27 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

जल्‍द हट सकती हैं दिल्‍ली मेंं लगी कई पाबंदियां, मेट्रो यात्रियों को मिल सकती है बड़ी राहत; डीडीएमए की बैठक में होगा अहम फैसला

देश-विदेश

नई दिल्ली: दिल्ली में तेजी से कम हो रहे कोरोना संक्रमण के बीच दिल्ली वासियों को बहुत जल्द नाइट कर्फ्यू सहित विभिन्न पाबंदियों से निजात मिल सकती है। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की शुक्रवार को होने वाली बैठक में इस बाबत निर्णय लिए जाने के प्रबल आसार हैं। इसकी अहम वजह यह भी है कि दिल्ली में कोरोना के मामले अब 500 से नीचे जबकि संक्रमण दर एक प्रतिशत से भी नीचे आ गई है।

उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से होगी और इसमें मुख्य सचिव विजय देव अलावा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, जो उपाध्यक्ष हैं, उनके कैबिनेट सहयोगियों मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन और कैलाश गहलोत के शामिल होने की संभावना है। नीति आयोग के सदस्य डा वीके पाल, आइसीएमआर के महानिदेशक प्रोफेसर बलराम भार्गव, एनसीडीसी के निदेशक डा एसके सिंह और एनडीएमए सदस्य कृष्णा वत्स विशेष आमंत्रितों में शामिल हैं।

अधिकारियों के अनुसार, ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के अनुसार ‘येलो अलर्ट’ के तहत अनुशंसित प्रतिबंध अभी भी राजधानी में लागू हैं। एक अधिकारी ने कहा कि संक्रमण दर एक प्रतिशत से कम होने पर डीडीएमए येलो अलर्ट वापस ले सकता है, जिसके परिणामस्वरूप विभिन्न प्रतिबंधों को हटाया जा सकता है।

दिल्ली में वर्तमान में लागू प्रमुख प्रतिबंधों में रात 11 बजे से सुबह पांच बजे के बीच रात का कर्फ्यू, रात आठ बजे तक गैर-जरूरी सामानों की दुकानें बंद करना, रेस्तरां, बार और सिनेमा हाल में केवल 50 प्रतिशत मेहमान, शादी समारोह में अधिकतम 200 मेहमान शामिल हैं। धार्मिक स्थलों पर कोई आगंतुक नहीं, सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक सभाओं पर पूर्ण प्रतिबंध, कैब और आटो-रिक्शा सहित सार्वजनिक परिवहन में यात्रियों की संख्या पर भी सीमा है।

आटो-रिक्शा और कैब में केवल दो यात्रियों की अनुमति है, दिल्ली मेट्रो और बसों में किसी भी यात्री को खड़े होने की अनुमति नहीं है। बड़ी संख्या में मेट्रो स्टेशनों के प्रवेश और निकास द्वार अभी भी बंद हैं। व्यापारी जहां रात्रि कर्फ्यू हटाने, गैर-जरूरी दुकानों को रात आठ बजे के बाद और साप्ताहिक बाजारों को खोलने की अनुमति देने की मांग कर रहे हैं, वहीं सामाजिक-धार्मिक समूह सभी धार्मिक स्थलों को खोलने की मांग कर रहे हैं। थिएटर समूह और कलाकार भी शहर के कला और संस्कृति के माहौल को पुनर्जीवित करने में मदद करने के लिए सभागार और कला केंद्रों को फिर से खोलने की मांग कर रहे हैं।

डीडीएमए ने चार फरवरी को अपनी पिछली बैठक में सभी शैक्षणिक संस्थानों, स्विमिंग पूल और व्यायामशालाओं और सभी कार्यालयों को 100 प्रतिशत ध्यान के साथ फिर से खोलने की अनुमति दी थी। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने स्वीकार किया कि बड़ी संख्या में स्टाफ के साथ अब अपने कार्यस्थलों की यात्रा करने की अनुमति है जबकि कैब और आटो में यात्रियों की संख्या पर प्रतिबंध और मेट्रो एवं बसों में खड़े यात्री की अनुमति नहीं है, जिससे जनता को असुविधा हो रही है।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More