33 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

श्री प्रकाश जावड़ेकर ने राष्‍ट्रीय कैम्‍पा सलाहकार परिषद की छठी बैठक की अध्‍यक्षता की

देश-विदेश

नई दिल्ली: सरकार ने आक्रामक एवं सकारात्‍मक वनीकरण के जरिये वन क्षेत्र में बढ़ोतरी सुनिश्चित करने के लिए अनेक हरित पहलों को मंजूरी दी है। आज यहां राष्‍ट्रीय कैम्‍पा सलाहकार परिषद (एनसीएसी) की छठी बैठक की अध्‍यक्षता करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि पिछले पांच वर्षों के दौरान 250 करोड़ रुपये की वह राशि एकत्रित हो गई है जिसे अब तक खर्च नहीं किया जा सका है।

उन्‍होंने कहा कि इन पहलों को मूर्त रूप देने के लिए परिषद ने 162 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। श्री जावड़ेकर ने कहा कि देश के विभिन्‍न हिस्‍सों में अनेक कार्यक्रम शुरू किये जायेंगे। शहरों में वनीकरण को बढ़ावा देना, स्‍कूल नर्सरी कार्यक्रम, ऑनलाइन शिक्षा देना और वन‍स्‍पति एवं जीव की लुप्‍तप्राय प्रजातियों का संरक्षण करना इन कार्यक्रमों में शामिल हैं।

पॉयलट आधार पर शुरू की गई शहरी वनीकरण के तहत परियोजनाओं (नगर वन उद्यान योजना) के अंतर्गत 200 नगर निकायों में शहरी वनों का सृजन किया जाना है। श्री जावड़ेकर ने कहा कि 50 शहरों के इस पहल से जुड़ने की संभावना है और इस उद्देश्‍य के लिए आरंभ में 50 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।

पॉयलट आधार पर एक स्‍कूल नर्सरी कार्यक्रम भी शुरू किया जायेगा ताकि युवाओं के जेहन में पर्यावरण संरक्षण की भावना जागृत हो सके। पांचवीं से लेकर नौवीं कक्षा तक के छात्रों को पौधे लगाने, उनका पोषण करने और शैक्षणिक सत्र की समाप्ति पर गमलों में लगे पौधों को अपने-अपने घर ले जाने के लिए प्रोत्‍साहित किया जायेगा।

अंडमान एवं निकोबार द्वीप में 1 मेगावाट की बॉयोमास आधारित विद्युत परियोजना के लिए सहायता मुहैया कराई जायेगी। इस परियोजना के तहत विद्युत उत्‍पादन के लिए मुख्‍य रूप से बॉयोमास एवं कृषि अवशेषों का उपयोग किया जायेगा। इस उद्देश्‍य के लिए 5 करोड़ रुपये की राशि को अलग से रखा गया है। इसके अलावा अंडमान एवं निकोबार द्वीप में मूंगों एवं सदाबहार पर लगातार करीबी नजर रखने के लिए पांच करोड़ रुपये की राशि का शुरुआती आवंटन किया गया है।

क्षतिपूरक वनरोपण कोष प्रबंधन एवं नियोजन प्राधिकरण (कैम्‍पा) सहायता के जरिये जीवों की लुप्‍तप्राय प्रजातियों के संरक्षण के प्रयास किये जा रहे हैं। लुप्‍तप्राय प्रजातियां ये हैं- ड्यूगॉन्‍ग, गंगा डॉल्फिन, गोडावण, मणिपुर ब्रो एंटलर डीयर (संगाई) और वन्‍य जल भैंस। लुप्‍तप्राय प्रजातियों के संरक्षण के लिए 20 करोड़ रुपये की सहायता राशि अलग से आवंटित की गई है।

श्री जावड़ेकर ने कहा कि वनों एवं उनसे जुड़ी गतिविधियों जैसे वृक्षों को गिराने और उनके बढ़ने की प्रक्रिया पर जीआईएस प्रणाली के जरिये करीबी नजर रखी जायेगी। उन्‍होंने कहा कि इस तरह की गतिविधियों के लिए 75 करोड़ रुपये अलग से रखे गये हैं। श्री जावड़ेकर ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारतीय वन सर्वेक्षण 20 साल की लंबी अवधि के बाद फिर से पेड़ों की गणना कर रहा है और अब से वह हर पांच साल बाद इस काम को अंजाम देगा।

श्री जावड़ेकर ने कहा कि फिलहाल स्‍थायी समिति क्षतिपूरक वनरोपण कोष विधेयक का अध्‍ययन कर रही है। उन्‍होंने उम्‍मीद जताई कि संसद के अगले सत्र में यह विधेयक पारित हो जायेगा।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More