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कोविड के बाद मीडिया एवम् मनोरंजन क्षेत्र: अब डिजिटल प्लेटफार्म को बढ़ावा देना ही होगा: डॉ.राजेश कुमार

उत्तराखंड

कोविड – 19 वैश्विक महामारी का भारत में आगमन उस समय हुआ जब देश कि अर्थव्यवस्था पर पहले से ही संकट के बादल छाये हुए थे द्य विश्व भी आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा था द्य इस महामारी ने न केवल जनधन को क्षति पहुंचाई है, बल्कि इसने पूरी अर्थव्यवस्था को तबाही के दौर में धकेल दिया है । मांग, आपूर्ति एवं बाजार दृ सभी कठिन दौर से गुजर रहे हैं । स्वाभाविक तौर से इस स्थिति का प्रभाव मीडिया एवम् मनोरंजन उद्योग पर पड़ना तय है, और इस उद्योग को इस चुनौती का सामना करने हेतु तैयार रहना होगा ।

हाल के दिनों में मीडिया एवम् मनोरंजन क्षेत्र पर कोविड दृ 19 के प्रभाव एवं नवीन चुनौतियों से सामना हेतु अपेक्षित तैयारियों से सम्बंधित दो महतवपूर्ण रिपोर्ट प्रकाशित हुए – एक, केपीएमजी द्वारा और दूसरा, टेक महिंद्रा द्वारा । इन दोनों रिपोर्टों ने मीडिया एवम् मनोरंजन क्षेत्र पर पड़ रहे प्रभावों की विस्तृत चर्चा करते हुए वर्तमान चुनौतियों का सामना करने हेतु इस क्षेत्र के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं । इन सुझावों में सबसे प्रमुख – मीडिया एवम् मनोरजन क्षेत्र का डिजिटल रूपांतरण करना है । यह क्षेत्र तभी गतिमान रह पायेगा जब इसका डिजिटलाइजेशन हो और इसके सभी विषयवस्तु एवं उत्पाद डिजिटल प्लेटफार्म पर सुगमता से उपभोक्ताओं को उपलब्ध हों ।

मीडिया एवम् मनोरंजन क्षेत्र का डिजिटल रूपांतरण कोविड दृ 19 के पहले से ही अल्प गति से शुरू जो चुका था द्य लेकिन इस क्षेत्र के नीति निर्माताओं द्वारा “डिजिटल रूपांतरण” एक द्वीतियक व्यवसायिक लक्ष्य के तौर पर देखा जाता रहा । कोविड दृ 19 ने इसे प्राथमिक लक्ष्य बना दिया है । अब मीडिया एवम् मनोरंजन को डिजिटल प्लेटफार्म पर जाना ही होगा और इसे अतिरिक्त उर्जा के साथ बढ़ावा देना होगा । वर्तमान में एवं भविष्य में भी, अब देश एवं समाज एक “नवीन सामान्य स्थिति” में जिएगा, जहाँ सामाजिक मेल-जोल, अंतर वैयक्तिक संवाद, जन-विमर्श, समूह-विमर्श आदि में निश्चित तौर पर कमी आएगी, अगर पूरी तरह खत्म ना भी हो तो भी ।

ये “नवीन सामान्य स्थिति” लोगों को घरों में, चहारदीवारियों के बीच काम करने के साथ अपने सूचना एवम् मनोरंजन कि आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु विवश करेगी द्य ऐसी स्थिति में डिजिटल प्लेटफार्म पहले से कहीं ज्यादा प्रासंगिक हो जायेंगे और इस स्थिति में मीडिया चाहे वो समाचार पत्र हों, या टीवी या रेडियो या फिर सिनेमा दृ सभी को डिजिटल पटल पर आना ही होगा और उपभोक्ताओं को इस प्लेटफार्म के अत्यधिक प्रयोग हेतु प्रोत्साहित भी करना होगा द्य समाचार पत्रों के डिजिटल संस्करण पहले से अधिक महत्वपूर्ण हो जायेंगे । इस हेतु समाचार पत्रों को अपना राजस्व मॉडल विकसित करना होगा, क्यूंकि समाचार पत्रों की कागजी प्रति का उठान एवं वितरण कम होगा और विज्ञापनदाताओं को यह विश्वास दिलाना होगा कि डिजिटल प्लेटफार्म पर समाचार पत्र पढ़े जा रहे हैं । समाचार पत्रों का डिजिटल उपभोग बढ़े, इस हेतु समाचार पत्रों एवम् उससे जुड़े विभिन्न समूहों को व्यापक नियोजित प्रयास करने होंगे । इन प्रयासों में पाठकों के बीच डिजिटल समाचार पत्रों को पढ़ने हेतु प्रोत्साहन एवं जागरूकता भी शामिल करनी होगी द्य आज जो समाचार पोर्टल चलाये जा रहे हैं, उन्हें भी अपनी गुणवत्ता और विश्वनीयता बढ़ानी होगी द्य पाठकों में भी डिजिटल पटल पर जाकर समाचार पढ़ने का रुझान पैदा करना होगा द्य इस हेतु समाचार पत्र अपने डिजिटल संस्करण के पाठकों को आकर्षित करने हेतु कई योजना लेकर आ सकते हैं द्य समाज का वह वर्ग जो अबतक इस प्लेटफार्म का प्रयोग नहीं कर रहा था, उसे आकर्षित करना होगा !

इसी तरह सिनेमा उद्योग को भी इस नवीन स्थिति हेतु अपनी तैयारी करनी होगी । सिनेमा थियेटर खुल जाने के बावजूद लोगों का आगमन पहले जैसा रहने की सम्भावना कम रहेगी द्य तो इस स्थिति में लोग अपने घरों कि चहारदीवारियों में ही मनोरंजन के साधनों का प्रयोग करना चाहेंगे द्य और यहाँ भी डिजिटल प्लेटफार्म ही अधिकाधिक प्रयोग में लाया जाएगा द्य तात्पर्य यह है कि अब सिनेमा, टीवी सीरियल आदि को डिजिटल पटल पर प्रमुखता और पूरी व्यवसायिक तैयारी के साथ उतारना होगा द्य अगर इसमें मनोंरजन क्षेत्र पिछड़ा, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं ।

सुकून की बात है कि पिछले एक-दो महीनों में समाचार एवम् मनोरंजन – दोनों का उपभोग बढ़ा है । लेकिन, चिंता की बात यह है कि विज्ञापन उस अनुपात में नहीं बढ़ रहे हैं द्य बल्कि, उनमें कमी ही आयी है द्य शायद विज्ञापनदाता वर्तमान आर्थिक स्थिति और उसके उपभोक्ताओं पर पड़ने वाले प्रभावों को लेकर अति सतर्क हैं, और स्थिति पर नजर बनाये हुए हैं द्य अतएव विज्ञापन क्षेत्र के रुख को सकारात्मक बनाने हेतु मीडिया एवम् मनोरंजन क्षेत्र को अपने डिजिटल प्लेटफार्म को सुदृढ़ करना होगा द्य साथ ही, अपने डिजिटल उपभोक्ताओं की संख्या एवं स्तर को लगातार बढ़ाना होगा द्य कुल मिलाकर, मीडिया एवम् मनोरंजन क्षेत्र को अब डिजिटल प्लेटफार्म पर प्रमुखता के साथ और अतिरिक्त उर्जा के साथ आना ही होगा ।

डॉ.राजेश कुमार – स्कूल ऑफ मीडिया एंड कम्युनिकेशन स्टडीज, दून विश्वविद्यालय देहरादून के अध्यक्ष एवं पब्लिक रिलेसंस काउंसिल ऑफ इंडिया (पीआरसीआई) देहरादून चैप्टर के भी अध्यक्ष है।

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