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एनडीएमए ने भूकंप पर पूर्वोत्‍तर में मॉक अभ्‍यास किया

देश-विदेश

नई दिल्लीः राष्‍ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने तीन पूर्वोत्‍तर राज्‍यों त्रिपुरा, नगालैंड और मिजोरम में आपदा की स्थिति में राज्‍य सरकारों की तैयारी और प्रतिक्रिया तंत्र का आकलन करने के लिए आज भूकंप पर मॉक अभ्‍यास किया। यह अभ्‍यास संबद्ध राज्‍य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों के सहयोग से किया गया।

     अभ्‍यास के दौरान 1897 में शिलांग में आए भूकंप जैसा स्‍वांग रचा गया, जिसकी तीव्रता रिक्‍टर स्‍कैल पर 8.7 थी। इस भूकंप में समूचे शिलांग में तबाही मचा दी थी और समूचा पूर्वोत्‍तर क्षेत्र प्रभावित हुआ था।

      मॉक अभ्‍यास तीनों राज्‍यों के सभी जिलों में एक साथ अस्‍पतालों, शॅपिंग मॉल, स्‍कूलों और गगनचुंबी रिहायशी इमारतों सहित कुछ चुनिंदा स्‍थानों पर किया गया, ताकि संसाधन जुटाने की प्रशासन की क्षमता का आकलन करने और उसमें सुधार तथा प्रभावित समुदायों तक तेजी से पहुंचने का आकलन किया जा सके।

      अभ्‍यास की शुरुआत सायरन बजने के साथ हुई, जो भूकंप आने का संकेत है। सभी लोग अपने सिर बचाते हुए मेजों के नीचे घुस गए। भूकंप रूकते ही उन्‍हें निकालने की प्रक्रिया शुरू हुई। इसके बाद राज्‍य आपात संचालन केन्‍द्र (एसईओसी) सक्रिय हो गया।

      साथ ही जिलों में ईओसी भी सक्रिय हो गया। नुकसान का जायजा लिया गया, घटना कमांडरों के तहत बचाव दलों का गठन किया गया और उन्‍हें सम्‍बद्ध स्‍थानों की ओर रवाना किया गया। विभिन्‍न एजेंसियों जैसे यातायात नियंत्रण, दमकल विभाग, एम्‍बुलेंस, पुलिस और नागरिक रक्षा के सहयोग से बचाव ड्रिल की गई। मलबे में दबे लोगों को निकाला गया और प्राथमिक चिकित्‍सा के बाद अस्‍पताल भेजा गया।

      इसके बाद एनडीएमए के विशेषज्ञों ने अभ्‍यास के बाद विश्‍लेषण किया, जबकि सेना के स्‍वतंत्र पर्यवेक्षकों ने अपना फीडबैक दिया और प्रक्रिया तंत्र को और अधिक कारगर बनाने के सुझाव दिए।

      एनडीएमए के सदस्‍य लेफ्टिनेंट जनरल एन.सी मारवाह (सेवानिवृत्‍त) ने कहा, ‘मॉक अभ्‍यास सभी साझेदारों की क्षमता और प्रक्रिया तंत्र को मजबूत बनाती है। इससे विभिन्‍न एजेंसियों के बीच समन्‍वय सुधारने में मदद मिलती है, जो आपदा के बाद सफल प्रतिक्रिया का संकेत है।’

      समूचे पूर्वोत्‍तर क्षेत्र में यह अभ्‍यास महत्‍वपूर्ण है, क्‍योंकि समूचा क्षेत्र भूकंप वाले क्षेत्र में स्थित है और यहां भूकंप के कारण जान-माल का भारी नुकसान हो सकता है। इस मॉक ड्रिल से यह सुनिश्चित हो सकेगा कि आपदा की स्थिति में जान-माल का कम नुकसान हो। इससे स्‍थानीय लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने में भी मदद मिलेगी, जिन्‍हें किसी प्रकार की आपदा की स्थिति से सबसे पहले निपटना पड़ता है।

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