देहरादून: बदरीनाथ यात्रा को रोके जाने की खबरें पूरी तरह से गलत हैं। बदरीनाथ यात्रा नियंत्रित रूप से लगातार चल रही है। जहां रास्ता बार बार भूस्खलन से क्षतिग्रस्त हुआ है वहां बदरीनाथ के यात्रियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है।
मीडिया सेंटर, सचिवालय में आयोजित प्रेसवार्ता में जानकारी देते हुए अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा ने बताया कि जोशीमठ से आगे मारवाड़ी में हाथीपहाड के भूस्खलन में लगभग 150 मीटर का हिस्सा धंस गया है जबकि 400-500 मीटर के हिस्से में मलबा आ रखा है। सरकार द्वारा वैकल्पिक इंतजाम कर दिए गए हैं। इस तरह की व्यवस्थाएं की गई हैं कि यात्रा बाधित न हो। बीआरओ के अधिकारियों द्वारा आश्वस्त किया गया है कि रास्ते के इस हिस्से को 72 घंटे में दुबारा गाडि़यां चलने लायक बना दिया जाएगा।
अपर मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया कि यात्रा को रोके जाने की खबरें बिल्कुल भी सही नहीं है। मारवाड़ी के पास कल भूस्खलन हुआ था जिसे बीआरओ द्वारा मार्ग खोले जाने के प्रयास किए गए। परंतु आज प्रातः 4ः30 बजे दुबारा वहीं पर भूस्खलन हुआ। जिलाधिकारी व अन्य अधिकारी तुरंत मौके पर पहंुचे। 8ः30 बजे तक हमारे द्वारा यात्रियों का मूवमेंट प्रारम्भ कर दिया गया। शासन से वरिष्ठ अधिकारियों को भी भेजा गया है। सचिव आपदा प्रबंधन, सचिव लोक निर्माण विभाग व आईजी गढ़वाल को मौके पर भेजा गया है। तीनों अधिकारियों को गोविंदघाट में कैम्प करने के निर्देश दिए गए हैं। आईटीबीपी का भी सहयोग लिया जा रहा है।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री ने स्वयं जोशीमठ पहंुच कर मौके का निरीक्षण किया है। आज बदरीनाथ मार्ग से 650 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। इनमें से 150 को हेलीकाॅप्टर से जबकि 500 श्रद्धालुओं को सड़क मार्ग से पहंुचाया गया। श्री शर्मा ने कहा कि कोई भी यात्री किसी भी स्थान पर फंसा नहीं है, केवल 150 श्रद्धालु अपनी इच्छा से बदरीनाथ में रूके हैं। जब तक मार्ग पूरी तरह से गाडि़यों की आवाजाही के लिए खुल नहीं जाता है, श्रद्धालुओं को ट्रांसशिप(वाहनों की अदला-बदली) करके यात्रा कराई जाएगी। यात्रियों को 2 किमी का पैदल ट्रेक करना होगा। इसके बाद गोविंदघाट से गाडि़यों से उन्हें बदरीनाथ पहंुचाया जाएगा। इसके लिए 30 गाडि़यां पहले से ही मौजूद हैं। बदरीनाथ व अन्य स्थानों पर यात्रियों के लिए खाने-पीने की पूरी व्यवस्था की गई है। सरकार का पूरा प्रयास है कि प्रकृति द्वारा उत्पन्न अवरोध से यात्रा में किसी प्रकार का अवरोध न आए। साथ ही यात्रियों को असुविधाएं भी न हों। हमारी प्राथमिकता है कि यात्रा लगातार चलती रहे और यात्री भी पूरी तरह से सुरक्षित रहें। श्री शर्मा ने बताया कि केवल इस अवधि के लिए जब तक कि बदरीनाथ मार्ग पर गाडि़यों की आवाजाही पूरी तरह शुरू नहीं हो जाती है, एक पैकेज तैयार किया जा रहा है कि जिसके तहत मात्र 750 रूपए के भुगतान पर गोविंदघाट से जोशीमठ हेलीकाप्टर से जाया जा सकेगा।
उधर मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि चारधाम यात्रा के लिए राज्य सरकार पूरी तरह से मुस्तैद है। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने निर्देश दिये है कि चारधाम यात्रा को देखते हुए शासन के सभी वरिष्ठ अधिकारी व जनपद अधिकारी मुख्य सचिव के संपर्क में रहेंगे। किसी भी प्रकार की कोई आपात स्थिति होने पर सीधे मुख्य सचिव अथवा मुख्यमंत्री कार्यालय में संपर्क किया जाय। मुख्यमंत्री श्री रावत के निर्देश पर आज मुख्य सचिव द्वारा शासन के सभी वरिष्ठ अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये। इनमें अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव एवं प्रभारी सचिवों को निर्देश जारी किये है कि सभी अधिकारीगण अपना मोबाइल फोन 24 घंटे खुला रखेंगे, ताकि किसी भी समय संपर्क करने पर तत्काल उत्तर दिया जाय और इसमें किसी प्रकार की बहानेबाजी स्वीकार नहीं की जाएगी। किसी भी नागरिक द्वारा मोबाईल पर सम्पर्क करने पर शिष्टाचार के नाते त्मजनतद बंसस कर वार्ता करना सुनिश्चित करें। अवकाश के दिनों में भी सभी अधिकारी अपने मुख्यालय में उपस्थित अथवा संपर्क में रहेंगे (केवल उस स्थिति को छोड़कर जब मुख्य सचिव की पूर्व अनुमति से शासकीय कार्य से किसी दौरे पर जाना पड़े)। शासन के सभी वरिष्ठ अधिकारियों से अपेक्षा की कि गई है कि च्तव.ंबजपअम तरीके से शासकीय कार्य के लिए उपलब्ध रहें। सभी अधिकारियों को निर्देश दिये गये है कि चारधाम यात्रा को देखते हुए अवकाश हेतु आवेदन न करें।
विष्णुप्रयाग भूस्खलन क्षेत्र पर मुख्यमंत्री स्वयं नजर रखे हुए हैं। उन्होंने अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा व प्रमुख सचिव गृह मनीषा पंवार को निरंतर अनुश्रवण के निर्देश दिए हैं। सचिव आपदा प्रबंधन, सचिव लोक निर्माण विभाग व आईजी गढ़वाल को मौके पर भेजा गया है। तीनों अधिकारियों को गोविंदघाट में कैम्प करने के निर्देश दिए गए हैं।