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18 नवम्‍बर, 2016 से पूरे देश में बैंकों से 500 रूपये तथा 1000 रूपये के नोटों को बदलने की सीमा 4500 रूपये से घटाकर 2000 रूपये करने का निर्णय लिया गया

देश-विदेश

नई दिल्ली: 500 रूपये तथा 1000 रूपये के नोटों के लीगल टेंडर स्‍वरूप निरस्‍त किये जाने के बाद भारत सरकार को विभिन्‍न सुझाव प्राप्‍त हुए। राज्‍य सरकारों से भी सुझाव मिले। सरकार ने विभिन्‍न सुझावों पर विचार किया है तथा योजना संचालन के कुछ पहलुओं पर निम्‍नलिखित निर्णय लिया है।

1. हम रबी फसल की शुरूआत में है। किसानों को खेती के लिए तरह-तरह की आवश्‍यकताएं होती है। सरकार बैंकिंग और डिजिटल प्रणाली के माध्‍यम से भुगतान को प्रोत्‍साहित करना चाहती है। यह महसूस किया गया कि किसानों को उनकी खेती की आवश्‍यकताओं को पूरा करने के लिए उनके पास कुछ धन उपलब्‍ध होना चाहिए। इसलिये यह निर्णय लिया गया है कि किसानों को उनके केवाईसी अनुपालन वाले खातों से प्रति सप्‍ताह 25 हजार रूपये निकालने की अनुमति होगी। नकद निकासी सामान्‍य ऋण सीमा और शर्तों के साथ बंधी होगी। यह सुविधा किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) पर भी मिलेगी।

2. किसान अभी अपनी खरीफ सीज़न के उत्‍पाद एपीएमसी बाजारों/मंडियों में बेच रहे हैं, जो किसान चैक/आरटीजीएस के माध्‍यम से अपने खातों में भुगतान प्राप्‍त कर रहे है, उन्‍हें प्रति सप्‍ताह 25 हजार रूपये नकद निकालने की अनुमति होगी। इन खातों के लिए केवाईसी अनुपालन आवश्‍यक है। इस सुविधा से किसान अपनी खेती की आवश्‍यकता पूरी कर सकेंगे। इससे ग्रामीण क्षेत्र में तरलता काफी बढ़ेगी।

3. एपीएमसी बाजारों/मंडियों से पंजीकृत कारोबारियों को कारोबार के लिए प्रति सप्‍ताह केवाईसी अनुपालन वाले खातों से 50 हजार रूपये प्रति सप्‍ताह निकालने की अनुमति होगी। इस सुविधा से कारोबारी वेतन दे सकेंगे और मंडियों में सहज रूप से सामान उतारने चढ़ाने तथा अन्‍य गतिविधियां होगी।

4. फसल बीमा प्रीमियम के भुगतान के लिए राज्‍य अपनी स्‍थानीय आवश्‍यकताओं और परिस्थितियों के आधार पर समय सीमा तय करते है। परिणामस्‍वरूप, भुगतान की अंतिम अवधि विभिन्‍न तिथियों को पूरी होती है। अब फसल बीमा प्रीमियम भुगतान की अंतिम अवधि 15 दिन बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।

5. चेक और डिजिटल माध्‍यमों से शादी-विवाह के खर्चों को पूरा करने में प्रोत्‍साहन देते हुए शादी विवाह वाले परिवारों को अपने बैंक खातों से 2,50,000 रूपये नकद निकालने की अनुमति देने का फैसला किया गया है। इन खातों के लिए केवाईसी अनुपालन आवश्‍यक है। यह राशि माता-पिता या विवाह सूत्र में बंधने वाले व्‍यक्ति ही निकाल सकते हैं। इनमें से केवल एक को राशि निकालने की अनुमति होगी। 2,50,000 रूपये की सीमा लड़के और लड़की दोनों के परिवारों के लिए अलग-अलग लागू होगी। ऐसी राशि निकालने वाले व्‍यक्ति को अपने ‘पैन’ का ब्‍यौरा देना होगा। राशि निकालने वाले व्‍यक्ति को यह स्‍वत: घोषित करना होगा कि उसके परिवार का केवल एक व्‍यक्ति ही राशि निकाल रहा है। आशा की जाती है कि लोग यह सुनिश्चित करने में सहयोग देगे कि दिशानिर्देशों का पालन हो रहा है। सुविधा का किसी तरह के दुरूपयोग के मामले में स्‍वघोषणा तथा अन्‍य ब्‍यौरों के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।

6. वर्तमान में काउंटर से 500 रूपये और 1000 रूपये के नोट बदलने की सीमा प्रति व्‍यक्ति 4500 रूपये है। यह सूचना मिली है कि एक ही व्‍यक्ति बार-बार काउंटर पर जाकर नोट बदल रहे है और इस सुविधा का लाभ स्‍वयं उठा रहे हैं और नोट बदलने से अन्‍य लोगों को वंचित कर रहे हैं। यह सूचना भी मिली है कि कुछ संगठित समूह अपने काले धन को सफेद बनाने के खेल में लगे है। यह आशा की जाती है कि लोग अपने पुराने नोट बैंकों में जमा करवायेंगे। लोगों की सुविधा के लिए काउंटर से 500 रूपये और 1000 रूपये के नोट बदलने की अधिकतम सीमा 4500 रूपये से 2000 रूपये करने का फैसला लिया गया है। यह सुविधा केवल एक व्‍यक्ति को मिलेगी। 4500 रूपये से नोट बदलने की अधिकतम सीमा घटाकर 2000 रूपये करने का निर्णय 18 नवम्‍बर, 2016 से लागू होगा।

7. केन्‍द्र सरकार के ग्रुप-सी के कर्मचारियों तथा रक्षा और अर्धसैनिक बलों, रेलवे तथा केन्‍द्रीय सार्वजनिक प्रतिष्‍ठानों के समकक्ष स्‍तर के कर्मचारियों को 10,000 रूपये नकद तक वेतन अग्रिम निकालने का विकल्‍प होगा। यह राशि नवम्‍बर, 2016 के वेतन में समायोजित की जाएगी। आशा की जाती है कि इस निर्णय से बैंकों पर दवाब कम होगा।

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