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जैविक खेती से जल, जंगल, जमीन, सहित पर्यावरण, तथा मानव की सेहत में होगा सुधार

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी जैविक खेती करने के लिए विशेष बल दे रहे है। आजकल यदि कहीं भी 2-4 लोग बैठे हांे और खान-पान की चर्चा हो तो सभी लोग फसलों में डाली जाने वाली रसायनिक खाद, कीट पतंगे मारने वाली दवाओं आदि से मानव शरीर में होने वाले नुकसान पर चर्चा अवश्य करते हैं। फसलो के उत्पादन बढ़ाने में उर्वरको का बड़ा महत्व है। रसायनिक उर्वरक को खेत में डालने के लिए किसान को आसानी होती है जबकि जैविक, खाद बनाने में किसान को समय लग जाता है। प्रदेश के मुख्यमंत्री जी जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को हर स्तर पर सहयोग अनुदान दे रहे हैं। जैविक खेती करने से किसानों को फसलोंत्पादन में लागत कम लगती है और उत्पादन भी अधिक होता है। जैविक खाद से उत्पादित फसल का मूल्य भी अधिक मिलता है, साथ ही पर्यावरण और लोगों की सेहत भी अच्छी रहेगी। जैविक खेती में वर्मी कम्पोस्ट, गाय का गोबर-मूत्र व अन्य तरह से बनी खाद से कीट नाशक के लिए भी महत्वपूर्ण होती है। प्रदेश सरकार ने जैविक खेती को विस्तार देने के लिए मिशन प्राकृतिक खेती शुरू करने पर बल दिया है।
प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा दिये जाने के लिए वर्ष 2015-16 में परम्परागत कृषि विकास योजनान्तर्गत प्रदेश के चयनित 15 जनपदों में कुल 575 क्लस्टरों में कार्यक्रम संचालित कर कार्य पूर्ण कर लिया गया है। बुन्देलखण्ड क्षेत्र के हमीरपुर जनपद को जैविक खेती के अन्तर्गत मॉडल जनपद बनाने हेतु 140 क्लस्टर में भी कार्यक्रम संचालित कर पूर्ण कर लिया गया है। इन लाभार्थी कृषको को पी0जी0एस0 इण्डिया ग्रीन एवं पी0जी0एस0 इण्डिया आर्गैनिक का प्रमाण पत्र भी निर्गत किया जा चुका है। वर्ष 2017-18 में आर0के0वी0वाई0 योजनान्तर्गत पीलीभीत जनपद में 35 क्लस्टर में कार्यक्रम संचालित कर पूर्ण कर लिया गया है। इन लाभार्थी कृषकों को पी0जी0एस0 इंडिया ग्रीन एवं पी0जी0एस0 इंडिया आर्गैनिक का प्रमाण पत्र भी निर्गत किया जा चुका है। परम्परागत कृषि विकास योजनान्तर्गत 09 जनपदों में 45 कलस्टर का चयन कर 2250 एकड़ क्षेत्रफल में कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है।
प्रदेश में जैविक खेती के लिए वर्ष 2018-19 में नमामि गंगे योजना के अन्तर्गत चयनित 08 जनपदों में 320 क्लस्टर का गठन कर कार्यक्रम चलाया जा रहा है। वर्ष 2019-20 में परम्परागत कृषि विकास योजनान्तर्गत 25 जनपदों में 500 कलस्टर का गठन कर कृषि विभाग एवं नमामि गंगे योजना के अन्तर्गत 11 जनपदों में 700 कलस्टर का गठन कर यू0पी0 डास्प द्वारा कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। वर्ष 2020-21 में नमामि गंगे योजना के अर्न्तगत 16 जनपदों में 2289 कलस्टर एवं परम्परागत कृषि विकास योजनान्तर्गत पिछड़े 08 जनपदों में 40 क्लस्टरों का गठन कर कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। जनपद हमीरपुर में द्वितीय चरण में 140 कलस्टर का गठन कर कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। इस प्रकार अद्यतन तक कुल 15 जनपदों के 750 क्लस्टर में कार्यक्रम संचालित कर पूर्ण कर लिया गया है तथा कुल 51 जनपदों के 3989 क्लस्टरों में जैविक खेती का कार्य किया जा रहा है। झॉसी व बांदा में भी आर्गैनिक आउटलेट की स्थापना कराई गयी है। वर्ष 2021-22 में पी0के0वी0वाई0 योजना के अन्तर्गत 52 जनपदों में 1200 क्लस्टर की योजना भारत सरकार से स्वीकृति की गई हैं। जिसे वर्ष 2022-23 में संचालित किया जायेगा।
प्रदेश में मृदा में जीवांश कार्बन बढ़ाने हेतु वर्मी कम्पोस्ट यूनिट की स्थापना कराया जा रहा है। इसके अन्तर्गत वर्ष 2017-18 में 69139 वर्मी कम्पोस्ट यूनिट की स्थापना कराया गया। वित्तीय वर्ष 2018-19 में 84812 वर्मी कम्पोस्ट यूनिट की स्थापना कराई गयी है। वर्ष 2018-19 के अवशेष 35820 एवं वर्ष 2019-20 में 96953 कुल 132753 वर्मी कम्पोस्ट इकाई स्थापना लक्ष्य के सापेक्ष 83036 वर्मी कम्पोस्ट यूनिट की स्थापना कराई गयी। योजनान्तर्गत 75 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध कराया गया। वित्तीय वर्ष 2020-21 में 54483 वर्मी कम्पोस्ट यूनिट की स्थापना लक्ष्य के सापेक्ष 15843 वर्मी कम्पोस्ट की स्थापना करायी जा चुकी है। प्रदेश के वर्तमान सरकार के अब तक के कार्यकाल में 255139 वर्मी कम्पोस्ट यूनिट की स्थापना कराई जा चुकी है।

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