लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में आनलाइन टिकट आरक्षण सम्बन्धी अनियमितता के प्रकरण का मामला मीडिया द्वारा संज्ञान में लाया गया था, जिसमें कहा गया था कि साइबर अपराधियों ने गेट-वे पेमेंट को हैक कर गड़बड़ी की है। मीडिया की खबरों का संज्ञान लेकर इस सम्बन्ध में 03 जुलाई, 2018 के ट्रांजेक्शन की स्थिति का परीक्षण किया गया, जिसमें से फेल दिख रहे 50 ट्रांजेक्शनों को प्रथम दृष्टया परीक्षण योग्य पाकर इसकी जांच की गयी।
मामले की विवेचना के लिए एच0डी0एफ0सी0 बैंक की टीम को भी शामिल किया गया। जांच में पया गया कि इन 50 ट्राॅजेक्शनों में 27 टिकटों की धनराशि यू0पी0एस0आर0टी0सी0 को ससमय प्राप्त हो गयी थी तथा शेष 23 टिकटों की धनराशि में 18 बैंक आॅफ इण्डिया के, 04 एच0डी0एफ0सी0 वीसा कार्ड के और 01 सारस्वत बैंक लिमि0 के हैं, जिसकी जाॅच चल रही है।
आनलाईन टिकट बुकिंग सिस्टम में पूर्व से निर्धारित व्यवस्था के तहत गेट-वे सेवा प्रोवाइडर (एच0डी0एफ0सी0) तीसरे दिन ट्रांजेक्शन पूर्ण करता है। अतः शेष 23 ट्रांजेक्शनों की स्थिति में भी यदि अनियमितता है तो इसका कल तक मिलान हो जायेगा। यात्रियों के लिए गेट-वे सेवा पूर्व की भाॅति 04 जुलाई, 2018 सांय से ही उपलब्ध है। प्रकरण की सक्षम एवं सूक्ष्म जाॅच के लिए परिवहन निगम द्वारा स्थानीय थाना वजीरगंज में ही प्रथम सूचना रिपोर्ट भी 04 जुलाई, 2018 को दर्ज करा दी गयी।
परिवहन निगम द्वारा अतिरिक्त सुरक्षा की दृष्टि से उपमुख्य लेखाधिकारी-आडिट के नेतृत्व में अपनी संतुष्टि के लिए एक दल गठित कर समानान्तर परीक्षण प्रारम्भ कर दिया गया है, जो कि शीघ्र ही अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।