29 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

“प्रशासनिक नवाचार- पासपोर्ट सेवा केंद्र और ई-ऑफिस” पर एनसीजीजी-आईटीईसी वर्चुअल वेबिनार

देश-विदेश

राष्‍ट्रीय सुशासन केन्‍द्र – नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस (एनसीजीजी) भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (आईटीईसी) का एक भागीदार संस्थान है।  यह संस्‍थान पड़ोसी देशों के सिविल सेवकों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए अनुकूलित प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार करने और इसके कार्यान्वयन की दिशा में काम कर रहा है। हाल के दिनों में एनसीजीजी ने पड़ोसी देशों के सिविल सेवकों के लिए सार्वजनिक नीति और शासन पर कई क्षमता निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए हैं। अब तक, एनसीजीजी ने बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार जैसे अनेक देशों और कई अफ्रीकी देशों के लगभग 2500 अंतर्राष्ट्रीय सिविल सेवकों को ऑफ़लाइन मोड में प्रशिक्षण प्रदान किया है।

कोविड-19 की महामारी के दौरान, एनसीजीजी ने महामारी में सुशासन के प्रचलनों पर वर्चुअल कार्यशालाओं की एक श्रृंखला आयोजित की है। इसमें अब तक अफ्रीका, मध्य एशिया, दक्षिण पूर्व एशिया और पूर्वी यूरोप क्षेत्रों से 47 से अधिक देशों ने भाग लिया है। इन कार्यशालाओं में कुल 1250 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image001JMQ0.jpg

इस संदर्भ में राष्ट्रीय/राज्य और जिला स्तर पर प्रशासनिक नवाचारों को दर्शाने वाले वेबिनार आयोजित करने की आवश्यकता महसूस की गई। परिणामस्‍वरूप “प्रशासनिक नवाचार- पासपोर्ट सेवा केन्द्र और ई-ऑफिस” पर वर्चुअल वेबिनार 6 अगस्त, 2021 को आयोजित किया जाएगा। प्रशासन के क्षेत्र में नवीन प्रचलनों का प्रसार करने हेतु आईटीईसी देशों के 100 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय सिविल सेवकों को ज्ञान साझा करने वाले सत्रों में एक साथ लाना इस कार्यशाला का लक्ष्‍य है। वर्ष के दौरान एनसीजीजी ऐसे दो और वेबिनार आयोजित करेगा।

उद्घाटन भाषण श्री संजय कुमार सिंह, सचिव, प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग और अध्यक्ष, प्रबंधन समिति, राष्ट्रीय सुशासन केंद्र द्वारा दिया जाएगा। वेबिनार के प्रमुख वक्ताओं में श्री संजय भट्टाचार्य, सचिव (सीपीवी और ओआईए), विदेश मंत्रालय और डॉ. नीता वर्मा, महानिदेशक, एनआईसी, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय शामिल हैं।

एनसीजीजी सत्रों के दौरान एक खुला, समावेशी और भौगोलिक रूप से संतुलित मंच स्थापित करने का विचार है। इसके लिए विविध पृष्ठभूमि के प्रमुख संसाधन व्यक्तियों को सफलतापूर्वक किए गए कार्यों पर चर्चा करने और साझा करने के लिए मंच दिया जाएगा और इसे स्थानीय जरूरतों और पर्यावरण के अनुसार इसमें सुधार लाकर फिर से व्‍यवस्थित करने के बारे में चर्चा की जाएगी। सत्रों में चिन्ह्ति नवाचारों के अनुसार विभिन्न देशों और हितधारकों के बीच संभावित तालमेल को उजागर करने में भी चर्चा का योगदान होगा। साथ ही, देश के भीतर और बाहर के प्रतिभागी चर्चा में शामिल विषयों पर ज्ञान विकसित करने के साथ-साथ कुल मिलाकर सभी देशों में मौजूदा संरचनाओं के विस्‍तार के बारे में ज्ञान प्राप्‍त करेंगे।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More