35 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

बीआईटी मेसरा में राष्ट्रपति ने कहा, छात्र नौकरी मांगने वाले नहीं बल्कि नौकरी देने वाले बने

देश-विदेश

नई दिल्ली: राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने झारखंड के रांची में बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान (बीआईटी) के हीरक जयंती समारोह का उद्घाटन

किया और दीक्षांत समारोह को संबोधित किया।

इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि भारत इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं कर सकता है कि देश में 25 करोड़ से अधिक लोग गरीबी में जीवन यापन कर रहे हैं। उन्हें गरीबी से बाहर लाने का काम बहुत कठिन जरूर है, लेकिन संभव है। हमारी सामाजिक-आर्थिक प्रगति इस प्रतिबद्धता के साथ होनी चाहिए कि इसका लाभ समाज के सभी वर्गों को समान रूप से मिले, विशेषकर पिछड़ों, कम अधिकार प्राप्त लोगों और वंचितो को। बीआईटी मेसरा ने शहरों और गांवों में सामाजिक उत्थान के लिए कई मार्ग बतलाए हैं। इसके पूर्व छात्रों ने हैंडपंप और गांवों के अन्य जल निकायों के लिए सस्ते जलशोधन संयंत्रों का डिजाइन तैयार कर और अस्पतालों में बिस्तरों की सेवा को फिर से डिजाइन कर गरीब से गरीब व्यक्तियों तक प्रौद्योगिकी के लाभों को पहुंचाया है। राष्ट्रपति ने सभी से आग्रह किया कि वे अनुसंधान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से समाज के अनुकूल परियोजनाओं पर जोर देना जारी रखें। चलिए, सामाजिक-आर्थिक पिरामिड में सबसे नीचे खड़े लोगों के लिए शैक्षणिक संस्थानों में अनुसंधान को प्रासंगिक बनाते हैं!

राष्ट्रपति ने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था की उत्पादक क्षमता का अनुभव करने के लिए विभिन्न नवाचार गतिविधियों को शुरुआत मुहैया कराना आवश्यक है। एक अर्थव्यवस्था में उत्पादन बढ़ाने के लिए पूंजी और श्रम से ज्यादा नवाचार (इनोवेशन) निर्णायक कारक होता है। आज के युवा नवीन विचारों से भरे हुए हैं। केंद्रीय संस्थानों में शुरू हुई नवीन आविष्कारों के क्लब की अवधारणा को अन्य संस्थानों में दोहराया जा सकता है। ये क्लब व्यवहार्य उत्पादों में नवाचारों को विकसित और संरक्षित करने के लिए तकनीकी संस्थानों के मौजूदा नवाचार इन्क्यूबेटरों के साथ जुड़ सकते हैं। नवीन आविष्कारों, तकनीकी संस्थानों और पूंजी लगाने वालों के बीच श्रृंखला को मजबूत करने की भी आवश्यकता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि सुविधाजनक माहौल के कारण आज के युवाओं में उद्यमशीलता की विशिष्ट योग्यता है। भारत में कई स्टार्ट-अप सफल हो जाते हैं और दूसरों को प्रगति का मार्ग दिखाते हैं। छात्रों की उद्यमशीलता की क्षमताओं को परिष्कृत करने में उच्च शैक्षिक संस्थानों की एक स्पष्ट भूमिका है। हमारे संस्थानों में उद्यमी अध्ययन को एक कोर्स के रूप में पढ़ाया जा सकता है। हमारे उपाय बीआईटी मेसरा के छोटे उद्योगों के उद्यमी ‘पार्क को सहायता देने जैसे किए जाने की जरूरत है, जिससे छात्रों को नौकरी मांगने वाला नहीं बल्कि नौकरी देने वाले के तौर पर तैयार किया जा सके।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More