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जे. पी. नड्डा ने स्वच्छता और साफ-सफाई के उच्च मानकों को बनाए रखने के लिए जन स्वास्थ्य सुविधाओं को कायाकल्प पुरस्कार प्रदान किए

देश-विदेश

नई दिल्लीः ‘कायाकल्प ने सभी हितधारकों के मन में ‘स्वामित्व’ की भावना बैठाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। स्वामित्व की यह भावना ‘स्वच्छता के लिए प्रतिबद्धता’ के रूप में परिवर्तित हुई है।’ उक्त बातें केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जे. पी. नड्डा ने आज यहां स्वच्छता और साफ-सफाई के उच्च मानकों को बनाए रखने के लिए जन स्वास्थ्य सुविधाओं को कायाकल्प पुरस्कार प्रदान करने हेतु आयोजित कार्यक्रम के दौरान कहीं।

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल, स्वास्थ्य विभाग की सचिव श्रीमती प्रीति सूदन, पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय के सचिव श्री परमेश्वरन अय्यर तथा डीजीएचएस की डॉ. प्रोमिला गुप्ता भी कार्यक्रम में उपस्थित थीं।

श्री नड्डा ने विजेताओं को बधाई दी और कहा कि स्वच्छता अब सिर्फ एक बार की गतिविधि नहीं रह गई है बल्कि यह हमारे दैनिक कार्यों में एकीकृत हो गई है। यह हमारी आदत बन गई है। जन स्वास्थ्य सुविधाओं के संदर्भ में समुदाय के विश्वास को जीतने में कायाकल्प ने एक प्रमुख भूमिका निभाई है। उन्होंने आगे कहा कि अस्पतालों द्वारा स्वच्छता, साफ-सफाई और संक्रामक नियंत्रण गतिविधियों के प्रति दिखाए गए उत्साह को निरंतर जारी रखा जाना चाहिए।

‘मेरा अस्पताल’ आईसीटी आधारित ऐप है। इस ऐप के माध्यम से मरीज अस्पताल में प्राप्त सेवाओं को साझा कर सकते हैं। श्री नड्डा ने कहा कि 1000 सरकारी अस्पतालों को इस सुविधा से जोड़ा गया है। मरीज स्वच्छता, साफ-सफाई, अस्पताल कर्मियों के व्यवहार आदि से संबंधित अपने अनुभव साझा कर सकते हैं। हम जन स्वास्थ्य सुविधा के अनुभव की गुणवत्ता के प्रति एक आदर्श बदलाव ला रहे हैं। इससे जन स्वास्थ्य प्रणाली के उत्तरदायित्व में बढ़ोतरी होगी।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा कि आयुष्मान भारत के शुभारंभ होने के बाद स्वास्थ्य महत्वपूर्ण बिन्दु बन गया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन (एनएचपीएम) लगभग 50 करोड़ लोगों को सुरक्षा प्रदान करेगा। स्वास्थ्य व कल्याण केंद्र प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेगा। स्वास्थ्य व कल्याण केंद्र गैर संक्रमण रोगों, मानसिक रोगों, दांतों की देखभाल से संबंधित सुविधाएं प्रदान करेगा। सरकार ने मधुमेह, उच्च रक्तचाप तथा कैंसर जैसी बीमारियों के लिए सार्वभौमिक जांच शुरू की है।

अपने संबोधन में श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने कहा कि अस्पतालों में स्वच्छता सिर्फ सौंदर्य व मरीजों की संतुष्टि से संबंधित नहीं है बल्कि यह अस्पताल से प्राप्त संक्रमण की घटनाओं की संख्या में कमी करता है। उन्होंने आगे कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय अन्य मंत्रालयों के सहयोग से स्वच्छता व साफ-सफाई के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रयासरत है।

स्वास्थ्य मंत्रियों ने विभिन्न श्रेणियों विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए। केंद्र सरकार अस्पताल श्रेणी में 2.5 करोड़ रुपये का पहला पुरस्कार अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को दिया गया है। इस श्रेणी में 1.5 करोड़ रुपये का दूसरा पुरस्कार पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, चंडीगढ़ को दिया गया। 50 लाख रुपये का सराहना पुरस्कार जेआईपीएमईआर, पुद्दुचेरी तथा सफदरजंग अस्पताल, दिल्ली को दिया गया। एमजीआईएमएस, वर्धा को प्रशंसा प्रमाण पत्र दिया गया।

ग्रुप बी श्रेणी में 1.5 करोड़ रुपये का पहला पुरस्कार एनईआईजीआरआईएचएमएस, शिलांग को दिया गया जबकि इसी श्रेणी में एक करोड़ रुपये का दूसरा पुरस्कार एम्स, भुवनेश्वर को मिला। 50 लाख रुपये का सराहना पुरस्कार एनआईएमएचएएनएस, बैंगलुरू, एम्स, ऋषिकेश, एम्स रायपुर, एनआईटीआरडी, नई दिल्ली तथा एम्स भोपाल को दिया गया। एम्स जोधपुर को प्रसंशा पत्र प्राप्त हुआ।

श्री जे. पी. नड्डा ने संबंधित राज्यों के जिला अस्पतालों, पीएचसी तथा सीएचसी विजेताओं को भी पुरस्कार प्रदान किए।

समारोह में श्री जे. पी. नड्डा और श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने कायाकल्प काफी टेबल बुक, रोगी सुरक्षा फ्रेमवर्क तथा कायाकल्प कार्यान्वयन निर्देशिका जारी किया।

पेय जल और स्वच्छता मंत्रालय के सचिव श्री परमेश्वरन अय्यर ने कहा कि भारत में स्वच्छता एक क्रांति बन गई है। स्वच्छता और साफ-सफाई जन आंदोलन बन गए हैं। ये स्वास्थ्य से निकटता से जुड़े हैं। स्वास्थ्य विभाग की सचिव श्रीमती प्रीति सूदन ने कहा कि स्वास्थ्य देखभाल के लिए स्वच्छता, साफ-सफाई और कचरा प्रबंधन बहुत महत्वपूर्ण है।

कायाकल्प समारोह के साथ मंत्रालय का स्वच्छता पखवाड़ा 2018 भी समाप्त हुआ। मंत्रालय ने एक अप्रैल से 15 अप्रैल, 2018 तक स्वच्छता पखवाड़ा मनाया। जन स्वास्थ्य सुविधाओं को दिए जाने वाले कायाकल्प पुरस्कार की स्थापना स्वच्छ भारत अभियान के तहत 15 मई, 2015 को की गई थी। यह पहल 2015 में जिला अस्पतालों तथा 10 केंद्र सरकार संस्थानों के साथ शुरू की गई थी। 2016 में सीएचसी, एसडीएच, पीएचसी तथा 6 नए एम्स को जोड़ा गया। पिछले वर्ष शहरी स्वास्थ्य सुविधाओं तथा 21 केंद्र सरकार संस्थानों को स्वच्छता के इस मिशन से जोड़ा गया।

इस समारोह में स्वास्थ्य विभाग के एएस श्री संजीव कुमार, एएस एंड एमडी श्री मनोज झालानी तथा राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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