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डेंगू चिकित्सालयों में फिजीशियन तथा बाल रोग चिकित्सक की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए: ब्रजेश पाठक

उत्तर प्रदेश

लखनऊः उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक ने प्रदेश के समस्त मण्डलीय एवं जनपदीय चिकित्साधिकारियों तथा चिकित्सा अधीक्षकों को निर्देश दिये हैं कि विलंबित वर्षा के कारण प्रदेश में डेंगू रोग के रोगियों की संख्या में वृद्धि की संभावना के दृष्टिगत डेंगू के उपचार हेतु सभी जनपदों में आवश्यक चिकित्सकीय व्यवस्थाएं और अधिक सुदृढ़ की जायें। उन्होंने निर्देश दिये हैं कि पूर्व में कोविड रोग के प्रबंधन हेतु जनपदों में कुछ जनपद स्तरीय चिकित्सालयों को कोविड चिकित्सालय चिन्हित करते हुए यहां कोविड रोगियों हेतु वार्ड तथा बेड्स विकसित एवं सुसज्जित किए गए थे जो वर्तमान में रिक्त हैं। ऐसे चिकित्सालयों को डेंगू चिकित्सालय नामित करते हुए इन वार्ड्स तथा बेड्स का प्रयोग डेंगू रोग के रोगियों हेतु किया जाये। नामित डेंगू चिकित्सालयों में डेंगू रोगियों के उपचार हेतु पर्याप्त मात्रा में औषधियां, ओ०आर०एस० तथा आई०वी० फ्लूड्स की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये ।
उपमुख्यमंत्री ने निर्देश  दिए हैं कि डेंगू चिकित्सालय में ड्यूटी हेतु कोविड प्रबंधन के दौरान बनाये गये रोस्टर के समान ही तीन सत्रों में रोस्टर बनाया जाये तथा मानव संसाधन आवश्यकतानुसार तैनात किए जाये। इसके अतिरिक्त इन डेंगू चिकित्सालयों में फिजीशियन तथा बाल रोग चिकित्सक की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए, यदि नामित किए गए चिकित्सालय में यह चिकित्सक मूल रूप से तैनात नहीं है तो मंडलीय अपर निदेशक/मुख्य चिकित्सा अधिकारी के द्वारा जनपद के अन्य क्षेत्रों से डेंगू रोग के प्रसार में कमी होने तक इन चिकित्सकों को डेंगू चिकित्सालय नामित किए गए चिकित्सालय में तैनात किया जा सकता है। इन चिकित्सालयो में एक अधिकारी को नोडल अधिकारी नामित किया जाए। नामित डेंगू चिकित्सालय की निकटवर्ती टर्शियरी केयर चिकित्सालय से टेलिमेडिसिन के माध्यम से अनिवार्य रूप से लिंकेज की जाए ताकि रोग प्रबंधन के दौरान जटिलता की स्थिति उत्पन्न होने पर विशेषज्ञों से परमर्श की सुविधा तत्काल उपलब्ध हो सके।
उपमुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं डेंगू रोग के प्रबंधन हेतु इन चिकित्सालयों का लिंकेज जनपद स्तरीय ब्लड बैंक से (प्लेटलेट्स की उपलब्धता के लिए) तथा डेंगू प्रयोगशाला (जाँचों हेतु) से भी अनिवार्य रूप से किया जाए। साथ ही इस प्रकार व्यवस्था की जाए कि डेंगू के मरीज भर्ती होने की स्थिति में डेंगू चिकित्सालयों से रक्त के नमूने एक सहज प्रक्रिया के रूप में संबंधित लिंक्ड प्रयोगशाला को दैनिक रूप से प्रेषित किए जा सकें। रोगियों तथा परिजनों की सुविधा हेतु सम्बद्ध ब्लड बैंक तथा प्रयोगशाला के संपर्क नंबर चिकित्सालयों में प्रमुख रूप से डिस्प्ले किये जायें। डेंगू चिकित्सालयों में डेंगू रोगियों के परिवहन हेतु 108 एंबुलेंस सेवा के साथ समन्वय सुनिश्चित किया जाए। डेंगू चिकित्सालयों में रोगियों के परिजनों को रोगियों की स्थिति के विषय में जानकारी उपलब्ध कराने के लिए उत्तरदायित्व एवं समय निर्धारित किया जाए।
उपमुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं जन सामान्य की सुविधा हेतु वर्तमान में जनपद में क्रियाशील कंट्रोल रूम का नंबर व्यापक रूप से प्रचारित किया जाए। जनपदीय कंट्रोल रूम पर जनपद के समस्त सरकारी चिकित्सालयों में उपलब्ध डेंगू रोगियों हेतु आरक्षित बेड्स (रिक्त) की उपलब्धता का चार्ट प्रतिदिन दो बार अद्यतन किया जाए तथा रोगियों के स्वास्थ्य की स्थिति तथा चिकित्सालयों में रिक्त बेड्स की उपलब्धता के अनुसार रोगियों को चिकित्सालयों में भर्ती हेतु आवश्यक व्यवस्था हेतु उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए सुनिश्चित की जाए। ज्वर/डेंगू रोग के रोगी अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी चिकित्सालय में उपचार हेतु जा सकते हैं एवं भर्ती हो सकते हैं। डेडिकेटेड डेंगू चिकित्सालय डेंगू/अन्य संचारी रोगों के रोगियों के प्राथमिकता के आधार पर उपचार हेतु अतिररिक्त रूप से उपलब्ध रहेंगे।

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