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सिर्फ रोजगार नहीं अपिंतु रोजगार योग्‍यता को प्राथमिकता देनी चाहिए: डॉ.जितेन्‍द्र सिंह

देश-विदेश

नई दिल्ली: केन्‍द्रीय पूर्वोत्‍तर क्षेत्र विकास राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्‍य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्‍य मंत्री डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने कहा है सिर्फ रोजगार नहीं अपिंतु रोजगार योग्‍यता को प्राथमिकता देनी चाहिए। डॉ. जितेन्‍द्र सिंह आज “भारत सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम (एमएसएमई) एक्सपो व शिखर सम्मेलन 2015’’ के मुख्‍य अतिथि के तौर पर अपना उद्घाटन संबोधन दे रहे थे। डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने कहा कि आने वाले वर्षो में, शेष दुनिया में भारत युवा कौशल का एक प्रमुख स्रोत बनने जा रहा है क्‍योंकि देश की जनसंख्‍या का 65 से 70 प्रतिशत से ज्‍यादा 35 वर्ष की आयु से कम है। इससे भारत ना सिर्फ विश्‍व में सबसे युवा देश होगा बल्‍कि दुनिया को कुशल युवा और उदयमशील युवाओं की आपूर्ति करने वाला देश होगा। अन्‍य शब्‍दों में, उन्‍होंने कहा ‘’मेक इन इंडिया’’ युवा दुनिया के हर कोने में दिखाई देखा और हमें इस परिदृश्‍य को साकार रूप देने के लिए अगले पांच वर्षों में तैयार करना होगा।

डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने कहा कि प्रत्‍यके वर्ष देश में सरकारी क्षेत्र में लगभग सिर्फ 40 लाख रोजगार उपलब्‍ध हैं जबकि बेरोजगारी की संख्‍या हर वर्ष तीन गुणा बढ़ जाती है जो 1.5 करोड़ से ज्‍यादा है। इस चुनौती से निपटने के लिए, समय की आवश्‍यकता सिर्फ सरकारी नौकरियों पर ही निर्भर रहने की नहीं होनी चाहिए बल्‍कि युवाओं को सरकारी संरक्षण के बिना रोजगार योग्‍यता के लिए तैयार किया जाना चाहिए।

ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य का उल्‍लेख करते हुए हवाला देते हुए डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा आजादी के बाद की पहली तीन पीढ़ियों पर औपनिवेशिक मानसिकता और सामंती निर्भरता का प्रभाव रहा है लेकिन अब भारतीय लोकतंत्र ना सिर्फ विकसित हुआ है बल्‍कि युवाओं की सोच में सकारात्‍मक बदलाव हुआ है और वे नए वैकल्पिक मार्ग पर एक नए परिदृश्‍य के साथ मजबूती के साथ आगे बढ़ रहे हैं।

इस संदर्भ में, डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने युवा उदयमशीलता को समर्थन, प्रोत्‍साहन और संवर्द्धन देने के लिए सूक्ष्‍म लघु और मध्‍यम उदयमों की भूमिका पर बल दिया। उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व में पेशेवर प्रशिक्षण के लिए वित्‍तीय सहायता और कौशल विकास कार्यक्रम के लिए मुद्रा बैंक सहित ऐसी अनेक योजनाओं की पहल की जा चुकी है जिसने उन प्रवासी भारतीयों को काफी आकर्षित किया है जो कई वर्षो से से विदेश में कार्यरत थे और अब श्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व में भारत में अपने अवसर तलाशने के लिए वापस लौटने की इच्छा रखते हैं।

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