देहरादून: आज हिमालय के दुर्लभ क्षेत्र की जैव विविधता का संरक्षण एवं यहां के निवासियों के सतत विकास के लिए KSLCDI योजना के क्रियान्वयन और द्वितीय चरण के सम्बन्ध में चर्चा करने के लिए उक्त संस्था के प्रतिनिधियों ने मा0 वित्त मंत्री श्री प्रकाश पन्त जी से मुलाकात की और उन्हें पूरी योजना के बारे में विस्तार से बताया तथा दिशा निर्देश मांगे।
ज्ञातव्य है कि कैलाश पवित्र भूदृश्य जो कि भारत, तिब्बत (चीन) और नेपाल में फैला हुआ है। इसका भारतीय भू-भाग में ICIMOD नेपाल तथा MOEF भारत सरकार द्वारा संयुक्त रूप से Kailash Sacred Landscape Conservation and Development Initiative (KSLCDI) पंचवर्षीय योजना 2012 से 2017 क्रियान्वित की जा रही है। यह योजना इसी वर्ष 2017 में पूर्ण होकर द्वितीय चरण में प्रवेश के लिए प्रस्तावित है। कैलाश पवित्र भूदृश्य का परिक्षेत्र चीन के तिब्बत Tibet Autonomous Region (TAR-China) उत्तर पश्चिम नेपाल व उत्तराखण्ड के पिथौरागढ़ जनपद में फैला हुआ है और इसका कुल क्षेत्रफल 31,252 वर्ग किलोमीटर है। ध्यान रहे कि एशिया महाद्वीप की महत्वपूर्ण नदियां गंगा, ब्रह्मपुत्र, इन्दस तथा सतलुज का उद्गम स्थल होने के कारण इस क्षेत्र को पवित्र और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध माना जाता है। कैलाश मानसरोवर को तो ब्रह्माण्ड का केन्द्र बिन्दु माना जाता है। यहां की संवदेनशील और महत्वपूर्ण जैव विविधता दुर्लभ है और विश्व मानव के विकास हित इसका संरक्षण अनिवार्य है। इसी भावना को ध्यान में रखते हुए KSLCDI का गठन किया गया है, जिसमें तीनों देश भारत, तिब्बत (चीन) और नेपाल शामिल हैं। उक्त योजना के क्रियान्वयन हेतु भारत सरकार ने GBPNIHESD को नोडल एजेंसी बनाया गया है और इसमें उत्तराखण्ड स्पेस अपलीकेशन सेन्टर (USAC) उत्तराखण्ड राज्य जैव विविधता बोर्ड (USSB) वाइल्ड लाईफ इन्स्टीट्यूट आफ इंडिया (WII) और सेंट्रल हिमालयन एवायरमेंट एसोसिएशन (CHEA) द्वारा संयुक्त रूप से उक्त योजना का संचालन किया जा रहा है और इस भूदृश्य के संरक्षण व स्थानीय निवासियों के विकास हेतु चहंमुखी प्रयास किये जा रहे हैं। उक्त योजना के सफल कार्यान्वयन के लिए दिशा निर्देश लेने प्रतिनिधि मण्डल आज मा0 वित्त मंत्री जी से मिला और परियोजना पर विस्तार से चर्चा की। मा0 मंत्री जी ने प्रतिनिधि मण्डल को उचित दिशा निर्देश दिये। मा0 मंत्रीजी ने कहा कि हमारा प्रयास है कि इस क्षेत्र के जन सामान्य को विकास में भागीदार बनाया जाय।
प्रतिनिधि मण्डल में डा. बी0एम0एस0 राठौर, श्री राजन कोटरू, श्री स्वप्निल चैधरी, डा. राकेश शाह, श्री एस.एस.रसाईली, श्री बी.एस. अधिकारी, डाॅ. आर.एस. रावल, श्री रविन्द्र के. जोशी, श्री पंकत तिवारी, श्री घनश्याम पाण्डे, श्री गजेन्द्र सिंह मुख्य रूप से शामिल रहे।