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अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या की वैवाहिक स्थिति के आंकड़े

देश-विदेश

नई दिल्ली: भारत के महा पंजीयक और जनसंख्‍या आयुक्‍त ने वर्ष 2011 के लिए सभी राज्‍यों और संघ शासित प्रदेशों के अनुसूचित जनजाति की जनसंख्‍या की वैवाहिक स्थिति के आंकड़े आयु और लिंग, महिलाओं की संख्‍या, किसी भी समय विवाहित महिला, जन्‍मे बच्‍चों की कुल संख्‍या, जीवित बचे बच्‍चों की संख्‍या और लिंग के आधार पर जीवित बच्‍चों की संख्‍या, लिंग के आधार पर पिछले वर्ष जन्‍म लेने वाले और एक परिवार में जन्‍म लेने वाले बच्‍चों के क्रम संबंधी आंकड़े जारी कर दिए हैं। अनुसूचित जनजातियों पर विशेष तालिकाएं जैसे एसटी-7, एसटी-1 में आयु और लिंग, किसी भी समय विवाहित महिला, लिंग के आधार पर जन्‍मे बच्‍चों की कुल संख्‍या आदि को दर्शाती हैं। एसटी-12 तालिका में किसी भी समय विवाहित महिला, जीवित बचे बच्‍चों की संख्‍या और लिंग के आधार पर जीवित बच्‍चों की संख्‍या शामिल है। तालिका संख्‍या-13 महिलाओं की संख्‍या और वर्तमान में विवाहित महिलाएं और एक परिवार में जन्‍म लेने वाले बच्‍चों के क्रम संबंधी आंकड़ों को दर्शाती है।

जारी किए गए आंकड़े बताते हैं कि अनुसूचित जाति के 10,45,45,716 लोगों में से 4,67,00,848 विवाहित थे। विवाहित लोगों की संख्‍या अनुसूचित जनजाति की कुल आबादी का 44.7% है। इनमें विधवा महिलाओं की संख्‍या 4.6% तथा अलग हुई महिलाओं की संख्‍या 0.4% है। तालकशुदा महिलाओं की संख्‍या 0.2% है। 2001 की जनगणना की तुलना में सभी आयु वर्गों में विधवा, तलाकशुदा, अलग हुई महिलाओं की संख्‍या बढ़ी है। आधे से ज्‍यादा विवाह 20-24 वर्ष के आयु वर्ग में हुए। उपरोक्‍त आयु वर्ग में विवाह का प्रतिशत 57.2% थी। आंकड़े यह भी बताते हैं कि अनुसूचित जाति की 72% महिलाओं की आयु 18 वर्ष थी।

प्रत्‍येक आयु में किसी भी समय विवाहित महिलाओं की कुल संख्‍या बढ़ी है। इनकी संख्‍या में केरल, कर्नाटक, गोवा, पश्चिम बंगाल और असम में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। सभी राज्‍यों/संघ शासित प्रदेशों में प्रत्‍येक आयु वर्ग में जन्‍म लेने वाले बच्‍चों की कुल संख्‍या में गिरावट आई है। 2001 की जनसंख्‍या के आंकड़ों की तुलना में सभी राज्‍यों/संघ शासित प्रदेशों में जीवित बचे बच्‍चों की संख्‍या बढ़ी है।

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