26 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

मुख्यमंत्री ने श्रीमती स्वराज से आग्रह किया वे उत्तराखण्ड के विशेष राज्य के दर्जे को बरकरार रखने की पैरवी केंद्र से करें

उत्तराखंड
देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने केन्द्रीय विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज को एक गंभीर एवं वरिष्ठ मंत्री व सम्मानित नेता बताते हुए कहा कि मैं उन्हे अत्यंत गंभीरता से लेता हूॅ भाजपा के प्रदेश नेताओं द्वारा उनके समक्ष राज्य के आर्थिक व अन्य पक्षों को न रखने के कारण ही मुझ पर उन्होने कुछ आक्षेप लगा दिया है। श्रीमती स्वराज द्वारा राज्य को ग्रीन बोनस व हिमालयन राज्यों के वाजिब हकों की बात करने पर आभार प्रकट किया है।

मुख्यमंत्री ने श्रीमती स्वराज से आग्रह किया है कि वे उत्तराखण्ड के विशेष राज्य के दर्जे को बरकरार रखने की पैरवी केंद्र से करें। उत्तराखण्ड को महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, गोवा, हरियाणा आदि राज्यों के समकक्ष नहीं रखा जा सकता है। केन्द्रीय करों के रूप में उपरोक्त सम्पन्न राज्यों से अधिक कर राजस्व प्राप्त होता है जबकि उत्तराखण्ड एक नवोदित राज्य है व हिमालयन राज्यों में आय के संसाधन कम होने के वजह से लगभग 65 प्रतिशत भूभाग वनों से आच्छदित होने के कारण हमारे राज्यों में आय के स्त्रोत सीमित हैं। हमारा राज्य सम्पन्न राज्यों के मुकाबले में बिना केन्द्रीय उदार सहायता के आगे बढ़ने में उतना सक्षम नहीं हो सकता, उन्होने केन्द्रीय मंत्री से यह भी आग्रह किया कि भारत के संघीय व्यवस्था में और प्रधानमंत्री मोदी की टीम इंडि़या के पार्टनर के रूप में हमारे राज्य को पूर्व की भांति ही केन्द्र से विशेष राज्य के दर्जे के तहत मिलने वाले 90ः10 के अनुपात में आर्थिक सहायता प्राप्त होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि भाजपा के प्रदेश नेतृत्व ने यदि राज्य से सम्बंधित सभी तथ्य केन्द्रीय मंत्री के समक्ष रखे होते तो अभी तक राज्य को विभिन्न मदों में काफी आर्थिक सहायता प्राप्त हो जाती। केन्द्रीय बजट में आठ  परियोजनाओं को केंद्रीय सहायता से पूर्णतः मुक्त कर दिया गया है । 24 योजनाओं में फंडिंग पैटर्न बदला गया।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि श्रीमती सुषमा स्वराज राष्ट्रीय स्तर की नेता है वरिष्ठम मंत्री में से एक है मैं उन्हे बहुत गंभीरता से लेता हूं, परन्तु विनम्रतापूर्वक यह भी अवगत कराना चाहता हूं कि पुलिस आधुनिकरण हेतु गत वर्ष लगभग 24 करोड रूपए प्राप्त हुए। पिछले पांच वर्षो में लगभग 110 करोड रूपए पुलिस आधुनिकरण हेतु राज्य को प्राप्त हुए। जबकि इस वर्ष अभी तक केन्द्र से कोई भी धनराशि इस मद में नहीं मिली है।
इसी प्रकार जेल आधुनिकरण हेतु केन्द्रीय गृह मंत्री द्वारा धन आवंटन दिया गया था लेकिन अभी तक कोई धनराशि नही मिली। वर्ष 2010 में आयोजित कुंभ के लिए केन्द्र सरकार से 1000 करोड की धनराशि प्राप्त हुई थी। वर्ष 2016 में आयोजित होने वाले अर्द्धकुंभ के लिए विगत एक वर्ष से केंद्र सरकार से अनुरोध करने के बावजुद अभी तक कोई धनराशि नहीं मिली है जबकि अर्धकुंभ मेला देश एवं दुनिया की अस्मिता से जुडा हुआ है।
प्रदेश में किसानों की स्थिती किसी से छिपी से नहीं है। राज्य अतिवृष्टि से प्रभावित हुआ है। गन्ना मूल्य भुगतान के लिए केन्द्र से बार-बार धनराशि की मांग की गई लेकिन कोई सकारात्मक रेस्पोन्स नहीं मिला। हमारी सरकार जब केन्द्र में थी उस समय चीनी का दाम लगभग 3200 रूपए प्रति क्विंटल था और किसानों को तुरन्त राहत देने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा 6600 करोड़ का विशेष पैकेज दिया गया जबकि प्रदेश सरकार द्वारा मांग करने के बावजुद किसानो एवं गन्ना उत्पादकों के लिए कोई राहत नहीं दी गई है हां बैठको का दौर लगातार जारी है नतीजा शून्य है।
परिवर्तित हिस्सेदारी के साथ जारी योजनाएं
1.      पशुधन विकास
2.      एकीकृत बागवानी विकास मिशन
3.      राष्ट्रीय कृषि विकास योजना
4.      राष्ट्रीय पशुधन मिशन
5.      राष्ट्रीय वाहनीय कृषि विकास मिशन
6.      डेयरी विकास अभियान
7.      पशु चिकित्सा सेवा और पशु स्वास्थ्य
8.      राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम
9.      स्वच्छ भारत अभियान (ग्रामीण और शहरी)
10.     राष्ट्रीय वानिकी कार्यक्रम
11.     राष्ट्रीय जल-पारिस्थितिकी-प्रणाली योजना (एनपीसीए)
12.     राष्ट्रीय एड्स तथा एसटीडी कार्यक्रम
13.     राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन
14.     राष्ट्रीय शहरी पशुधन मिशन (एनयूएलएम)
15.     राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए)
16.     राज्य उच्च शिक्षा के लिए कार्यनीतिक सहायता-राष्ट्रीय उच्च शिक्षा अभियान (आरयूएसए)
17.     न्यायपालिका के लिए अवसंरचना विकास
18.     राष्ट्रीय भू-रिकार्ड आधुनिकीकरण कार्यक्रम
19.     राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम)
20.     ग्रामीण आवास सबके लिए घर
21.     समेकित बाल विकास सेवा
22.     राजीव गांधी खेल अभियान (आरजीकेए) पूर्व में पंचायत युवा क्रीड़ा और             खेल अभियान (पीवाईकेकेए)
23.     पीएमकेएसवाई (वाटरशेड और लघुसिंचाई कार्यक्रमों सहित)
24.     एआईबीएफएमपी के मूल्यांकन अध्ययनों का प्रभाव
केंद्रीय सहायता से पूर्णतया मुक्त योजनाएं
1.     राष्ट्रीय ई-शासन योजना
2.     पिछड़ा अनुदान कोष
3.     पुलिस बलों का आधुनिकीकरण
4.     राजीव गांधी पंचायत सशक्तिकरण अभियान (आरजीपीएसए)
5.     निर्यात अवसंरचनाओं के विकास के लिए राज्यों को केंद्रीय सहायता की             योजनाएं
6.     6000 मॉडल स्कूलों की स्थापना के लिए योजना
7.     राष्ट्रीय खाद्य प्रसंस्करण मिशन
8.     पर्यटन अवसंरचना
     उक्त जानकारी मीडिया प्रभारी सुरेन्द्र कुमार द्वारा मीडिया से बातचीत  के दौरान दी गई।

Related posts

4 comments

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More