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मुख्यमंत्री श्री रावत ने विभागीय अधिकारीओं के साथ ही समाज कल्याण की योजनाओं व अन्य विभागवार के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करते हुए

उत्तराखंड

नैनीताल/देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि बीडीसी की बैठकों में शामिल होकर बीडीसी सदस्यों की शिकायतों व सुझावों को प्राथमिकता दे। विभागीय अधिकारी सरकार द्वारा शुरू की गई जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए पूरा होमवर्क करें। विभागीय योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ आम जनता को मिले। इसके लिए कारगर पहल की जाय।

बुद्धवार को देर रात लगभग 2 बजे तक नैनीताल क्लब में मण्डलीय व जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक में मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि जनपदों के भ्रमण के पश्चात वे अगले माह दो विकासखण्डों का औचक निरीक्षण कर निकाय कार्यों का जायजा लेंगे। मुख्यमंत्री श्री रावत ने सडक, बिजली, पानी, सिंचाई, स्वास्थ्य, शिक्षा के साथ ही समाज कल्याण की योजनाओं के साथ ही उद्योग, लघु उद्योग, सहकारिता, कृषि, उद्यान, बागवानी, पशुपालन, डेरी निकाय आदि से सम्बन्धित योजनाओं व कार्यों की विभागवार समीक्षा की। उन्होंने जिला योजना सहित अन्य योजनाओं के लिये स्वीकृत धनराशि के सापेक्ष अब तक हुए व्यय एवं भावी कार्य योजनाओं की भी जानकारी प्राप्त की।

शिक्षा की गुणवत्ता पर बल देते हुए उन्हांेने ब्लाॅक स्तर पर गेस्ट टीचरों की नियुक्ति में तेजी लाने तथा उन्नति कार्यक्रम को प्रभावी बनाने के निर्देश दिये। उन्होनें निर्देश दिये कि कृषि, उद्यान, पशुपालन, रेशम, डेरी विकास के साथ ही जलागम, जायका, आइफैड द्वारा संचालित योजनाओं का आपसी समन्वय व पूरी योजना के साथ क्रियान्वयन किया जाय, ताकि इनका समेकित लाभ मिल सके। पौधें व बीज उत्पादन के लिए किसानों को और अधिक प्रेरित किया जाय, जिलाधिकारी इसके लिये विकासखण्ड स्तर पर कार्ययोजना तैयार कर कार्यवाही करें। महिला डेरी योजना सहित महिला स्वयं सहायता समूहों को अधिक से अधिक मदद देने वाली योजनाओं पर ध्यान देने के भी उन्होंनेे निर्देश दिये। उन्होनें लघु औद्योगिक इकाइयों को बढ़ावा देने के लिए भी कार्य योजना बनाने को कहा। इस क्षेत्र में ग्रोथ की कमी पर उन्होनें चिन्ता व्यक्त की।

उन्होनें अधिकारियों को निर्देश दिये कि वें क्षेत्र में जाकर जन समस्याओं को सुनें तथा उनका निराकरण भी सुनिश्चित करें। सभी अधिकारी अनिवार्य रूप से बीडीसी की बैठकों में प्रतिभाग करें, जो अधिकारी बीडीसी की बैठक में प्रतिभाग करने से कतराते हैं, उनकी सूची सरकार को उपलब्ध करायी जाय, ताकि उनके खिलाफ कार्यवाही की जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने मेरा गांव मेरा धन योजना, मेरा गांव मेरी सड़क योजना शुरू की है। इन योजनाओं का व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार किया जाए। पेंशन योजनाओं का लाभ सभी को मिले इसके लिए गांव-गंाव में कैम्प लगाये जाए। वन विभाग ध्यान दे कि जंगलों में आग न लगने पाए, आग लगने के बाद प्राकृतिक जल स्रोत प्रदूषित न हो, इसके लिए पेयजल, वन, जल संस्थान, स्वजल आपस में समन्वय स्थापित कर कार्य करें। नैनीताल के अधिक से अधिक ग्रामों को निर्मल ग्राम बनाने के लिए शत प्रतिशत शौचालय से आच्छादित कर दिया जाये। समाज कल्याण की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने निर्देश दिये कि वृद्धा, विधवा, विकलांग पेंशन के अलावा निराश्रित महिलाओं के लिए शुरू की गई पेंशन पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होनंे समाज कल्याण के अधिकारी केसी कफौला को निर्देश दिये कि वे समाज कल्याण योजनाओं की पेंशन योजनाओं का भुगतान आॅनलाइन खातों में करना सुनिश्चित करें। विधवा तथा परित्यक्ता महिलाओं को उनके द्वारा जारी प्रमाण-पत्र के आधार पर ही पेंशन जारी करें। उन्होनें गौरा देवी कन्या धन योजना, हमारी कन्या हमारा परिवार तथा विधवा की पुत्री की शादी के लिए दिये जाने वाले अनुदान के शत-प्रतिशत लक्ष्य को पूरा किये जाने के आदेश दिये। उन्होनें कहा कि सामान्य वर्ग के गरीब लोगों की पुत्री की शादी के अनुदान दिये जाने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए संदर्भित करें। उन्होनें कहा कि मानसिक रूप से विक्षिप्त लोगों के उत्थान तथा नशामुक्ति केन्द्रों को खोले जाने के लिए सोसाइटी एवं एनजीओ के माध्यम से संचालन करने का प्रस्ताव शासन को भिजवायें। उन्होंने बाल विकास विभाग से कहा कि गर्भवती महिलाओं को मंडुआ, काला भट्ट, व आयोडिन नमक उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।

शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान उन्होनें शिक्षा महकमें के अधिकारियों को निर्देश दिये कि लम्बे समय से गैरहाजिर चल रहे शिक्षकों को तत्काल बर्खास्त करने की कार्यवाही अमल में लायें। शिक्षा के स्तर में गुणात्मक सुधार करें। आगामी कक्षा में जाने वाले बच्चों का बौद्धिक परीक्षण अवश्य करें। उन्होनें विकास खण्ड स्तर पर अतिथि शिक्षकों की तत्काल नियुक्ति के भी निर्देश दिये। मुख्यमंत्री द्वारा अभी तक किसानों को मक्के का बीज न उपलब्ध कराने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होनें कृषि महकमें के अधिकारियों को नसीहत दी कि वें अपना समय किसानों के साथ उनके खेतों में गुजारे तथा उनके हमदर्द बनते हुए उनकी समस्याओं का क्षेत्र में ही अध्ययन कर उनका निराकरण सुनिश्चित करें। उद्यान विभाग की कार्यप्रणाली से खासे नाराज मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में कास्तकार बीज उत्पादन कर रहें हैं, लेकिन वह सहायता एवं तकनीकी मार्गदर्शन के लिए बाट जोह रहे हैं। इसके साथ ही छोटी-छोटी नर्सरी चालने वाले कास्तकारों की बिक्री की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जायें। उन्होनें कहा कि प्रदेश में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए जरूरी है कि हम पशुधन विकास की और ध्यान दें। पशु पालकों को उन्नत नस्ल के पशुओं को पालने के लिए प्रेरित करें तथा पशुओं के चारे की समस्या से निपटने के लिए ग्राम पंचायतवार खाली पडी भूमि पर पशुपालन, जलागम, जायका तथा कैम्पा के माध्यम से चारा प्रक्षेत्र विकसित करने का काम करें।

श्री रावत ने दुग्ध विकास विभाग से कहा कि जनपद के ओखलकांडा, धारी, भीमताल तथा बेतालघाट क्षेत्रों में महिला डेरी विकसित करें तथा महिलाओं को सीधे दुग्ध उत्पादन व्यवसाय से जोंडें। उन्होनें कहा कि विशुद्ध महिला डेरियों को दिये जाने वाले बोनस में वृद्धि की जायेगी। उन्होनें दुग्ध संघ को झिगौरे की खीर तैयार कर पर्यटकों को बिक्री हेतु रखे जाने का सुझाव दिया। उन्होनें कहा कि आकर्षक मोमबत्तियां नैनीताल की पहचान हैं, लेकिन यह उद्योग विलुप्ति के कागार पर है। उन्होनें महाप्रबन्धक उद्योग से कहा कि इस उद्योग को पुर्नजीवित करने के लिए अध्ययन करें तथा कार्य योजना शासन को उपलब्ध करायें। श्री रावत ने सहायक निबन्धक सहकारिता से कहा कि वह महिला स्वयं सहायता समूहों को सहकारी बैंकों के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराये, ताकि वह अपने समूह के माध्यम से स्थानीय वस्तुओं का उत्पादन कर सकें। मुख्यमंत्री ने प्रबन्ध निदेशक कुमायूं मण्डल विकास निगम को निर्देश दिये कि वह भी महिला समूहों को उनके द्वारा उत्पादित वस्तुओं की बिक्री निगम के माध्यम से सुनिश्चित करें। उन्होनें लोनिवि के मुख्य अभियन्ता से कहा कि वर्तमान में चल रहे पर्यटक सीजन को ध्यान में रखते हुए सडकों की निरन्तरता बनाये रखें। सडकें हमारे प्रदेश की जीवन रेखा हैं। भूस्खलन से बाधित होने वाली सडकों को तत्काल खोलने के लिए गैंग साइट पर रखें। एडीबी द्वारा आपदाग्रस्त सड़के जो बनायी जा रही हैं, उनके निर्माण में तेजी लायी जाये। पीएमजीएसवाई के कार्यो पर असंतोष व्यक्त करते हुए उन्होनें आयुक्त एवं जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि वह इनके कार्यों का मौका मुआयना कर रिपोर्ट शासन को भेंजें। उन्होने ग्रामीण अभियन्त्रण सेवा के अधिशासी अभियन्ता से कहा कि मेरा गांव मेरी सडक योजना के तहत प्रत्येक विकासखण्ड में बनने वाली सडकों पर तत्काल कार्य प्रारम्भ किया जाये। पेयजल निगम द्वारा 139 एकल पेयजल योजनाआंे के सम्बन्ध में पेश की गयी रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री ने असहमति व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी से पेयजल योजनाओं के निरीक्षण के निर्देश दिये। उन्होनें जल संस्थान से कहा कि पेयजल की आपूर्ति ठीक होनी चाहिए, इसके लिए जितने भी टैकर किराये पर लिये जाने हैं उसकी व्यवस्था की जाये।

मुख्यमंत्री श्री रावत ने विद्युत विभाग के अधिक्षण अभियन्ता को निर्देश दिये कि सिंगल फेस विद्युत लाइनों से दिये जा रहे लो वोल्टेज की समस्या के निराकरण के लिए युद्ध स्तर पर कार्य करें तथा क्षतिग्रस्त ट्रांसफार्मरों को 24 घण्टे के भीतर बदले जाने तथा ढीलें तथा झूलते हुए बिजली के तारों को तत्काल दुरूस्त करने की हिदायत दी। उन्होनें लघु सिंचाई महकमें के अधिकारियों से कहा कि वह सबसे पहले क्षतिग्रस्त नहरों की मरम्मत का कार्य प्रारम्भ करें। इसके लिए धनराशि नाबार्ड से दी जायेगी। श्री रावत ने वन विभाग के अधिकारियों से कहा कि वह इस प्रकार की प्रजातियों के पौधों का रोपण कराये, जिससे मौन पालन व्यवसाय को बढ़ावा मिल सके। उन्होनें कहा कि प्रदेशभर के जंगलों में आग लगी है। वन सम्पदा क्षतिग्रस्त हो रही है। ऐसे में वन महकमें को जन सहयोग के माध्यम से वनों की आग को बुझाने एवं उसकी सुरक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाने होंगे। उन्होनें वन प्रभागों की अधिक से अधिक प्रजाति के पेडों की नर्सरी तैयार करने को भी कहा।

समीक्षा बैठक में संसदीय सचिव एवं विधायक सरिता आर्य, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, अध्यक्ष आपदा प्रबन्धन प्रयागदत्त भट्ट, सदस्य मलिन बस्ती सुधार समिति खजान पाण्डे, हरीश पुनैरू, मारूती साह, रामसिंह कैडा के अलावा आयुक्त कुमायूं एएस नयाल, डीआईजी पुष्कर सिंह सैलाल, जिलाधिकारी दीपक रावत, एसएसपी डी सैंथिल अबुदई, मुख्य विकास अधिकारी ललित मोहन रयाल, अधीक्षण अभियन्ता विद्युत एचके गुरूरानी, जेआर गुप्ता जलसंस्थान, मुख्य अभियन्ता लोनिवि बीसी बिनवाल, संभागीय परिवहन अधिकारी एसके सिंह, जिला विकास अधिकारी अमर सिंह गुंज्याल, अपर निदेशक कृषि अंजनी कुमार उपाध्याय, सचिव झील विकास प्राधिकरण श्रीष कुमार, सलाहकार मुख्यमंत्री संजय चैधरी के अलावा बडी संख्या में विभागीय अधिकारी मौजूद थे।

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