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प्रदेश में विगत 05 वर्षों के दौरान मातृत्व मृत्यु दर तथा शिशु मृत्यु दर में कमी आयी: सीएम

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि विगत 05 वर्षों के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रेरणा से प्रदेश की शासकीय सेवाओं में विभिन्न पदों पर पारदर्शी एवं निष्पक्ष चयन प्रक्रिया के माध्यम से 05 लाख से अधिक युवाओं को नियुक्ति प्रदान की गई है। इसके माध्यम से प्रदेश के युवाओं को सम्मान प्राप्त हुआ है। युवाओं की ऊर्जा व प्रतिभा का लाभ प्रदेश को मिल रहा है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन के सभागार में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा सभी 75 जनपदों के लिए चयनित 1354 स्टाफ नर्सों के नियुक्ति पत्र वितरण के कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने 21 नवचयनित स्टाफ नर्सों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। मुख्यमंत्री जी ने 1354 स्टाफ नर्सों में से 90 फीसदी बालिकाओं और महिलाओं के चयन के लिए प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे उन्हें अपने कैरियर को आगे बढ़ाने का अवसर मिलेगा। कार्यक्रम से सभी जनपद वर्चुअल माध्यम से जुड़े रहे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पहले प्रदेश एक बीमारू राज्य के रूप में जाना जाता था। आज यहीं उत्तर प्रदेश देश की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में अपने आपको स्थापित करने की ओर तेजी से अग्रसर हुआ है। यह सामूहिकता तथा टीम भावना का परिणाम है। है। जब 25 करोड़ की आबादी वाला उत्तर प्रदेश बोलता है, एक साथ चलता है, एक निर्णय लेता है, तो उसके परिणाम भी इसी रूप में देखने को मिलते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश अनन्त सम्भावनाओं वाला प्रदेश है। दुनिया की सबसे अच्छी उर्वरा भूमि, जल संसाधन तथा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम से जुड़े हुए उद्योग प्रदेश में मौजूद हैं। प्रदेश में नौकरी व रोजगार की सम्भावनाएं कभी कम नहीं हो सकती। हमारे पास पोटेंशियल था, लेकिन उसे सामने लाने, समय के अनुरूप ढालने तथा तकनीक के साथ जोड़ने का ईमानदारीपूर्वक प्रयास नहीं हो पाया था। इसके लिए प्रदेश सरकार ने विगत 05 वर्षों में अनेक कदम उठाएं हैं। केन्द्र व राज्य सरकार के संयुक्त प्रयास से प्रदेश में विभिन्न सेक्टर्स में 01 करोड़ 61 लाख से अधिक रोजगार का सृजन किया गया। राज्य में  60 लाख से अधिक स्वरोजगार के सृजन की कार्यवाही इस दौरान की गई।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में मिशन रोजगार के अन्तर्गत शासकीय सेवाओं के लिए अभियान चल रहा है। इतनी नौकरियां कभी नहीं निकली थी। बेसिक शिक्षा परिषद में 01 लाख 26 हजार से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति हुई। माध्यमिक शिक्षा में 40 हजार से अधिक तथा पुलिस विभाग में 01 लाख 60 हजार भर्ती की प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से सम्पन्न किया गया। स्वास्थ्य विभाग में भी अलग-अलग पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया पारदर्शिता के सम्पन्न हुई। प्रदेश के युवाओं को जब राज्य में ही नौकरी व रोजगार मिलने लगा, तो स्वाभाविक रूप से उसने अपनी ऊर्जा व प्रतिभा का लाभ प्रदेश को दिया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत 05 वर्षों में किये गये कार्यों के परिणाम स्वरूप आज उत्तर प्रदेश देश में निवेश के सबसे अच्छे गंतव्य के रूप में जाना जाता है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रदेश की प्रगति के परिणाम सभी के सामने है। प्रदेश का कोरोना प्रबन्धन मॉडल के रूप मंे सामने आया। देश में इसकी सराहना हुई। कोरोना काल खण्ड में जब हर व्यक्ति अपने को बचा रहा था, तब ए0एन0एम0, आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री, आशा बहनें, पैरामेडिकल स्टाफ तथा चिकित्सक लोगों को बचाने में लगे रहे। एक समय ऐसा भी था जब निजी क्षेत्र पूरी तरह बन्दी की ओर चला गया था, केवल सरकारी अस्पतालों में ही स्वास्थ्य की सुविधा उपलब्ध थी, उन स्थितियों में पारदर्शी तरीके से बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधा देने, निःशुल्क टेस्ट, निःशुल्क उपचार, गांव-गांव में घर-घर जाकर सम्भावित कोरोना मरीजों को चिन्हित करने के लिए स्क्रीनिंग की व्यवस्था के कार्य प्रदेश में हुए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान अपनी जान को जोखिम में डालते हुए प्रदेश की 25 करोड़ आबादी को बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग, स्वास्थ्यकर्मियों, ए0एन0एम0, आंगनबाड़ी और आशा वर्कर के द्वारा किये गये कार्य अत्यन्त अभिनन्दनीय और सराहनीय रहे। कोरोना काल खण्ड मंे लॉकडाउन लगते ही दिल्ली, महाराष्ट्र, पंजाब व अन्य स्थानों पर उत्तर प्रदेश के कामगार व श्रमिकों के साथ भेदभाव हुआ। उन्होंने अपने घरों की ओर प्रस्थान किया। भारत सरकार ने इतनी बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश जा रहे लोगों के प्रति चिन्ता व्यक्त की। प्रदेश सरकार ने इन सभी कामगार व श्रमिकों के लिए सभी व्यवस्थाएं कीं। उनकी स्किल मैपिंग करायी गयी। एम0एस0एम0ई0 सेक्टर, एक जनपद एक उत्पाद योजना तथा विश्वकर्मा श्रम सम्मान जैसी योजनाओं के माध्यम से 40 लाख प्रवासी कामगार एवं श्रमिकों को रोजगार या स्वरोजगार से जोड़ने में सफलता प्राप्त हुई।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने विगत कुछ समय से स्टाफ नर्सेज के उत्तम प्रशिक्षण के लिए कदम उठाए हैं। आज हर सरकारी मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग कॉलेज की स्थापना या तो की जा चुकी है या स्थापित करने की प्रक्रिया तेजी के साथ आगे बढ़ रही है। जिला अस्पतालों में इस प्रकार के प्रशिक्षण और पैरामेडिक्स के प्रशिक्षण के कार्यक्रम को भी तेजी के साथ आगे बढ़ाया गया है। इस क्षेत्र में नौकरियों की कमी नहीं है। उत्तम प्रशिक्षण के साथ इसमें नौकरी की अनेक सम्भावनाएं हैं। निजी क्षेत्र, शासकीय क्षेत्र, आर्म फोर्सेज के साथ ही, दुनिया के अनेक देशों में बहुत से स्थान रिक्त हैं। प्रति 01 लाख की आबादी पर चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ तथा स्टाफ नर्सेज का जो अनुपात होना चाहिए, वह दुनिया तथा भारत में भी काफी कम है। इस गैप को पूरा करने की दृष्टि से प्रदेश सरकार ने यह कदम उठाएं हैं। इसी के साथ प्रशिक्षण की उत्तम व्यवस्था के कार्यक्रमों के परिणाम भी आने प्रारम्भ हुए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में विगत 05 वर्षों के दौरान मातृत्व मृत्यु दर तथा शिशु मृत्यु दर में कमी आयी है। एनीमिया से जुड़ी चुनौतियों को पहले की तुलना में कम करने में सफलता प्राप्त हुई है। टीकाकरण तथा संस्थागत प्रसव में व्यापक सुधार हुआ है। हम अच्छी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। आज यहां जिन स्टाफ नर्सेज को नियुक्ति पत्र प्रदान किया जा रहा है, उनके साथ ही जो पहले से ही स्वास्थ्य विभाग में पैरामेडिक्स, स्टाफ नर्सेज या चिकित्सक के रूप में कार्य कर रहे हैं, वे सभी अपने डाटा को अपलोड करने की कार्यवाही से जुड़े। यह उनके कार्य की प्रगति से सभी को अवगत कराने के लिए आवश्यक है। राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों तथा कार्यों को समय से अपलोड करेंगे, तो व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह नहीं लगेगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत अक्टूबर माह में अचानक बहुत तेज बारिश होने तथा जल जमाव के कारण अनेक प्रकार के संचारी रोग देश व प्रदेश में फैलने लगे। अलग-अलग क्षेत्रों में डेंगू, वायरल बुखार, चिकनगुनिया, मलेरिया या कोई अन्य बीमारी से बड़ा तबका इनकी चपेट में रहा। अभी भी उसका खतरा समाप्त नहीं हुआ है। उसके प्रति सतर्कता और सावधानी रखनी होगी। राज्य सरकार वर्ष में तीन बार संचारी रोग नियंत्रण और दस्तक अभियान के माध्यम से जनजागरूकता के एक बड़े कार्यक्रम को आयोजित कर रही है। स्वास्थ्य का विजन यदि उपचार से महत्वपूर्ण बचाव और जागरूकता पर केन्द्रित हो, तो बहुत से लोगों को रोगों से तथा उन रोगों को असाध्य बनने से हम रोक सकते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज केन्द्र व राज्य सरकार की अनेक योजनाओं का लाभ आमजन को दिया जा रहा है। आयुष्मान भारत योजना उनमें से एक है। आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत लोग गोल्डेन कार्ड बनवायें, इसके लिए जागरूकता की आवश्यकता है। इसके माध्यम से एक व्यक्ति को 05 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य सुविधा कवर उपलब्ध कराया जा रहा है। इसमें स्टाफ नर्सेज की बड़ी भूमिका हो सकती है। स्टाफ नर्स स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ होती हैं। मेडिकल ऑफिसर, चिकित्सक अथवा विशेषज्ञ मरीज को ओ0पी0डी0 में एक बार देखेगा, वॉर्ड में भर्ती मरीज को भी एक बार राउण्ड करके देख लेता है, लेकिन जब मरीज अस्पताल में होता है, तब उसके सबसे अधिक नजदीक स्टाफ नर्स को रहना पड़ता है। केवल दवा से मरीज स्वस्थ नहीं हो सकता है। आपका व्यवहार मरीज की बीमारी को दूर करता है। अस्पताल के वातावरण को स्वस्थ रखने का प्रयास करना चाहिए। टीम के साथ अस्पताल के माहौल को ऐसा बनाएं कि बीमार व्यक्ति भी उससे ऊर्जा प्राप्त कर सके। यह व्यवहार आपके कैरियर के लिए तथा उससे मिलने वाली सन्तुष्टि से आपको लाभान्वित करेगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान आपने अपने पेशे के प्रति, मरीज के प्रति, उसके परिजनों के प्रति तथा अपने पेशे को स्वस्थ व मर्यादित तरीके से आगे बढ़ाने केे प्रति जो शपथ ग्रहण की है अगर आप उसके साथ आगे बढ़ते हैं तो वह आपकी प्रतिष्ठा को कई गुना बढ़ाने में मदद करेगा। आपकी सेवा को ध्यान में रखकर ही हर व्यक्ति अस्पताल में सिस्टर के रूप में सम्बोधित करके बहुत बड़ा सम्मान भी देता है। उस सम्मान को बनाये रखने की जिम्मेदारी भी आपकी होनी चाहिए। इस जिम्मेदारी के निर्वहन के लिए अपने को तैयार करें। शासकीय सेवाएं एक औपचारिकता नहीं है, यह बड़ी जिम्मेदारी है। इस जिम्मेदारी के साथ आपको जुड़ना होगा। स्वास्थ्य विभाग इस दिशा में बेहतर कदम बढ़ा रहा है। हमारे पास जितनी बड़ी आबादी तथा अस्पताल हैं, उनके अनुरूप विशेषज्ञ चिकित्सकों का अभाव है। सरकार लगातार प्रयास कर रही है। पिछली सरकारों द्वारा बन्द कर दिये गये नर्सिंग कॉलेज, पैरामेडिक्स के प्रशिक्षण केन्द्रों तथा ए0एन0एम0 सेन्टर को राज्य सरकार पुनर्जीवित कर रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में विशेषज्ञ चिकित्सकों के लिए अलग कैडर गठित किया गया है। कैडर गठित होने के बाद नियुक्ति का अधियाचन भी लोक सेवा आयोग को भेजा गया है। लोक सेवा आयोग के माध्यम से एक बार इस प्रक्रिया को पूरा किया जा चुका है। शेष की भर्ती प्रक्रिया को समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ाया जा रहा है। आज तकनीक का समय है। प्रदेश के दूर-दराज के क्षेत्रों में, जहां आज भी चिकित्सकों की उपलब्धता की समस्या है, वहां पर टेलीमेडिसिन तथा टेलीकंसल्टेशन की सुविधा उपलब्ध करायी जानी चाहिए। वहां उपलब्ध स्टाफ नर्स या पैरामेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षण देकर टेलीकंसल्टेशन तथा टेलीमेडिसिन के माध्यम से हायर सेन्टर के साथ उन्हें जोड़ दें, तो एक बड़ी आबादी को प्रधानमंत्री जी के मंत्र, ‘जहां बीमार, वहीं उपचार’ को साकार कर सकते हैं। इससे बीमारी को बढ़ने से रोकते हुए बहुत से लोगों को स्थानीय स्तर पर ही उपचार का लाभ दे सकते हैं। इससे हमारे बड़े-बड़े मेडिकल कॉलेज तथा बड़े अस्पतालों में भीड़ के दबाव को कम किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि लखनऊ स्थित के0जी0एम0यू0 तथा एस0जी0पी0जी0आई0 में प्रतिदिन 08 से 10 हजार मरीज आते हैं। आर0एम0एल0आई0एम0एस0 तथा अन्य मेडिकल कॉलेजों में भी 04 से 05 हजार मरीज प्रतिदिन आते हैं। स्थानीय स्तर पर उपचार की व्यवस्था देने से यह भीड़ कम हो सकती हैं। सामान्य बीमारी का गांव में ही, पी0एच0सी0, सी0एच0सी0 तथा जिला अस्पतालों में उपचार हो सकता है। इस कार्य में तकनीक का उपयोग कर सकते हैं। स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता के विभिन्न कार्यक्रमों में हमें प्रयास करना चाहिए। प्रदेश में संचारी रोग नियंत्रण में राज्य सरकार ने बड़ी सफलता प्राप्त की है। आज उसके परिणाम भी सामने है। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एन0जी0टी0) द्वारा 06 माह पूर्व प्रदेश में इंसेफेलाइटिस के आकलन के लिए बैंग्लुरु की एक संस्था को इसके साथ जोड़ा गया था। संस्था की रिपोर्ट में प्रदेश सरकार द्वारा इंसेफेलाइटिस नियंत्रण के लिए किये गये प्रयासों की सराहना करते हुए उसे मॉडल बताया गया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 से पहले पूर्वी उत्तर प्रदेश सहित प्रदेश के 38 जनपदों में इंसेफेलाइटिस से हजारों मौतें होती थी। वर्ष 2017 के बाद इसे नियंत्रित करने के लिए क्रमिक रूप से चलाए गए कार्यक्रमों के परिणामस्वरूप आज प्रदेश में इंसेफेलाइटिस से होने वाली मृत्यु को 95 प्रतिशत से अधिक नियंत्रित करने में सफलता प्राप्त हुई है। यह एक मॉडल है। एन0जी0टी0 ने भी उसे एक मॉडल माना। कोरोना कालखण्ड में प्रदेश के चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ, आंगनबाड़ी, ए0एन0एम0 तथा आशा बहनों द्वारा किये गये कार्य अपने आप में एक मॉडल है। हमें अच्छी चीजों को हाईलाइट करना होगा। प्रदेश की 25 करोड़ आबादी को स्वास्थ्य की बेहतरीन सुविधा प्राप्त करने के लिए स्वयं को तैयार करना होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज राज्य सरकार भारत सरकार के साथ मिलकर ‘एक जनपद एक मेडिकल कॉलेज’ के निर्माण की कार्यवाही के साथ आगे बढ़ रही है। हम शीघ्र ही प्रदेश के सभी 75 जनपदों में एक-एक मेडिकल कॉलेज देने में सफल होंगे। स्वाभाविक रूप से हमें प्रत्येक स्तर पर पैरामेडिकल स्टाफ, स्टाफ नर्स तथा फैकेल्टी सहित मैनपावर की आवश्यकता पड़ेगी। आज जिन स्टाफ नर्सों को नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है, उनमें से अनेक बी0एस0सी0 नर्सिंग तथा जी0एन0एम0 पास हैं। यह एक अच्छी प्रक्रिया है। इसे यहीं नहीं थमने देना है। बी0एस0सी0 के बाद एम0एस0सी0 नर्सिंग तथा फिर पी0एच0डी0 भी करें। एक व्यवस्था बननी चाहिए कि वे अपनी पढ़ाई को वहीं न रोके। जो लोग सेवा में है, उन्हें आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करने के लिए राज्य सरकार एक व्यवस्था देगी। यह आगे प्रमोशन की प्रक्रिया के लिए भी लाभदायी होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में स्टाफ नर्स की भूमिका बैकबोन के रूप में कार्य करने वाली है। इसके लिए पूरी मजबूती, तन्मयता, प्रतिबद्धता तथा ईमानदारी के साथ अपने पेशे से जुड़े हुए कार्यों को आगे बढ़ाएंगी, तो यह उनके विकास में सहायक होगा। इससे स्वास्थ्य क्षेत्र विश्वसनीयता के प्रतीक रूप में उभरेगा। शासकीय सेवाओं को मॉडल के रूप में प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी आपकी है। यदि इसकी विश्वसनीयता पर संकट आएगा, तो आने वाले समय में इस पूरे पेशे पर ही संकट खड़ा होगा। मुख्यमंत्री जी ने विश्वास जताया कि सभी स्टाफ नर्स ईमानदारी व दक्षता के साथ स्वास्थ्य सेवाओं की नींव को मजबूती प्रदान करने में अपना योगदान देंगी।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि चिकित्सा जगत में स्टाफ नर्स के बगैर कुछ भी सम्भव नहीं है। इस नोबेल पेशे के प्रति पूरी दुनिया में सम्मान है। मुख्यमंत्री जी के मार्गदर्शन में यह भर्ती प्रक्रिया पूर्णतः निष्पक्ष तरीके से की गई है। हमारी जिम्मेदारी है कि स्वास्थ्य व्यवस्था को और अच्छा करें। कुछ दिनों पूर्व मुख्यमंत्री जी द्वारा मिशन निरामया को लॉन्च कर पैरा मेडिकल व नर्सिंग स्टाफ की अच्छी शिक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित करने का कार्य किया गया है।
इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण राज्यमंत्री श्री मयंकेश्वर शरण सिंह, प्रमुख सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्री पार्थ सारथी सेनशर्मा तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

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