37 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

महाराष्ट्र ग्रीन हाइड्रोजन नीति बनाने वाला पहला राज्य

देश-विदेश

नवीकरणीय ऊर्जा और हरित हाइड्रोजन परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए महाराष्ट्र राज्य की हरित हाइड्रोजन नीति को हुई कैबिनेट बैठक में मंजूरी दे दी गई। ऐसी नीति की घोषणा करने वाला महाराष्ट्र देश का पहला राज्य है। इस नीति के कार्यान्वयन के लिए 8,562 करोड़ रुपये के व्यय को भी मंजूरी दी गई।

कॅबिनेट बेठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने की। हाल ही में प्रधान मंत्री ने राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन की घोषणा की, जिसका लक्ष्य 2023 तक देश में सालाना 5 मिलियन टन हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करना है। महाराष्ट्र राज्य में भी हरित हाइड्रोजन एवं संबंधित उत्पादों की क्षमता को पहचानते हुए यह नीति बनाई गई है। राज्य की वर्तमान हाइड्रोजन मांग 0.52 मिलियन टन प्रति वर्ष है। यह मांग 2030 तक 15 लाख टन तक पहुंच सकती है ।

              हाइड्रोजन नीति उन परियोजनाओं को प्रोत्साहन प्रदान करेगी जो स्व-उपभोग के लिए राज्य में या राज्य के बाहर बिजली वितरण कंपनियों, पावर एक्सचेंजों से खुली पहुंच के माध्यम से नवीकरणीय ऊर्जा प्राप्त करती हैं। हरित हाइड्रोजन और संबंधित उत्पादन परियोजनाएं उच्च ऊर्जा कार्यालय के तहत पंजीकृत की जाएंगी। इन परियोजनाओं को परियोजना सुविधा महाउर्जा के पास 25,000 प्रति मेगावाट इलेक्ट्रोलाइजर क्षमता जमा करनी होगी। परियोजना कार्यान्वयन के समय से अगले दस वर्षों तक ट्रांसमिशन शुल्क, व्हीलिंग शुल्क से क्रमशः 50 प्रतिशत और 60 प्रतिशत रियायत दी जाएगी। स्टैंडअलोन और हाइब्रिड बिजली संयंत्रों को क्रमशः अगले 10 वर्षों और 15 वर्षों के लिए बिजली टैरिफ में 100 प्रतिशत रियायत दी जाएगी तथा  क्रॉस सब्सिडी और अधिभार से भी छूट दी जाएगी।

             इसके अलावा, प्रोत्साहन पैकेज योजना 2019 के अनुसार, 5 वर्षों के लिए हरित हाइड्रोजन को गैस में मिश्रित करने के लिए 50 रुपये प्रति किलोग्राम की सब्सिडी दी जाएगी। साथ ही, पहले 20 हरित हाइड्रोजन ईंधन भरने वाले स्टेशनों को 30 प्रतिशत पूंजी लागत सब्सिडी अधिकतम 4.50 करोड़ रुपये तक दी जाएगी। पहले 500 हरित हाइड्रोजन आधारित ईंधन सेल यात्री वाहनों को 30 प्रतिशत की सीमा के अधीन, प्रति वाहन 60 लाख रुपये तक की पूंजी लागत सब्सिडी दी जाएगी।

             हरित हाइड्रोजन परियोजनाओं के लिए निर्धारित भूमि को स्थानीय निकाय कर, गैर-कृषि कर और स्टांप शुल्क से पूरी तरह से  छूट दी जाएगी। कुशल जनशक्ति की भर्ती, उनके प्रशिक्षण, कौशल विकास, एक खिड़की सुविधा आदि के लिए 10 वर्षों के लिए 4 करोड़ प्रति वर्ष की मंजूरी भी दी कॅबिनेट बैठक में दि गई।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More