदनशीलता और दूरदर्शिता से काम किया है। हमने दिल्ली के आरामदायक सरकारी कार्यालयों से नहीं बल्कि जमीन के लोगों से मिले फीडबैक के बाद फैसले लिए हैं। यही वह भावना है जो सुनिश्चित करती है कि प्रत्येक भारतीय की बैंक खाते तक पहुंच हो। 8 करोड़ से अधिक परिवारों के पास धुंआ रहित रसोई की सुविधा है। बेघरों को आश्रय देने के लिए डेढ़ करोड़ से अधिक घर बनाए गए हैं।

भारत में, दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सेवा योजना,आयुष्मान भारत है। एक करोड़ से अधिक लोगों को गुणवत्तापूर्ण उपचार मिला है। गरीबों की मदद करने के लिए, हम उनके लिए एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड योजना ला रहे हैं। मध्यम वर्ग का जीवन आसान बनाने के लिए, हमने अनेक पहल की हैं। किसानों के लिए, हमने एमएसपी में वृद्धि की है और सुनिश्चित किया है कि उन्हें सही कीमत मिले और इस क्षेत्र को बिचौलियों से मुक्त किया जाए।

महिलाओं के लिए, हम सुनिश्चित कर रहे हैं कि विभिन्न योजनाओं के माध्यम से उनके स्वास्थ्य पर ध्यान दिया जाए। और, मातृत्व अवकाश बढ़ाकर उनके करियर से समझौता नहीं किया है। भारत सरकार आस्‍था, लिंग, जाति, पंथ या भाषा के बीच भेदभाव नहीं करती है। हमारी 130 करोड़ भारतीयों को सशक्त बनाने की इच्छा है और हमारा मार्गदर्शक ‘भारत का संविधान’ है।

पवित्र बाइबल व्‍यापक रूप से एकजुटता की बात करती है। अब रैंक में शामिल होने का समय है, अपने राष्ट्र की उन्नति के लिए हम मिलकर काम करें। इस पर विचार करें- हमारे कार्य राष्ट्रीय विकास में कैसे योगदान दे सकते हैं? आज भारत का कहना है- हम स्थानीय स्तर पर उत्पादन करेंगे और साथ ही स्थानीय उत्पाद खरीदेंगे। इससे कई लोगों के घरों में समृद्धि का दीप प्रज्ज्वलित होगा। हमारे राष्ट्र को मजबूत करने के कई तरीके हैं। मार थोमा चर्च, अपने मूल्यों के अनुरूप, निश्चित रूप से बेहतर कार्य करेगा और आने वाले समय में भारत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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