33 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

प्रकृति प्रेमियों और साहसिक खेल के शौकीनों के लिए स्वर्ग हैं मुनस्यारी

उत्तराखंड

देहरादून: हिमालय के बर्फीले शिखरों की पृष्ठभूमि में, घाटियों से गुजरती किलकिलाती नदियां ये दृश्य ऐसा दिखाई देता है जैसे ईश्वर ने अपने हाथों से सपनों के कैनवास पर चित्र बनाया हो। विभिन्न किस्म की वनस्पति और जीव-जंतु इन दृश्यों को और भी आकर्षक बनाते हैं। शांति और मोक्ष की तलाश में आने वाले लोगों को यहां का मौलिक परिवेश, यहां की समृद्ध संस्कृति और स्थानीय निवासियों की सादगी बहुत भाती है।

विविध कारणों से पर्यटक उत्तराखंड को स्वर्ग की उपमा देते हैं। एडवेंचर स्पोर्ट्स हो या तीर्थयात्रा, या फिर व्यस्त शहरी जीवन से कुछ दिनों की छुट्टी लेकर हिमालय की गोद में सुकून हासिल करना हो, उत्तराखंड सभी प्रकार के यात्रियों को आकर्षित करने में कामयाब रहा है। उत्तराखंड एक ऐसे प्रदेश के रूप में उभरा है जो जीवन भर याद रहने वाला अनुभव प्रदान करता है।

पहाड़ों में भ्रमण करने के शौकीन हों या फिर सामान्य सैलानी सभी के बीच सोशल मीडिया व अखबारों के माध्यम से उत्तराखंड की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। जिसके चलते न केवल उत्तराखंड के प्रसिद्ध स्थलों बल्कि दूरदराज के सुंदर स्थानों की ओर भी पर्यटक आकर्षित हो रहे हैं। ऐसा ही एक छुपा हुआ खूबसूरत स्थल है मुनस्यारी जो पिथौरागढ़ जिले में 2,298 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। मुनस्यारी की एक विशेषता यह भी है कि यह कुमाऊंनी और भोटिया संस्कृतियों का संगम स्थल है। यह क्षेत्र भारत और तिब्बत के बीच प्राचीन सॉल्ट रूट के अध्ययन हेतु बहुत महत्वपूर्ण है, न जाने कब से इस मार्ग पर नमक का कारोबार होता चला आ रहा था। सदियों पहले के जमाने से जुड़े किस्से-कहानियां अभी भी इस विलक्षण और मनोरम शहर में सुने-सुनाए जाते हैं।

इसके अलावा मुनस्यारी प्रकृति प्रेमियों और साहसिक गतिविधियों के शौकीन लोगों के लिए स्वर्ग है। यहां से दिखाई देने वाला पंचचूली चोटियों का भव्य दृश्य मंत्रमुग्ध कर देता है। यहां से मिलम और रलम ग्लेशियरों तथा नंदा देवी शिखरों की ट्रैकिंग की जाती है। सर्दियों में यहां विश्व स्तरीय मानकों वाले विंटर स्पोर्ट्स जैसे स्कीइंग आदि की सुविधा रहती है। यह काफी बड़ी और विकसित जगह है और यहां ठहरने की आरामदायक व्यवस्था तथा स्वादिष्ट खानपान की सुविधा उपलब्ध है।

गर्मियों के मौसम में भी मुनस्यारी का मौसम सुहावना बना रहता है और सिर्फ हल्के गर्म कपड़ों की ही जरूरत पड़ती है। जिन लोगों को ग्रीष्म ऋतु पर्वतों पर बिताना अच्छा लगता है उनके लिए गर्मियों की छुट्टियों में घूमने की यह आदर्श जगह है। एक ओर बर्फ से ढके ऊंचे पर्वत होंगे और दूसरी तरफ सुहावनी आबोहवा और सूर्योदय एवं सूर्यास्त के मनोरम नजारे।

उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज कहते हैं, ’’उत्तराखंड को बहुत से स्थानों के लिए जाना जाता है जो देश और विदेशों में बहुत मशहूर हैं। हम राज्य के अनछूवे स्थलों पर भी ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं जो पर्यटकों को सुकून प्रदान कर सकें और मुनस्यारी भी एक ऐसी ही जगह है। सरकार निरंतर ऐसे स्थानों को विकसित करने के लिए काम कर रही है ताकि प्रदेश में अधिक से अधिक पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके।’’

पर्यटन मंत्री ने कहा कि कोविड महामारी की दूसरी लहर को देखते हुए उत्तराखण्ड राज्य सरकार द्वारा जारी नियमों के अनुसार प्रदेश में आने वाले दूसरे राज्यों के श्रद्धालुओं व पर्यटकों को आरटीपीसीआर की नेगेटिव रिपोर्ट के बिना अनुमति नहीं दी जायेगी। इसलिए राज्य में आने वाले पर्यटक नेगेटिव रिपोर्ट साथ लेकर आयें तथा मास्क, सेनेटाइजर व उचित दूरी का पालन करें।

पर्यटन सचिव श्री दिलीप जावलकर ने कहा, ’’घुमक्करण सैलानी सदैव ऐसे स्थानों की तलाश में रहते हैं जहां लोग कम जाते हैं। ऐसी जगहों को बढ़ावा देकर हम उत्तराखंड की ऑफबीट लोकेशंस को फेमस करना चाहते हैं। हमारे प्रयासों में स्थानीय होमस्टे को विकसित करना भी शामिल है जिसके चलते क्षेत्र के कई स्थानीय निवासियों को रोजगार भी मिल रहा है। जिससे पर्यटक ठहरने के लिए किफायती जगह के साथ ही स्थानीय संस्कृति एवं खानपान का आनंद ले सकते हैं।’’

मुनस्यारी आने वाले पर्यटकों के सैरसपाटे के लिए आसपास के स्थान निम्न हैं।

महेश्वरी कुंड-मुनस्यारी से महज पैदल दूरी पर स्थित है महेश्वरी कुंड, इसलिए मुनस्यारी आए हैं तो यहां भी अवश्य जाईए। यह एक प्राकृतिक सरोवर है और माना जाता है कि यहां बुरांश के पेड़ों की सबसे उम्दा किस्म है। साल के बारहों महीने आपको यहां शानदार नजारे देखने को मिलेंगे।

कालीमुनी टॉप-बिरथी से मुनस्यारी जाते हुए आप कालीमुनी टॉप जा सकते हैं जो 9500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां एक प्रसिद्ध काली मंदिर है। मुनस्यारी से 15 किलोमीटर के मार्ग में पंचचूली शिखरों का मंत्रमुग्ध करने वाला नजारा दिखाई देता है। यहां से सूर्योदय और सूर्यास्त के दृश्य चमत्कारिक दिखाई पड़ते हैं।

थामरी कुंड-प्रकृति प्रेमियों और फोटोग्राफरों के बीच धीरे-धीरे लोकप्रिय हो रहा थामरी कुंड, इस क्षेत्र के छुपे हुए रत्न जैसा है। यहां तक पहुंचने का रास्ता हरे भरे वनों से भरपूर है और यहां से पंचचूली शिखरों का सुंदर नजार भी दिखाई देता है।

मुनस्यारी से आगे

मुनस्यारी से 35 किलोमीटर दूर है बिरथी फॉल्स। 125 मीटर की ऊंचाई से गिरता यह झरना आसपास के प्राकृतिक परिवेश में एक शानदार नजारा जोड़ देता है। एक दिन की पिकनिक करने या फिर खुले में बैठ कर गर्मागर्म चाय का लुत्फ लेने के लिए यह बेहतरीन जगह है। इस झरने को देखने जरूर जाना चाहिए, खासकर गर्मियों के मौसम में।

धारचुला

मुनस्यारी के पास स्थित एक और सुंदर शहर है धारचुला, मुनस्यारी की ही तरह धारचुला भी तिब्बत और भारत के बीच प्राचीन व्यापार मार्ग में अहमियत रखा करता था। बर्फीली चोटियों से घिरा यह शहर कुदरत के शानदार नजारे पेश करता है। यहां के कुछ प्रमुख आकर्षण हैं- नारायण आश्रम, मानसरोवर, चिकरीला डैम, काली नदी और ओम पर्वत।

जिला पर्यटन विकास अधिकारी श्री अमित लोहानी कहते हैं, ’’मुनस्यारी के आसपास बहुत से पर्यटन स्थल हैं जैसे बिरथी फॉल्स, आदिवासी संग्रहालय, नंदा देवी आदि। पहले लोग यहां तीर्थयात्रा/धार्मिक पर्यटन के लिए ही आया करते थे लेकिन अब हम यहां एडवेंचर टूरिज्म को भी बढ़ावा दे रहे हैं और अच्छी तादाद में अब पर्यटक यहां आ रहे हैं, और अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए हम गर्म पानी के स्त्रोतों को भी प्रचारित कर रहे हैं।’’

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More