33 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

मेगा सीएफसी रत्न और आभूषण क्षेत्र की वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने में मदद करेगा: पीयूष गोयल

देश-विदेश

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और वस्त्र मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज कहा कि मुंबई में सांताक्रूज इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात प्रसंस्करण क्षेत्र (सीप्ज) में तैयार हो रहा मेगा कॉमन फैसिलिटी सेंटर (सीएफसी) भवन एक उदाहरण बनना चाहिए कि सरकारी और सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) की परियोजनाएं भी समय का पालन करती हैं और निर्धारित समयसीमा के भीतर पूरी की जा सकती हैं।

वह आज मुंबई में सांताक्रूज इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात प्रसंस्करण क्षेत्र (एसईईपीजेड) में मेगा कॉमन फैसिलिटी सेंटर (विशाल साझा सेवा केंद्र) भवन के भूमि पूजन समारोह को वर्चुअल तरीके से संबोधित कर रहे थे।

केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि 1 मई 2023 तक निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है और उस समय सीप्ज के 50 साल भी पूरे हो रहे होंगे। साथ ही महाराष्ट्र दिवस और मजदूर दिवस भी उसी दिन होगा।

मंत्री ने सीएफसी को सीप्ज का ताज कहा और रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) की एक उल्लेखनीय उपलब्धि करार दिया। श्री गोयल ने विश्वास जताया कि यह हमारे निर्यात को बढ़ाने में योगदान देगा और ‘सबका प्रयास’ के साथ हम निश्चित रूप से अपने लक्ष्य को हासिल करेंगे।

श्री गोयल ने कहा कि निर्यात को बढ़ावा देने में निर्यात प्रसंस्करण क्षेत्र (ईपीजेड) मॉडल की प्रभावशीलता को पहचानने वाला भारत एशिया के प्रमुख देशों में से एक था। 1965 में कांडला में एशिया का पहला ईपीजेड स्थापित किया गया था।

उन्होंने कहा कि सीप्ज को वैश्विक बाजारों के लिए ‘गोल्डन गेटवे’ के रूप में जाना जाएगा। मंत्री ने कहा कि मेगा सीएफसी एक अभूतपूर्व परियोजना होगी, जो आधुनिक मशीनरी और तकनीकी सहायता के साथ रत्न और आभूषण क्षेत्र की वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ाएगी।

उन्होंने कहा कि कौशल विकास केंद्र के साथ यह मौजूदा गुणवत्ता, उत्पादकता, कार्यबल कौशल, घरेलू अनुसंधान एवं विकास और प्रौद्योगिकी को बढ़ाने में मदद के साथ ही लागत प्रतिस्पर्धा में भी सुधार करेगा।

इस पर गौर करना जरूरी है कि सीएफसी एक सामाजिक परियोजना के रूप में भी काम करेगा क्योंकि यह इकाइयों विशेष रूप से लघु और मध्यम उद्योगों को सुविधाएं प्रदान कर कार्यक्षमता में सुधार करने में मदद करेगा, जिन्हें भारी निवेश की आवश्यकता होती है। इसके साथ ही मूल्य श्रृंखला को भी बढ़ाने में मदद होगी।

सीप्ज कुल 30,000 करोड़ रुपये मूल्य के निर्यात का योगदान करता है। इसके भारी निर्यात और रोजगार क्षमता को देखते हुए, सरकार रत्न और आभूषण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। यूएई और ऑस्ट्रेलिया के साथ एफटीए ने इस क्षेत्र के लिए कई दरवाजे खोले हैं। भारत-यूएई सीईपीए के बाद सादे सोने के आभूषणों का निर्यात बढ़ रहा है और ईयू, यूके और कनाडा के साथ बातचीत जारी है।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More