जयपुर: राजस्थान बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान के विरूद्ध चल रहे ऑर्म्स एक्ट मामले में सीजेएम ग्रामीण कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई होनी थी, लेकिन न्यायाधीश अभी छुट्टी पर चले गए हैं। इसके कारण सुनवाई की तारीख अब 16 मार्च रखी गई है। पीठासीन अधिकारी अनुपमा बिजलानी ने अभियोजन की ओर से वर्ष 2006 में दायर किए गए प्रर्थना पत्रों पर निर्णय सुनाते हुए अभियोजन को अंतिम मौका दिया था। कोर्ट में लंबित तीन प्रार्थना में से दो को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए चौबीस में से चार गवाह पेश करने की अनुमति दी।
वहीं, एफएसएल व मालखाने से संबंधित तीन दस्तावेज पेश करने की अनुमति दी गई। अभियोजन की ओर से गवाह मान सिंह पलिया, कैलाशगिरी, भवानी सिंह और विरेन्द्र सिंह को पेश किया जाना है। अभियोजन को चार गवाह और तीन दस्तावेज पेश करने होंगे, अन्यथा अभियोजन की डिफेंस को बंद करते हुए फैसले की तारीख मुकरर की जाएगी।
गौरतलब है कि राजस्थान में फिल्म ‘हम साथ साथ हैं’ की शूटिंग के दौरान काले हिरन के शिकार का आरोप सलमान खान, सोनाली बेंद्रे, तबु, नीलम और अन्य पर लगाया गया था। निचली अदालत ने सलमान को वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम के तहत 10 अप्रैल, 2006 को दोषी ठहराते हुए पांच साल कैद की सजा सुनाई थी और 25,000 रुपए का जुर्माना लगाया था।
सत्र अदालत ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ सलमान की अपील को खारिज करते हुए 24 अगस्त, 2007 को उन्हें दोषी ठहराने के निचली अदालत के फैसले और उनकी सजा को बरकरार रखा था।
राजस्थान उच्च न्यायालय ने 31 अगस्त, 2007 को उनकी सजा को निलंबित कर दिया था और 12 नवंबर, 2013 को उन्हें दोषी ठहराए जाने के निचली अदालत के फैसले को भी निलंबित कर दिया था, क्योंकि इससे सलमान की विदेश यात्राओं में बाधा आ रही थी।
बाद में सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट के उस आदेश निरस्त कर दिया, जिसमें काले हिरण के शिकार मामले में अभिनेता सलमान खान को दोषी ठहराने के निचली अदालत के फैसले पर रोक लगा दी गई थी। उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में दखल से इनकार करते हुए निचली अदालत को दोबारा सुनवाई के लिए भेज दिया था।
सलमान और अन्य के खिलाफ कृष्णमृग (काले हिरण) का शिकार करने के मामले में दो अक्टूबर, 1998 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। मृग का शिकार 28 सितंबर, 1998 की आधी रात को राजस्थान के मथानिया गांव में किया गया था।
सलमान को 12 अक्टूबर, 1998 को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन 15 अक्टूबर को उन्हें जमानत दे दी गई थी, जिसके बाद 17 अक्टूबर को उन्हें रिहा कर दिया गया था।