29 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

प्रधानमंत्री ने कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की अध्यक्षता की

देश-विदेश

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 11 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ कोविड-19 की स्थिति पर उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इन राज्यों में पिछले कुछ समय में मामलों की अधिकतम संख्या दर्ज की गई है।

कोरोना वायरस कई राज्यों के साथ-साथ टियर 2 और टियर 3 शहरों को प्रभावित कर रहा है, इस बात को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने सामूहिक शक्ति के साथ इस महामारी से लड़ने के लिए मिलकर काम करने का आह्वाहन किया है। उन्होंने कहा कि इस महामारी की पहली लहर के दौरान भारत की सफलता का सबसे बड़ा आधार हमारा एकजुट प्रयास और एकजुट रणनीति थी। उन्होंने इस बात को दोहराया कि हमें इस चुनौती का समाधान उसी तरह से करना होगा।

प्रधानमंत्री ने यह विश्वास दिलाया कि इस लड़ाई में सभी राज्यों को केंद्र का पूरा सहयोग रहेगा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय राज्यों के साथ संपर्क में है और करीब से स्थिति की निगरानी कर रहा है। इसके अलावा समय-समय पर राज्यों को जरूरी सलाह भी जारी कर रहा है।

वहीं, ऑक्सीजन की आपूर्ति को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यों द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अलावा सरकार के सभी संबंधित विभाग और मंत्रालय भी साथ काम कर रहे हैं। औद्योगिक इस्तेमाल में आने वाले ऑक्सीजन का भी चिकित्सीय ऑक्सीजन की जरूरतों के लिए उपयोग किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने सभी राज्यों से एक साथ काम करने और दवाओं एवं ऑक्सीजन से संबंधित आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आपसी समन्वय का अनुरोध किया। इसके अलावा उन्होंने राज्यों से ऑक्सीजन एवं दवाओं की जमाखोरी और कालाबाजारी की जांच करने का भी आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रत्येक राज्य को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी ऑक्सीजन टैंकर, चाहे वह किसी भी राज्य के लिए हो, वह कहीं रूका या फंसा हुआ नहीं हो। वहीं प्रधानमंत्री ने राज्यों से राज्य के विभिन्न अस्पतालों मे ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए एक उच्च-स्तरीय समन्वय समिति गठित करने का भी अनुरोध किया। इस समन्वय समिति को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि केंद्र से जैसे ही ऑक्सीजन का आवंटन होता है, वह तुरंत ही राज्य के विभिन्न अस्पतालों में जरूरत के अनुरूप ऑक्सीजन पहुंचा सके। वहीं, प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों को यह सूचित किया कि बीते कल उन्होंने ऑक्सीजन की आपूर्ति पर एक बैठक की अध्यक्षता की और ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने को लेकर सभी विकल्पों पर चर्चा करने के लिए आज एक और बैठक में हिस्सा लेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि केंद्र सरकार ऑक्सीजन टैंकरों की यात्रा और लौटने के समय को कम करने के लिए सभी संभावित विकल्पों पर काम कर रही है। इसके लिए रेलवे ने ऑक्सीजन एक्सप्रेस शुरू की है। इसके अलावा एक तरफ की यात्रा समय को कम करने के लिए ऑक्सीजन के खाली टैंकरों का परिवहन वायु सेना द्वारा भी किया जा रहा है।

वहीं प्रधानमंत्री ने कहा कि संसाधनों के उन्नयन के साथ-साथ हमें परीक्षण पर भी ध्यान केंद्रित करना होगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि व्यापक स्तर पर परीक्षण किया जाना चाहिए, जिससे लोगों को आसानी से सुविधा मिल सके।

प्रधानमंत्री ने इस बात को रेखांकित किया कि इस स्थिति में भी हमारे टीकाकरण कार्यक्रम को धीमा नहीं किया जाना चाहिए। वहीं प्रधानमंत्री ने इस बात का उल्लेख किया कि भारत विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चला रहा है और अब तक केंद्र सरकार द्वारा 15 करोड़ से अधिक टीके की खुराक राज्यों को निःशुल्क प्रदान की गई है। 45 साल से अधिक उम्र के सभी नागरिकों और स्वास्थ्यकर्मियों एवं अग्रिम मौर्चे पर तैनात कर्मियों को नि:शुल्क टीका प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया अभियान समान रूप से जारी रहेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि 1 मई से यह टीका 18 साल से अधिक उम्र के सभी नागरिकों के लिए उपलब्ध होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमें अधिक से अधिक लोगों का टीकाकरण करने के लिए मिशन मोड में काम करने की भी आवश्यकता है।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि मरीजों के इलाज के लिए सभी उपायों के साथ-साथ अस्पताल की सुरक्षा भी बहुत महत्वपूर्ण है। अस्पतालों में ऑक्सीजन रिसाव एवं आग लगने की हालिया घटनाओं पर दु:ख व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अस्पताल के प्रशासनिक कर्मचारियों को सुरक्षा प्रोटोकॉल के बारे में और अधिक जागरूक करने की जरूरत है।

इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने प्रशासन से लोगों को लगातार जागरूक करने का भी आग्रह किया, ताकि वे घबराहट में खरीदारी न करें। उन्होंने कहा कि एकजुट प्रयासों से हम देशभर में महामारी की इस दूसरी लहर को रोक पाएंगे।

इससे पहले नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी. के. पॉल द्वारा एक प्रस्तुति दी गई, जिसमें संक्रमण की नई लहर के खिलाफ की जा रही तैयारियों को रेखांकित किया गया। इसके अलावा डॉ. पॉल ने चिकित्सा सुविधाओं को बढ़ाने और मरीजों के लक्षित इलाज के लिए रोडमैप भी प्रस्तुत किया। उन्होंने सभी को चिकित्सा संबंधी अवसंरचना, टीमों एवं आपूर्ति को बढ़ावा देने, नैदानिक प्रबंधन, रोकथाम, टीकाकरण और सामुदायिक सहभागिता के बारे में जानकारी दी।

इस बातचीत के दौरान, राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने कोरोना की मौजूदा लहर को लेकर संबंधित राज्य सरकारों द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बारे में प्रधानमंत्री को जानकारी दी। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों और नीति आयोग द्वारा प्रस्तुत किए गए रोडमैप से उन्हें बेहतर तरीके से प्रतिक्रियाओं को तैयार करने में सहायता मिलेगी।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More