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पूर्वोत्तर में पिछले पांच वर्षों में क्रांतिकारी परिवर्तन आया है: डॉ जितेंद्र सिंह

देश-विदेश

नई दिल्ली: केन्‍द्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (डोनर) राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार), पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन,परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्‍य मंत्री डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने आज आयोजित एक कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंगके माध्यम से पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए दो अंतर-राज्यीय सड़क परियोजनाओं को समर्पित किया। 17.47 किलोमीटर लंबी डोईमुख-हरमुती सड़क असम और अरुणाचल प्रदेश को जोड़ती है जबकि 1.66 किलोमीटर लंबी तुरा-मनकाचर सड़क असम और मेघालय के बीच संपर्क प्रदान करती है।

इस अवसर पर अपने संबोधन में,  डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि इन दो सड़कों के उद्घाटन से पूर्वोत्तर क्षेत्र (एनईआर) के विकास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का पुनर्मूल्यांकन होता है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के गतिशील नेतृत्व में पिछले पांच वर्षों में एक क्रांतिकारी परिवर्तन हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के प्रति अपने लगाव के अनुरूप पूर्वोत्तर के अनेक दौरे किए हैं।

डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र ने एक विषम चुनौती का सामना किया है क्योंकि इस क्षेत्र का अंतर-राज्यीय संपर्क देश के बाकी हिस्सों के संपर्क की तुलना में कम रहा है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर में अंतर-राज्यीय संपर्कों को विकसित करने के मामले में पूर्व में लापरवाही बरती गई। उन्होंने कहा कि इसी के मद्देनजर, केंद्र सरकार ने यहां की अविकसित सड़कों के ढ़ांचे के पुनरुद्धार पर ध्यान दिया है।

डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के कारण, पूर्वोत्तर में रेल, सड़क और हवाई संपर्क में व्यापक बदलाव आया है। पूर्वोत्तर के दो राज्यों – अरुणाचल प्रदेश और मेघालय को रेल मानचित्र पर लाया गया है। इसके अलावा, असम में ब्रह्मपुत्र नदी पर निर्मित सबसे लंबे रेल-सह-सड़क बोगीबील सेतु का उद्घाटन 25 दिसंबर, 2018 को किया गया और 24 सितंबर, 2018 को सिक्किम में 553.5 करोड़ रु की लागत से पहले हवाई अड्डे पाक्योंग (गंगटोक) में नए ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे का उद्घाटन किया गया। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि संपर्क में सुधार और बुनियादी ढांचे के विकास ने बाधाओं को दूर किया है, जिससे इस क्षेत्र में न सिर्फ अर्थव्यवस्था बल्कि उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि बेहतर बुनियादी ढांचे से रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा और इससे युवाओं का प्रवास कम होने की भी उम्मीद है।

आज उद्घाटन की गई दोनों सड़कों का निर्माण कार्य राष्ट्रीय राजमार्ग और आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) द्वारा किया जा रहा है। 58.25 करोड़ रुपए की लागत से दोईमुख-हरमुती अंतर-राज्यीय सड़क का निर्माण नॉर्थ ईस्ट रोड सेक्टर डेवलपमेंट स्कीम (एनईआरएसडीएस) के तहत किया गया है। असम में इस सड़क की लंबाई 7.87 किलोमीटर है अरुणाचल प्रदेश में 9.60 किलोमीटर है। सड़क का निर्माण सितंबर 2017 में शुरू किया गया था और जनवरी 2019 में पूरा किया गया। सड़क को भारत सरकार के पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के तहत पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) द्वारा वित्त पोषित किया गया था। यह सड़क ईटानगर के लिए एक वैकल्पिक संपर्क प्रदान करेगी और इससे अरुणाचल प्रदेश के पापुम पारे जिले और विशेष रूप से राजधानी के लोगों को बेहद लाभ मिलेगा।

तुरा-मनकाचर सड़क पहली ऐसी सड़क है जिसे एनईआरडीएस के तहत पूरा किया गया है। सड़क का निर्माण सितंबर, 2017 में शुरू किया गया था और जून, 2018 में इसे पूरा कर लिया गया। इस सड़क को एनईसी ने 4.71 करोड़ रु की लागत से वित्त पोषित किया है। सड़क तुरा को एक वैकल्पिक संपर्क प्रदान करती है और इससे मेघालय के वेस्ट गारो हिल्स जिले में रहने वाले लोगों को अत्यधिक लाभ मिलेगा।

दोनों सड़कों को 10 एमएसए (मिलियन स्टैंडर्ड एक्सल) के ट्रैफिक भार को पूरा करने के लिए दो लेन के मार्ग के रूप में तैयार किया गया है।

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