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खान मंत्रालय द्वारा इंदौर, मध्यप्रदेश में चतुर्थ राष्ट्रीय खान और खनिज सम्मेलन का आयोजन

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नई दिल्ली: खान मंत्रालय ने 13 जुलाई, 2018 को इंदौर, मध्यप्रदेश में चतुर्थ राष्ट्रीय खान और खनिज सम्मेलन का आयोजन किया। इस सम्मेलन में राज्यांे के खान मंत्रियांे, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय सहित केन्द्रीय मंत्रालय के अधिकारियों, राज्य सरकार के अधिकारियों, खनन उद्योग के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों, उद्योग एसोसिएषनों, अकादमिक संस्थानों तथा अन्य ने भाग लिया।

इस सम्मेलन में माननीय खान मंत्री और माननीय खान राज्य मंत्री और 06 राज्यों के खनन मंत्री, नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी तथा केंद्रीय इस्पात सचिव भी उपस्थित थे। मध्यप्रदेष के माननीय मुख्यमंत्री श्री षिवराज सिंह चैहान इस सम्मेलन के मुख्य अतिथि थे। उन्हांेने मध्यप्रदेष राज्य में खनन सेक्टर के महत्व को रेखांकित किया और खनन सेक्टर में पारदर्षिता लाने के लिये खान मंत्रालय के प्रयासों की प्रषंसा की। माननीय खान राज्य मंत्री श्री हरिभाई पार्थीभाई चैधरी ने खनन सेक्टर के अन्तर्निहित महत्व पर जोर दिया क्योंकि यह सेक्टर बहुत से उद्योगों को कच्ची सामग्री उपलब्ध कराता है।

 माननीय खान मंत्री, श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने अपने उद्बोधन में सरकार द्वारा नीेतिगत सुधारों की पहल के बाद आए महत्वपूर्ण बदलावों पर प्रकाष डाला जो खनन उत्पादांे में मात्रा की दृष्टि से 6ः और मूल्य की दृष्टि से 23.4ः की सषक्त वृद्धि के रूप में स्पष्ट दिखाई देते हंै। 6000 करोड़ रूपये की औसत र्वािर्षक वृद्धि तथा वर्तमान में 19,500 करोड़ के संचित फण्ड के साथ जिला खनिज फाउण्डेषन ने जनता के लिये खनन द्वारा प्रभावित क्षेत्र में विकास कार्यो द्वारा एक सकारात्मक धारण की शुरूआत की है।

 उन्होने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि नई नीलामी व्यवस्था के तहत् नीलामी की गई 43 खानों में से 02 संचालित हैं तथा इस वर्ष के अन्दर 09 अन्य ब्लाॅको के संचालित होने की संभावना है।

नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने माननीय प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया संस्करण की प्राप्ति के लिये माइन आॅफ इंडिया की सफलता पर जोर दिया। उन्हांेने सम्बन्धित सेक्टर के विकास तथा जनसंख्या लाभांष से फायदा उठाने के लिये प्र्याप्त रोजगार सृजन में सहयोग देने में खनन सेक्टर के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने केंद्रीय खान मंत्रालय द्वारा खनन सेक्टर को बढ़ावा देने के लिये निवेषक अनुकूल रवैया अपनाये जाने पर जोर दिया।

केंद्रीय इस्पात मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि खनन कोई प्रदूषण पैदा करने वाला उद्योग नहीं है बल्कि यह खनन कार्यो की समाप्ति के बाद पर्यावरणीय पुनर्संरचना में सहयोग प्रदान करता है। उन्होने खनन सेक्टर का इसके सम्बद्ध उद्योगों के साथ तालमेल विकसित करने पर जोर दिया।

 पहली बार इस सम्मेलन में प्रदर्षनी लगाई गयी जिसमें राज्यों द्वारा वर्ष 2018-19 के दौरान रखे जाने के लिये तैयार नीलामी हेतु 100 से अधिक खनिज ब्लाॅको को प्रदर्षित किया गया। जीएसआई और एमईसीएल जैसी गवेषण एंजेसियों, व्यवसाय सलाहकारों (एसबीआईकेप, कृषिल, केपीएमजी), डीजीपीएस सर्वेयर एजेन्सी (मीकोन) आदि नीलामी पूर्व तैयारी से सम्बन्धित एजेन्सियों ने भी अपने स्टाल लगाये। आईबीएम, पर्यावरण,वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भी खनन योजना तथा पर्यावरण अनापत्ति प्रमाण पत्र एवं वन अनापत्ति प्रमाण:पत्र प्रक्रियाओं पर स्टाल लगाये। खनिज एवं धातु उद्योग की इस प्रदर्षनी में सार्वजनिक और निजी सेक्टर की सहभागिता से निवेषकांे को निवेष सम्बन्धी निर्णय लेने के मामले में बेहतर समझ विकसित करने का भी मौका मिला।

 इस सम्मेलन में 02 तकनीकी सत्र भी आयोजित किये गये। प्रथम सत्र में राज्य सरकारों ने उन खनिज ब्लाॅको को प्रदर्षित किया जिनकी वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान नीलामी की जानी है। दूसरे तकनीकी सत्र में खनिज ब्लाॅकों की नीलामी हेतु पहचान एवं तैयारी, खनन योजना के अनुमोदन और सांविधिक अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रदान करने हेतु आवष्यक कदम जैसे नीलामी के विभिन्न चरणों और इसके संचालन के बारे में दी गई प्रस्तुतियों को बहुत सराहा गया।

 इस सम्मेलन के दौरान माननीय खान मंत्री तथा माननीय खान राज्य मंत्री द्वारा विभिन्न पुस्तकों का विमोचन भी किया गया जिनमें पिछले 4 वर्षो के दौरान खान मंत्रालय की उपलब्धियों पर एक पुस्तिका भी शामिल है। भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण के एक महत्वपूर्ण बुलेटिन को भी जारी किया गया जिसमें भारत में खनिज गवेषण पर एक दृष्टि डाली गई। इस अवसर पर नालको की पुस्तिका ‘एल्युमिनियम द फ्यूचर मेटल’ तथा एचसीएल की ‘फ्राॅम वेस्ट टू सैकेण्डरी रिसोर्सेस’ भी जारी की गई। नालको-नमस्य नामक एक एप्प को भी माननीय मंत्रीगण द्वारा लोकार्पित किया गया।

 माननीय खान मंत्रीगण ने उद्योग के प्रमुखों के साथ एक गोलमेज सम्मेलन भी किया जिसमें सांविधिक अनापत्ति से सम्बन्धित प्रमुख मुद्दो पर चर्चा की गई। उन्होनें खनन सेक्टर में सुधार तथा विकास पर सुझाव आमंत्रित किये। उन्होनें उद्योग प्रमुखों और अन्य स्टेक होल्डरो को आष्वासन दिया गया कि इस सम्मेलन में प्राप्त सुझाव पर समुचित विचार तेजी से विमर्ष किया जायेगा तथा जहां भी जरूरी होगा निर्णय लिये जायेंगे।

 नीलामी पूर्ण करने में असाधारण योगदान देने वाले विभिन्न राज्यों के अधिकारियों के प्रयासों की सराहना करने तथा नीलामी व्यवस्था को क्रियान्वित करने में उत्कृष्टता के लिये इस सम्मेलन में पुरस्कृत किया गया।

. अपनी तरह का यह प्रथम सम्मेलन राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के तीव्रगति के विकास तथा रोजगार सृजन के लिये अपने पूरे योगदान देने हेतु खनन सेक्टर सक्षम बनाने में मंत्रालय के प्रयासो को मजबूत बनाने में बहुत सहयोग देगा। यह खनन क्षेत्र में सर्वोत्तम परिपाटियों को बढ़ावा देने तथा विभिन्न समस्याओं के समाधान हेतु नीतिगत परिवेष को ओर बेहतर बनाने में सहयोग देगा जिससे जीडीपी में इसके योगदान में वृद्धि होगी।

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