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दाण्डिक न्याय प्रशासन के विभिन्न अंगों में पुलिस बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के नवनियुक्त पुलिस उपाधीक्षकगण हेतु न्यायिक, प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान में आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन आज न्यायमूर्ति श्री शबीहुल हसनैन, न्यायधीश, इलाहाबाद उच्च न्यायालय, लखनऊ पीठ/जज इंजार्च, जे0टी0आर0आई0 ने किया। इस अवसर पर संस्थान के अध्यक्ष, न्यायमूर्ति श्री एस0यू0 खान एवं संस्थान के निदेशक, श्री महबूब अली ने भी प्रशिक्षणार्थी को सम्बोधित किया।
इस अवसर पर न्यायमूर्ति श्री शबीहुल हसनैन ने कहा कि दाण्डिक न्याय प्रशासन के विभिन्न अंगों में पुलिस बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। पुलिस अधीक्षकगण का कार्य न्यायिक अधिकारियों की अपेक्षा बहुत कठिन है उन्हेें कठिन परिस्थितियों में कार्य करना होता है। इसके साथ ही समाज की भी बहुत सी अपेक्षायें पुलिस से होती हैं। न्यायमूर्ति श्री हसनेैन ने प्रतिभागी पुलिस उपाधीक्षकगण को सुक्षाव देते हुये कहा कि उन्हंे अपने दायित्वों का निर्वहन करने के दौरान स्वयं के लिए भी समय निकालना अति आवश्यक है ताकि खुद का विश्लेषण कर अन्तर्मन को अनुरक्षित रखा जा सके। प्रशिक्षण की महत्ता पर बल देते हुए न्यायमूर्ति ने कहा कि प्रतिभागीगण संबंधित विधिक क्षेत्र में ज्ञान रखते हैं परन्तु यहां प्रदान किया जा रहा प्रशिक्षण प्रतिभागीगण को उनके दायित्वों के निर्वहन में बहुत सहायक होगा।
संस्थान के अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री एस0यू0 खान ने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में अपराधी बहुत बुद्धिमान एवं चतुर हो गया है। दाण्डिक न्याय प्रशासन में उचित न्याय साक्ष्य की सत्यता पर निर्भर करता है। उन्होंने प्रतिभागी पुलिस उपधीक्षकगण को अवगत कराते हुए कहा कि एफ0आई0आर0 दायर करने हेतु कोई व्यक्ति आये तो संबंधित पुलिस अधिकारी को उन्हें अपना सुक्षाव नहीं देना चाहिए क्योंकि यह उनका कार्य नहीं है। कभी-कभी पुलिस की गलत राय के फलस्वरूप अपराध कथानक गलत तथ्य समाविष्ट हो जाते हैं।
संस्थान के निदेशक श्री महबूब अली ने प्रतिभागीगण को सम्बोधित करते हुए कहा कि न्याय व्यवस्था बनाये रखने में पुलिस की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्हें आम जनता के जीवन, स्वतंत्रता एवं सम्पत्ति की सुरक्षा का दाियत्व निभाना होता है। उन्होंने लोगों के मानवाधिकार की रक्षा के साथ ही गिरफ्तार व्यक्तियों के मानवाधिकार की रक्षा करनी होती है। पुलिस उपाधीक्षकगण की अहम् भूमिका होती है। वे दहेज मृत्यु एवं अन्य जघन्य अपराधों में स्वयं विवेचना करते हैं तथा साथ ही अपने अधीनस्थ अधिकारियों द्वारा की जा रही विवेचनाओं की समीक्षा तथा साक्ष्य संग्रह आदि में उनका मार्गदर्शन करते हैं।
इस अवसर पर श्री आर0एम0एन0 मिश्र, अपर निदेशक ने मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथिगण का स्वागत किया। श्री पी0के0सिंह, अपर निदेशक (प्रशासन) ने धन्यवाद ज्ञापित किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र का संचालन श्री पंकज जायसवाल, उप निदेशक ने किया।

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