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आधुनिक जीवन शैली से स्वास्थ्य पर बढ़ते खतरों के प्रति चिकित्सा जगत को देश स्तर पर जागरूकता अभियान चलाना चाहिएः उपराष्ट्रपति

देश-विदेश

नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति श्री एम वैंकेया नायडु ने गैर-संक्रामक रोगों से पीड़ितों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर आधुनिक जीवन शैली से स्वास्थ्य पर बढ़ते खतरों के प्रति चिकित्सा जगत से देश स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने का आह्वान किया है।

आज चेन्नई में जीईएम अस्पताल का उद्घाटन करने के बाद सभा को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने डॉक्टरों से विश्वविद्यालयों और कॉलेजों का नियमित दौरा करने का आग्रह किया, ताकि वे छात्रों में शारीरिक गतिविधियों की आवश्यकता, संतुलित भोजन और शराब व तंबाकू सेवन से परहेज के प्रति जागरूकता पैदा कर सकें।

उपराष्ट्रपति ने ग्लोबल वर्डन और डिजीज (जीबीडी) 2016 रिर्पोट का जिक्र किया जिसमें भारत में गैर संक्रामक रोगों तथा दुर्घटनाओं को मौत का सबसे बड़ा कारण माना गया है। उन्होंने निजी क्षेत्र से चिकित्सा सुविधा को किफायती बनाने का आग्रह किया। उन्होंने महंगी होती चिकित्सा सेवाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हमारे सामने ऐसे अनेक उदाहरण हैं जिसमें महंगे ईलाज के कारण पूरा परिवार कर्ज के बोझ तले दब जाता है।

श्री नायडू ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकारों के प्रयासों के बावजूद स्वास्थ्य देखभाल के समक्ष कई गंभीर समस्याऐं हैं जैसे- सार्वजनिक खर्च का निम्न स्तर, डॉक्टर-रोगी का निम्न अनुपात, अस्पतालों में बिस्तरों की कमी, महंगा ईलाज, मेडिकल कॉलेजों और प्रशिक्षित डॉक्टरों की कमी और ग्रामीण क्षेत्र में अवसंरचना की कमी।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि केवल सरकार इन चुनौतियों से नहीं निपट सकती। निजी क्षेत्र को ग्रामीण इलाकों में आधारभूत संरचना को बेहतर बनाने पर विशेष ध्यान देना चाहिए। स्वास्थ्य और बीमा के संदर्भ में ग्रामीण-शहरी असमानता लोगों के वित्तीय बोझ को बढ़ा रही है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि प्रत्येक नागरिक को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के उच्च मानकों को प्राप्त करने का अधिकार है। डॉक्टरों, शोधकर्ताओं, सरकार और निजी संगठनों समेत सभी हितधारकों को मिलकर काम करना चाहिए ताकि किफायती चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा सके।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि प्राथमिक और द्वितीय स्तर की चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी के प्रारूप को अपनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों को मरीजों को ज्यादा वक्त देना चाहिए। ईलाज के साथ-साथ मानवीय स्पर्श भी प्रदान करना चाहिए।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया आयुष्मान भारत कार्यक्रम देश के गरीब परिवारों के लिए वरदान साबित होगा। यह कार्यक्रम विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य देखभाल में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि पूरे देश में 1.5 लाख स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों की स्थापना की गयी है। इसका उद्देश्य समग्र स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना है।

इस अवसर पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री श्री ई. के. पलानीसामी, तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री श्री ओ पनीरसेल्वम, तमिलनाडु सरकार के मत्स्य पालन, कार्मिक और प्रशासनिक सुधार मंत्री श्री डी जयकुमार, परिवहन मंत्री श्री एम आर विजय भास्कर, जीईएम अस्पतालों के संस्थापक डॉ सी पालानिवेलू और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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