37 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने 10000 एमटी एलएमओ के वितरण की उपलब्धि हासिल की

देश-विदेश

सभी बाधाओं को पार करते हुए और नए समाधानों को खोजने के साथ, भारतीय रेलवे देश भर के विभिन्न राज्यों में तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति बनाए रखते हुए राहत पहुंचाने की अपनी यात्रा जारी रखे हुए है। अब तक, भारतीय रेलवे ने देश भर के विभिन्न राज्यों में 600 से अधिक टैंकरों में 10300 मीट्रिक टन से अधिक एलएमओ वितरित की है।

पिछले कुछ दिनों से ऑक्सीजन एक्सप्रेस हर दिन लगभग 800 मीट्रिक टन एलएमओ देश में पहुंचा रही है।

आने वाले चक्रवाती तूफान के बावजूद तेज हवाओं को मात देते हुए, रेलवे ने आज प्रातः गुजरात से 2 ऑक्सीजन एक्सप्रेस चलाईं ताकि देश को 150 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा सके।

वडोदरा से एक ऑक्सीजन एक्सप्रेस 2 आरओआरओ ट्रकों और 45 एमटी एलएमओ के साथ दिल्ली क्षेत्र में आपूर्ति के लिए सुबह 4 बजे रवाना हुई।

उत्तर प्रदेश और दिल्ली क्षेत्र में वितरण के लिए दूसरी ऑक्सीजन एक्सप्रेस 106 एमटी ऑक्सीजन सहायता से लदे 6 टैंकरों के साथ सुबह 5.30 बजे हापा से रवाना हुई।

बोकारो से पंजाब के लिए पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस भी आज शाम 7 बजे दो टैंकरों के साथ 41.07 मीट्रिक टन ऑक्सीजन राहत के साथ फिल्लौर पहुंचने के लिए तैयार है।

गौरतलब है कि ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने 23 दिन पहले 24 अप्रैल, 2021 को महाराष्ट्र में 126 मीट्रिक टन वितरण के साथ अपना सफर प्रारंभ किया था।

23 दिनों से कुछ अधिक के समय में ही, रेलवे ने 13 राज्यों को 10300 मीट्रिक टन से अधिक मेडिकल ऑक्सीजन देने के लिए अपने ऑक्सीजन एक्सप्रेस संचालन में वृद्धि की है।

देश भर में अपने संचालन को जारी रखते हुए, भारतीय रेलवे पश्चिम में हापा और मुंद्रा और पूर्व में राउरकेला, दुर्गापुर, टाटानगर, अंगुल जैसे स्थलों से ऑक्सीजन को प्राप्त करके फिर इसे उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु हरियाणा, तेलंगाना पंजाब, केरल, दिल्ली और उत्तर प्रदेश राज्यों में महत्वपूर्ण संचालन परिदृश्यों के मुताबिक आपूर्ति कर रहा है।

ऑक्सीजन राहत की आपूर्ति को कम से कम समय में पहुँचाने को सुनिश्चित करने के लिए कि रेलवे ऑक्सीजन एक्सप्रेस मालगाड़ियों के संचालन में नए मानक और अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल कर रहा है। लंबी दूरी के ज्यादातर मामलों में इन महत्वपूर्ण मालगाड़ियों की औसत गति 55 से ऊपर है। उच्च प्राथमिकता वाले ग्रीन कॉरिडोर पर दौड़ते हुए, उच्चतम अत्यावश्यकता के साथ, विभिन्न क्षेत्रों की परिचालन टीमें सबसे चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में चौबीसों घंटे काम कर रही हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि ऑक्सीजन सबसे तेज संभव समय सीमा में पहुंचे। विभिन्न खण्डों में रेलवे कर्मचारियों के बदलाव के लिए तकनीकी ठहराव को घटाकर 1 मिनट कर दिया गया है।

पटरियों को परिवहन मुक्त रखा जाता है और यह सुनिश्चित करने के लिए उच्च सतर्कता बरती जाती है कि ऑक्सीजन एक्सप्रेस निरंतर बिना रुके हुए आगे बढ़ती रहे।

यह सब इस तरह से किया जाता है कि अन्य माल ढुलाई की गति भी कम न हो।

उल्लेखनीय है कि अब तक लगभग 160 ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने अपनी यात्रा पूरी करते हुए विभिन्न राज्यों को राहत प्रदान की है।

भारतीय रेलवे अनुरोधकर्ता राज्यों को यथासंभव कम से कम समय में अधिक से अधिक एलएमओ पहुंचाने का प्रयास करता है।

अब तक जारी इस अभियान के तहत, महाराष्ट्र में 521 मीट्रिक टन, उत्तर प्रदेश में लगभग 2652 मीट्रिक टन, मध्य प्रदेश में 431 मीट्रिक टन, हरियाणा में 1290 मीट्रिक टन, तेलंगाना में 564 मीट्रिक टन, राजस्थान में 40 मीट्रिक टन, कर्नाटक में 361 मीट्रिक टन, उत्तराखंड में 200 मीट्रिक टन, तमिलनाडु में 231 मीट्रिक टन, पंजाब में 40 मीट्रिक टन, केरल में 118 मीट्रिक टन और दिल्ली में लगभग 3734 मीट्रिक टन ऑक्सीजन प्रदान की जा चुकी है।

ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए रेलों का संचालन एक अत्यंत गतिशील अभ्यास है और इसके आंकड़ों को हर समय अपडेट किया जाता हैं। वितरण के लिए तैयार अन्य ऑक्सीजन एक्सप्रेस के रात में अपनी यात्रा प्रारंभ करने की उम्मीद है।

रेलवे ने ऑक्सीजन आपूर्ति स्थलों के साथ विभिन्न मार्गों की मैपिंग की है और राज्यों की किसी भी आकस्मिक जरूरत के साथ स्वयं को तैयार ऱखा है। तरल चिकित्सा ऑक्सीजन को लाने के लिए राज्य भारतीय रेल को टैंकर प्रदान करते हैं।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More