32 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

कम लागत वाली दवाओं और उपकरण से मिलेगा नया जीवन

देश-विदेश

नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार ने देश के आम लोगों के लिए किफायती स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने का साहसिक कदम उठाए हैं। मोदी सरकार सभी को सस्ती, गुणवत्ता स्वास्थ्य सेवा देने की बात कह कह रही है। ड्रग प्राइस रेगुलेटर एनपीपीए ने 92 दवाओं के फॉर्मूलेशन की कीमतों को तय कर दिया है, जिन्हे कैंसर, हेपेटाइटिस सी, माइग्रेन और मधुमेह जैसी कई बीमारियों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए) ने कहा कि 72 निर्धारित फॉर्मूलेशन की खुदरा कीमत तय की गई है, 9 में से संशोधन किया गया है। इसके अलावा, प्राधिकरण ने 11 निर्धारित फॉर्मूलेशन की खुदरा कीमतों में भी संशोधन किया है। एनपीपीए ने एक अधिसूचना में कहा है कि दवाओं (मूल्य नियंत्रण) आदेश, 2013 के तहत 92 फॉर्मूलेशन की खुदरा कीमतों को निश्चित / संशोधित किया गया है।

एनपीपीए ड्रग्स (प्राइस कंट्रोल) ऑर्डर (डीपीसीओ) 2013 की अनुसूची 1 के तहत आवश्यक दवाओं की कीमत तय करता है। कुछ दवाएं की कीमतें एनपीपीए तय नहीं कर सकता है। निर्माताओं को दवाओं के खुदरा मूल्य पर सालाना अधिकतम 10 प्रतिशत तक मूल्य बढ़ाने की अनुमति है। मार्च 2018 में प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि पारियोजना (पीएमबीजेपी) के तहत देश के 33 राज्यों / संघ शासित प्रदेशों में 3214 केंद्र खोले गए हैं और सभी को सस्ती कीमतों पर गुणवत्ता वाली सामान्य दवाएं उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है।

पश्चिम बंगाल, गुजरात, केरल और महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों में 3214 पीएमबीजेपी केंद्र राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों में काम कर रहे हैं। पीएमबीजेपी के तहत टोकरी में अब 700 से अधिक दवाएं और 154 सर्जिकल और उपभोग्य सामग्रियों एनाल्जेसिक, एंटीप्रेट्रिक्स, एंटी-एलर्जी, एंटी-संक्रमित, एंटी-डायबिटीज, कार्डियोवैस्कुलर, एंटी-कैंसर, गैस्ट्रो -इंटेस्टाइनल दवाएं, मूत्रवर्धक, इत्यादि को शामिल किया गया है। प्रधानमंत्री भारतीय जनाषोधि परियोजना के तहत आपूर्ति के लिए 666 दवाएं और 81 शल्य चिकित्सा उपलब्ध हैं।

यदि आप एक जन औषधि केंद्र के लिए एजेंसी प्राप्त करते हैं, तो उस का संचालन करने के लिए आपको प्रत्येक दवा एमआरपी पर टैक्स के अलावा 20% का मार्जिन दिया जाएगा। यदि आपका केंद्र बीपीपीआई के सॉफ्टवेयर के माध्यम से उसके साथ इंटरनेट द्वारा जुड़े हुए हैं, तो आप 2.5 लाख तक के प्रोत्साहन के योग्य हैं। यह मासिक बिक्री के 15 प्रतिशत की दर से मिलता है जो कि न्यूनतम 10 हजार तक देय होता हैं। पूर्वोत्तर राज्यों और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों, आदिवासी क्षेत्रों के लिए, यह सीमा 15,000 रुपये तक होगी।

सरकार की 13 फरवरी 2017 को अधिसूचना के अनुसार कोरोनरी स्टेंट की दवाओं की कीमतों को अधिसूचित किया है। बेयर मेटल स्टेंट (बीएमएस) के लिए 7,260 और ड्रग एलिटिंग स्टेंट (डीईएस) (बीवीएस और बायोडिग्रेडेबल स्टेंट सहित) के लिए 2 9, 600 रुपये कीमत तय की गई है। पहली वार्षिक रिपोर्ट 2017-18 के तहत 102 निर्माताओं और आयातकों द्वारा प्रदान किए गए आंकड़ों के अनुसार औसत कीमतें तय की गई थीं। बीएमएस के लिए 45,100 रु, डीईएस के लिए 121,400 रुपए तय किए गए हैं। बीएमएस के लिए 85% और डीईएस के लिए 74% तक कीम कम की गई है। कीमत के निर्धारण से 4,450 करोड़ रुपये की बचत होगी।

हर साल भारत में लगभग 1 से 1.5 लाख ऑर्थोपेडिक घुटने की प्रक्रिया होती है इस हिसाब प्रतिवर्ष 1500 करोड़ रुपये की बचत होगी। इसके साथ ही यह अनैतिक लाभप्रदता को रोकने और जरूरतमदों को गुणवत्तापूर्ण हेल्थकेयर सुनिश्चित करने का एक कदम है। source: oneindia

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More