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कोयला मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक

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नई दिल्लीः कोयला मंत्रालय से संबद्ध संसदीय सलाहकार समिति की बैठक कल सांयकाल यहां आयोजित हुई। बैठक में कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) की खानों को बंद करने की योजना के कार्यान्वयन पर चर्चा की गई। बैठक की अध्यक्षता बिजली, कोयला, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा तथा खान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री पीयूष गोयल ने की।

अपने शुरूआती व्यक्तव्य में श्री गोयल ने माननीय सदस्यों को बताया कि खानों को बंद करने की गतिविधि महत्वपूर्ण है तथा मंत्रालय इस संबंध में एक विशेष योजना तैयार कर रहा है, जिसके तहत प्रत्येक कोयला खान को बंद करने के लिए अध्ययन किया जाएगा। योजना के तहत पानी के बेहतर इस्तेमाल पर ध्यान दिया जाएगा, ताकि उपयुक्त उपचार तथा भू-जल को रिचार्ज करने के बाद उसका उपयोग पीने और सिंचाई के लिए संभव हो।

इस अवसर पर सीआईएल के निदेशक (तकनीकी) ने वर्ष 2015-16 के दौरान सीआईएल की उपलब्धियों के बारे में एक विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया। इस प्रस्तुतिकरण में सीआईएल द्वारा जारी दिशा-निर्देशों सहित उसके द्वारा की गई प्रमुख पहलों और गतिविधियों का परिचय दिया गया। इसके अलावा सीआईएल और उसकी सहायक कंपनियों द्वारा खानबंदी योजना (एमसीपी) के तहत किए जाने वाले पर्यावरण सुरक्षा तथा जल प्रबंधन के लिए उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी भी दी गई। माननीय सदस्यों को बताया गया कि एमसीपी खनन योजनाओं का अहम हिस्सा हैं। इस संबंध में मंत्रालय ने 27 अगस्त 2009 को दिशा-निर्देश जारी किए थे, जिनमें 11 जनवरी, 2012 और 07 जनवरी, 2013 को संशोधन किया गया है। माननीय सदस्यों को जानकारी दी गई कि केन्द्रीय खान योजना एवं डिजाइन संस्थान (सीएमपीडीआई) ने सीआईएल की खानों के लिए एमसीपी तैयार की है। सीआईएल ने बंदी के लिए 476 खानों को चिन्हित किया है और 31 जुलाई, 2016 तक 445 खानों के लिए एमसीपी को स्वीकृत दी गई है। दिशा-निर्देशों के अनुसार सीआईएल ने एस्क्रो खाते में 4387.60 करोड़ रुपए जमा कर दिए हैं।

चर्चा के दौरान मंत्री महोदय ने माननीय सदस्यों को बताया कि इस प्रक्रिया को और मजबूत बनाने के लिए सीआईएल विभिन्न प्रकार के अध्ययन के संबंध में भारतीय वन अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद (आईसीएफआरई) का सहयोग ले रहा है। एमसीपी की प्रगति और औचित्य तथा पर्यावरण लेखा परीक्षण तथा वन संबंधी विषयों के लिए सीआईएल जल्द ही वन अनुसंधान संस्थान के साथ समझौता दस्तावेज पर हस्ताक्षर करेगा।

चर्चा के दौरान सभी सदस्यों ने इस संबंध में सीआईएल और मंत्रालय द्वारा किए जाने वाले प्रयासों की प्रशंसा की। सदस्यों ने सुझाव दिया कि खानों को बंद करने के बाद जमीन को दोबारा उपयोग लायक बनाने तथा जल संरक्षण के लिए नेवेली लिग्नाइट कॉरपोरेशन का सहयोग लिया जाए।

श्री गोयल ने माननीय सदस्यों को आश्वस्त किया कि उनके द्वारा दिए जाने वाले अमूल्य सुझावों को मंत्रालय और सीआईएल अपनाएंगे।

बैठक में लोकसभा सदस्य डॉ. भारती डी श्याल, श्री हरि मांझी, श्री कमलभान सिंह मराबी, श्री करिया मुंडा, श्री लखन लाल साहू, श्री लक्ष्मी नारायण यादव, श्री मिधुन रेड्डी, श्री राजेश वर्मा, श्री राम तहल चौधरी, श्री रवीन्द्र कुमार पांडेय, श्री संतोष कुमार, श्री विजय कुमार हंसदक और श्री विष्णु दयाल राम तथा राज्यसभा से डॉ. अनिल कुमार साहनी उपस्थित थे।

कोयला सचिव श्री अनिल स्वरूप, सीआईएल के अध्यक्ष सह-प्रबंध निदेशक एवं अन्य निदेशकों सहित कोयला मंत्रालय के आला अफसरों ने भी बैठक में हिस्सा लिया।

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