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कर्नाटक को बाजार के ज्यादा उत्पादन के साथ तैयार रहना चाहिए : सचिव, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण

देश-विदेश

उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तहत आने वाले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग में सचिव श्री सुधांशु पांडे ने मुख्य सचिव, कर्नाटक सरकार के साथ एक बैठक की। इस दौरान खरीद के आकस्मिक दावों, खरीद संचालन के लिए राज्य की तैयारियों, फोर्टिफाइड राइस कर्नेल्स के उत्पादन के लिए इकाइयों की स्थापना, फोर्टिफाइड चावल का वितरण, बाजरा के उत्पादन को प्रोत्साहन, एथेनॉल ब्लेंडिंग यूनिट्स आदि की स्थापना आदि पर विचार विमर्श किया गया।

सचिव ने राज्य को बताया कि खरीद के आकस्मिक दावों और स्वचालित ईपीओएस वितरण की सीमा तक सब्सिडी की धनराशि के वितरण के लिए राज्यों को होने वाले भुगतान को पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है। उन्होंने बताया कि राज्यों को अपनी खरीद और वितरण योजनाओं को पहले ही विभाग से स्वीकृत करा लेना चाहिए और कहा कि अनाज की खरीद व वितरण के लिए संशोधित दिशानिर्देश 10 महीने की अवधि तक बढ़ा दिए जाएंगे।

श्री पांडे ने बताया कि 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में घोषित किया जा रहा है और रागी का सबसे बड़ा उत्पादक होने के कारण कर्नाटक को बाजरा का उत्पादन बढ़ाने के लिए तैयार होना चाहिए। साथ ही स्टार्टअप्स के माध्यम से बाजरा उत्पादों की पैठ बढ़ाने के लिए हैदराबाद में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मिलेट्स के साथ समझौता करना चाहिए। खाद्य सचिव ने बताया कि कर्नाटक दूसरे राज्यों की बाजरा की आवश्यकता को भी पूरा कर सकता है, जिसमें केंद्र, सभी हैंडलिंग और परिवहन लागत वहन करता है।

उन्होंने बताया कि केन्द्र ने पहले ही राज्य द्वारा खुद ही खपत के लिए उडुपी और दक्षिण कन्नड़ में धान की स्थानीय प्रजातियों को खरीद को स्वीकृति दी है। मुख्य सचिव के अग्रिम रूप से सब्सिडी जारी करने के अनुरोध पर, सूचित किया गया कि राज्य को खरीद संचालन की शुरुआत से पहले अपना अनुमानित व्यय भेजना चाहिए, जिसके के आधार पर अग्रिम धनराशि जारी की जा सकती है।

केंद्र की महत्वपूर्ण परियोजना की ओर राज्य का ध्यान आकर्षित करते हुए जो आईसीडीएस और एमडीएम योजनाओं के तहत फोर्टिफाइड चावल का वितरण है, उन्होंने सुझाव दिया कि बच्चों के स्वास्थ्य विकास की निगरानी के लिए राज्य के स्वास्थ्य विभाग को शामिल किया जाना चाहिए। राज्य की धान की खरीद बढ़ाने की महत्वाकांक्षी योजनाओं को देखते हुए उन्होंने सुझाव दिया कि आकांक्षी और भारी दबाव वाले जिलों के लिए 100 प्रतिशत फोर्टिफाइड चावल के दीर्घकालिक उद्देश्य को देखते हुए एफआरके यूनिट्स की स्थापना के साथ स्थानीय स्तर पर खरीद की जा सकती है। उन्होंने सुझाव दिया कि राज्य को खुद ही मिलिंग के चरण में चावल का फोर्टिफिकेशन करना चाहिए।

कर्नाटक के चीनी के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक होते हुए, खाद्य सचिव ने सुझाव दिया कि एथेनॉल और ब्लेंडिंग को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए, क्योंकि कर्नाटक आठ चिह्नित राज्यों में से एक है जिनकी मेट्रो शहरों में 100 एथेनॉल बंक पेश करने की योजना है।

मुख्य सचिव ने खरीद संचालन के लिए एकीकृत सॉफ्टवेयर रखने का सुझाव दिया, जिस पर सचिव ने बताया कि यह प्रस्ताव अभी विचाराधीन है।

सचिव ने बताया कि राज्य द्वारा गरीबों के वास्तविक फायदे के लिए प्रवासी कामगारों, कॉफी बागान मजदूरों और निर्माण गतिविधियों से जुड़े अन्य कामगारों के लिए ‘एक राष्ट्र, एक राशन’ योजना को सक्रिय रूप से आगे बढ़ाया जा सकता है।

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